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राजनीति

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस से दूरी बनाकर एकला चलो का संकेत दिया केजरीवाल ने

अनुराग गुप्ता  आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद को कट्टर ईमानदार और पार्टी को ईमानदार पार्टी बताते हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी को लगता है कि उसकी छवि दूसरे दलों की छवि से मेल नहीं खाती है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष सक्रिय हो चुका है। पश्चिम […]

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मुद्दा

अल्पसंख्यक मंत्रालय और देश के अल्पसंख्यक

विजय मनोहर तिवारी ८90 पर अल्पसंख्यक शब्द का प्रयोग नहीं करता हूं, खासकर मुस्लिम समाज के संदर्भ में और स्पष्ट रूप से यह मानता हूं कि विशेषाधिकार की इस श्रेणी का सही उपयोग किसी के लिए हो सकता है तो वह केवल पारसी हैं, जिनकी आबादी बढ़ने की बजाए या तो स्थिर है या घट […]

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आतंकवाद

अघोषित अराजक आपातकाल की ओर बढ़ता देश

डॉ. कृष्णगोपाल मिश्र  एक पुरानी फिल्म का गीत है ‘पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए’। यही बात आज हमारे देश में उग्र-हिंसक आंदोलनों के संदर्भ में सत्य सिद्ध हो रही है। रोज किसी न किसी बहाने से उग्र-हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। विदेशी शक्तियों की दासता से मुक्त हुए पिचहत्तर वर्ष बीत रहे हैं। […]

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इतिहास के पन्नों से

कांग्रेस द्वारा भारत के विभाजन का दुखद इतिहास

डा. राधे श्याम द्विवेदी आज ही के दिन कांग्रेस ने 1947 में 14-15 जून को नयी दिल्ली में हुए अपने अधिवेशन में बंटवारे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।इसे देश के बंटवारे को इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में शुमार किया जाता है। यह सिर्फ दो मुल्कों का नहीं बल्कि घरों का, परिवारों का, रिश्तों […]

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गौ और गोवंश

गोधूल बेला की शास्त्र सम्मत विवेचना

डा. राधे श्याम द्विवेदी गोधूलि शब्द का अर्थ है – गो + धूल = अर्थात गायों के पैरों से उठने वाली धूल। पुराने समय में जब गायें जंगल से चरकर वापस आती थीं तो पता चल जाता था कि शाम होने वाली है। इसलिए इस समय विशेष को गोधूलि बेला कहने लगे। अर्थात संध्या का […]

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आओ कुछ जाने

ऐसे भी मजाक उड़ाया गया है हिंदुत्व का

प्रशांत पोळ एम. एफ. हुसैन ने अपने पूरे जीवन में हिन्दू देवीयों के जी भर के नग्न और विकृत चित्र बनाएं.* वस्त्रहीन भारत माता का चित्र बनाया. वीणा लिए हुए देवी सरस्वती को पूर्ण नग्न चित्रित किया. और कोई संदेह न रहे, इसलिए इस चित्र पर लिख भी दिया, ‘सरस्वती’. वैसे ही मां दुर्गा के […]

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इतिहास के पन्नों से

हरियाणा में शुद्धि आंदोलन और स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज

अमित सिवाहा हरियाणा में शुद्धि का आन्दोलन आर्यसमाज के आविर्भाव के कुछ काल पश्चात् ही आरम्भ हुआ। सर्वप्रथम यह कार्य स्वामी श्रद्धानन्द के नेतृत्व में आरम्भ हुआ। सन् १ ९ २२ में रिवाड़ी आर्यसमाज के उत्सव पर स्वामी श्रद्धानन्द जी पधारे और अन्य धर्मावलम्बियों को शुद्ध करने पर जोर दिया। इसका परिणाम कि भगवान्दास तथा […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

महाराजा उदय प्रताप सिंह जी से सनातनियो को प्रेरणा लेनी चाहिए – दिव्य अग्रवाल

जिनकी रक्तवाह्नियो में सनातन धर्म प्रवाहित होता है उनके समक्ष आयु सीमा का कोई बन्धन नही होता। हम बात कर रहे हैं भदरी रियासत के बड़े महाराज राजा उदय प्रताप सिंह जी की जिनकी आयु लगभग 89 वर्ष की हो चुकी है । इस आयु में ज्यादातर सनातनी अपने पारिवारीक व सामाजिक दायित्वों से दूर […]

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धर्म-अध्यात्म

ऋषि महर्षि मुनि साधु और संत में क्या अंतर है

भारत में प्राचीन समय से ही ऋषि-मुनियों का विशेष महत्व रहा है क्योंकि ये समाज के पथ प्रदर्शक माने जाते थे। ऋषि -मुनि अपने ज्ञान और तप के बल पर समाज कल्याण का कार्य करते थे और लोगों को समस्याओं से मुक्ति दिलाते थे। आज भी तीर्थ स्थल, जंगल और पहाड़ों में कई साधु-संत देखने […]

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देश विदेश

दुनिया का भारत की ओर आकर्षित होने का आखिर कोई तो कारण है

अंशु जोशी सोवियत रूस के विघटन के बाद जब दुनिया शीत युद्ध से निकलकर आर्थिक उदारीकरण, भूमंडलीकरण और तकनीकी उत्कृष्टता के दौर में आ रही थी, तब शक्ति के मायने भी बदल रहे थे। नब्बे के दशक में ताकत उन देशों की मानी गई, जिनके पास संस्कृति, ज्ञान, साहित्य, भोजन, योग, सिनेमा और प्रवासियों की […]

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