गाजियाबाद। (ब्यूरो डेस्क ) डबल इंजन की सरकार के नाम से विख्यात रही योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जहां अपने पहले कार्यकाल में मजबूत निर्णय लिए वहीं मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार शपथ लेते ही योगी आदित्यनाथ फिर मजबूत निर्णय लेते हुए सक्रिय हो गए है। बुलडोजर बाबा के नाम से विख्यात हो चुके […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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सरकारी हिंदू , असरकारी हिंदू
अनिल त्रिवेदी सनातन समय से दुनिया भर में हिन्दू दर्शन,जिज्ञासा, जीवनी शक्ति और अध्यात्म की तलाश का विचार या मानवीय जीवनपद्धति ही रहा है।आज भी समूची दुनिया में उसी रूप में कायम हैं।साथ ही सनातन समय तक हिन्दू दर्शन इसी स्वरूप में रहेगा भी। हिन्दू शब्द से एक ऐसे दर्शन का बोध स्वत:ही होता आया […]
श्री आचार्य वैद्यनाथ शास्त्री धर्म क्या है और अधर्म क्या है? यह एक विवेच्य विषय है। नीतिवादों का विचार यह है कि भक्षण और रक्षण आदि चेतनमात्र में स्वभावतः है और पशु एवं मानव इन विषयों में समान है। परन्तु रक्षण का विषय एक ऐसी विशेषता है जो मानव में ही पायी जाती है। मानव […]
योगी ने इतिहास रचा और इतिहास ने योगी को रचा। दोनों एक दूसरे के अन्योन्याश्रित संबंध के साथ लखनऊ स्थित इकाना स्टेडियम में जब मिले तो लोगों ने भी इस ऐतिहासिक अवसर और ऐतिहासिक पुरुष को बड़े गौर से देखा । वैसे तो 10 मार्च को ही यह स्पष्ट हो गया था कि यूपी […]
*कश्मीरी मुसलमानों ने जिहादी आतंकवादियों को सहायता की, इसीलिए हिंदुओं का नरसंहार करना सरल हुआ ! *- डॉ. क्षमा कौल, साहित्यकार, जम्मू कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार का सत्य अंत में समाज को स्वीकार करना ही पड़ा। ‘दि कश्मीर फाइल्स’ फिल्म के कारण यह संभव हुआ । वर्ष 1990 की भयानक कालरात्रि के पश्चात तत्कालीन सरकार […]
उगता भारत ब्यूरो “हाल ही में एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया, वर्ष 2009 से केरल और मैंगलोर की लगभग 32000 लड़कियों को हिंदू और ईसाई से इस्लाम मजहब में कन्वर्ट किया गया है और उनमें से ज्यादातर सीरिया, अफगानिस्तान और अन्य ISIS व हक्कानी प्रभावशाली क्षेत्र में पहुँच जाती हैं।” कश्मीरी पंडितों के नरसंहार […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा सोशल मीडिया के प्लेटफार्मों के चलते पोस्टकार्ड ही नहीं अपितु अब तो ईमेल भी बेमानी होती जा रही है। ईमेल तो अब दस्तावेजों के आदान-प्रदान का माध्यम बनती जा रही है। हालांकि ईमेल का अपना महत्व आज भी बरकरार है। बात भले ही अजीब लगे पर अब मनोविज्ञानी भी मानने लगे […]
प्रो. संजय द्विवेदी 1960 में के. आसिफ ने अकबर की बादशाहत पर ‘मुगले-ए-आजम’ के तौर पर एक भव्य और ऐतिहासिक फिल्म बनाई’, जबकि उसी वक्त राजकपूर ‘जिस देश में गंगा बहती है’ और दिलीप कुमार ‘गंगा-जमुना’ जैसी फिल्में बना रहे थे। समाज की बेहतरी, भलाई और मानवता का स्पंदन ही भारतबोध का सबसे प्रमुख तत्व […]
विक्रम शर्मा जन्म से मैं स्वयं एक ब्राह्मण हूँ, इसलिए यह लिखने की धृष्टता कर रहा हूँ. मेरे पूर्वज भी मूलतः कश्मीर से ही थे जो शताब्दियों पूर्व, शायद बुतशिकन की यातनाओं के ज़माने में या किसी और समय पंजाब में लाहौर और गुजरांवाला में आकर बस गए थे। 1947 में उन्हें वहां से भी […]
नीरज जबसे ‘कश्मीर फाइल्स’ फिल्म रिलीज़ हुई है कुछ सवाल बार-बार पूछे जा रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि ये फिल्म मुसलमानों के खिलाफ भड़काती है। कुछ की आपत्ति है कि फिल्म में एक भी Positive मुस्लिम किरदार नहीं है। कुछ का कहना है कि फिल्म सभी मुसलमानों को एक ही रंग में […]