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विभिन्न देश अपना-अपना नववर्ष मनाते हैं, पर हम भारतीय नववर्ष मनाने में संकोच क्यों करते हैं?

 डॉ. पवन सिंह मलिक इस उत्सव में नव-संवत के अतिरिक्त अन्य अनेक प्रसंग भी जुड़े हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना प्रारंभ की। सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन अपना राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है। […]

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इतिहास के पन्नों से

उज्जैन नगरी से आरंभ हुआ था विक्रमी संवत

श्री राम तिवारी 2 अप्रैल गुड़ी पड़वा पर विशेष लेख स्वाधीन भारत में संविधान स्वीकार करते समय राष्ट्र गान एवं राष्ट्र ध्वज के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर दो सम्वत् अंगीकार किये गये हैं. पहला ईस्वी सम्वत् और दूसरा शक सम्वत्। ये दोनों ही सम्वत् भारत आक्रांताओं और उसे पराधीन बनाने वाली शक्तियों द्वारा प्रवर्तित किये […]

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स्वास्थ्य

चिकित्सा शिक्षा में आत्मनिर्भरता की दरकार

अश्वनी महाजन रूस द्वारा यूक्रेन पर युद्ध करने के बाद जब यूक्रेन में फंसे भारतीयों की बात सामने आई तो एक बात जिसकी जानकारी सरकार और कुछ अन्य लोगों को थी, लेकिन आम समाज इस बात से अनभिज्ञ था कि यूक्रेन में 20 हजार भारतीय विद्यार्थी रह रहे थे, जिसमें हजार मेडिकल विद्यार्थी थे। यूक्रेन […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

गीता, कुरान और बाइबिल को साथ साथ पढ़ाने की जिद के मतलब

प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज शिक्षा संस्थानों और मीडिया द्वारा फैलाये गये व्यापक अज्ञान का यह कारण है कि कुछ उत्साहित नवशिक्षित हिन्दू इस कल्पना से प्रसन्न हो रहे हैं कि उच्चतर माध्यमिक या माध्यमिक कक्षाओं में गीता, कुरान और बाईबिल का सार साथ-साथ पढ़ाया जायेगा। अपनी मूढ़ता में मग्न वे मान रहे हैं कि गीता […]

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मुद्दा

जहाँ विराजमान है माँ शारदा, वो कश्मीर हमारा है

अभिजीत सिंह 1947 में जब भारत आजाद हुआ था तब जम्मू-कश्मीर का कुल क्षेत्रफल था 2,22,236 वर्ग किलोमीटर जिसमें से चीन और पाकिस्तान ने मिलकर लगभग आधे जम्मू-कश्मीर पर कब्ज़ा किया हुआ है और भारत वर्ष के पास केवल 1,02,387 वर्ग किलोमीटर कश्मीर भूमि शेष है। जम्मू-कश्मीर के जो भाग आज हमारे पास नहीं हैं […]

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भाषा

हिंदी के विकास में रोड़े अटकाने का इतिहास

 उमेश चतुर्वेदी हिंदी की इस भावी हालत को संविधान निर्माताओं ने समझा था। संविधान निर्माताओं को लगता था कि अगर हिंदी में संविधान बनेगा तो वह भारतीय मानस को पूरी तरह गुलामी से मुक्ति की अभिव्यक्ति का माध्यम तो बनेगा ही, भारतीय लोगों पर भारतीय तरीके से शासन का जरिया भी बनेगा। संवैधानिक मान्यता हासिल […]

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महत्वपूर्ण लेख

वर्तमान चुनावों ने मायावती को इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दिया है ?

शकील अख्तर इस विधानसभा चुनाव के पहले तक माना जाता था कि दलित मायावती को छोड़कर कहीं नहीं जा सकते। यह भी कहा जाता था कि इस चुनाव में भी अगर दलित भाजपा की तरफ जा रहा है तो वह मायावती की मर्जी से। मगर खुद मायावती ने ही अपनी यह छवि तोड़ दी। उनका […]

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महत्वपूर्ण लेख

5 विधानसभा चुनाव और भाजपा का बढ़ता जनाधार

 डॉ. सौरभ मालवीय एमएलसी भूपेन्द्र चौधरी को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। वह पिछली सरकार में पंचायती राज मंत्री थे। एमएलसी जितिन प्रसाद को भी कैबिनेट में स्थान दिया गया है। वह कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। एमएलसी आशीष पटेल को भी कैबिनेट में स्थान दिया गया है। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद […]

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देश विदेश

चीन की मात के बाद भारत के विदेश मंत्री की श्रीलंका की सफल यात्रा

हर्ष सिन्‍हा भारतीय विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर की श्रीलंका यात्रा दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों के नजरिए से काफी सफल रही है। दोनों विदेश मंत्रियों ने आधा दर्जन महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भारतीय विदेश मंत्री ने आश्वस्त किया है कि आर्थिक संकट से निपटने […]

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व्यक्तित्व

योगी के मोदी से भी मुखर होने की छवि का मिला भाजपा को लाभ, बन गए संघ के चहेते

अवधेश कुमार भारतीय राजनीति, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के बारे में सामान्य जानकारी रखने वाले भी मानेंगे कि योगी आदित्यनाथ एक मजबूत राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित हो गए हैं। पांच राज्यों में हुए हालिया चुनावों में पंजाब में आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त विजय हासिल की है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर सबसे […]

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