उगता भारत ब्यूरो तुलसीदास जी बहराइच में जारी इस “भेड़चाल के बारे में वे अपनी “दोहावली” में कहते हैं – लही आँखि कब आँधरे, बाँझ पूत कब ल्याइ । कब कोढ़ी काया लही, जग बहराइच जाइ॥ अर्थात “पता नहीं कब किस अंधे को आँख मिली, पता नहीं कब किसी बाँझ को पुत्र हुआ, पता नहीं […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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उगता भारत ब्यूरो मैसूर पुरातत्व विभाग की 1935 की रिपोर्ट से खुलासा “जामिया मस्जिद का निर्माण टीपू सुल्तान ने अंजनेय मंदिर को ध्वस्त करने के बाद, उसके मलबे से भूतल को भरने के बाद करवाया था।” कर्नाटक के मांड्या जिले के श्रीरंगपट्ट्नम शहर में मंदिर-मस्जिद विवाद के बीच मैसूर पुरातत्व विभाग की 1935 की रिपोर्ट […]
लेखक :- डॉ० मोहन चन्द तिवारी “या सृष्टिः स्रष्टुराद्या वहति विधिहुतं या हविर्या च होत्री, ये द्वे कालं विधत्तः श्रुतिविषयगुणा या स्थिता व्याप्य विश्धम्. यामाहुः सर्वबीजप्रकृतिरिति यया प्राणिनः प्राणवन्तः, प्रत्यक्षाभिः प्रसन्नस्तनुभिरवतु वस्ताभिरष्टाभिरीशः ॥” -‘अभिज्ञानशाकुंतलम्’,1.1 महाकवि कालिदास के विश्व प्रसिद्ध नाटक ‘अभिज्ञान शाकुंतलम्’ में आए उपर्युक्त अष्टमूर्ति शिव की वंदना से ही मैं अपनी पर्यावरण के […]
मुहम्मद का लिंग चमत्कार !
मुहम्मद का लिंग चमत्कार ! 9 Votes B.N. Sharma Represent: Dr. Santosh Rai यह एक अटल सत्य है कि “जैसी मति वैसी गति “अर्थात व्यक्ति जीवन जैसे विचार और आचार रखता है ,उसकी मौत भी वैसी ही होती है .मुसलमान भले मुहम्मद को रसूल और महापुरुष कहते रहें ,लेकिन वास्तव में वह एक अत्याचारी ,कामी […]
दयानंद पांडेय समझ नहीं आता कि भारत में इस्लाम इतना नाज़ुक क्यों है भला ! ज़रा-ज़रा सी बात पर कुम्हला जाता है। जब मन तब दंगा-फ़साद करवा देता है। ठेले पर पत्थर ले कर ऐसे आ जाता है , गोया सब्ज़ी ले कर आया हो। छत पर भी पत्थर सजा कर रखता है। और ऐसे […]
ललित गर्ग एंकर बहस की शुरुआत चाहे जितने ही सामाजिक विषय से करे, वह अंत मे पहुंचता सिर्फ हिन्दू मुसलमान पर ही है। क्या इसी दिन के लिए यह प्रोग्राम बनाए गए थे, बल्कि सोचा गया था कि बहस से कोई रास्ता निकलेगा और वह समाज को रास्ता दिखाएगा। इस्लाम एवं पैगम्बर पर टिप्पणी के […]
भारतीय संस्कृति में वटवृक्ष की महत्ता
पूनम नेगी भारतीय संस्कृति में वट वृक्ष को विशेष महत्व प्राप्त है। इस वृक्ष को प्रकृति के सृजन का और चैतन्य सत्ता प्रतीक माना जाता है। आयुर्वेद में भी वटवृक्ष को आरोग्य प्रदाता माना गया है। विभिन्न शोधों से यह साबित हो चुका है कि प्रचुर मात्रा में प्राणवायु (आक्सीजन) देने वाला यह वृक्ष मनों-मस्तिष्क […]
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा कभी राजस्थान की औद्योगिक नगरी के रूप में जाना जाने वाला कोटा शहर बीते कुछ दशकों से शिक्षा नगरी के नाम से पहचान बना चुका है। आईआईटी और इंजीनियरिंग में प्रवेश दिलाने की कोचिंग के लिए कोटा शहर की पहचान पूरे देश में कोचिंग हब के रूप में है। कोटा के […]
डॉ विवेक आर्य (6 जून 1674 को वीर छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ था। शिवाजी के सिंघासन आरोहण का प्रभाव अगली एक शताब्दी तक हम पूरे भारत में देखते है जब मराठा शक्ति पूरे भारत पर छा गई। आज शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के उपलक्ष में यह ऐतिहासिक लेख प्रस्तुत है) भारतीय इतिहास की पाठय […]
दयानंद पांडेय होता है कई बार कि शेर से लड़ जाने वाले लोग चूहे-बिल्ली से भी डर जाते हैं। कुत्तों से भी। मैं भी डरता हूं चूहे , बिल्ली और कुत्तों से। बहुत डरता हूं। मक्खी और मच्छर से भी। लेकिन शेर से तो नहीं ही डरता। मान लेता हूं कि सरकार चलाने वाले लोग […]