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राजनीति

लोकसभा के उपचुनाव के परिणामों के निहितार्थ

अशोक मधुप  यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामपुर व आजमगढ़ लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की जीत पर कहा कि यह डबल इंजन वाली सरकार की डबल जीत है। जोकि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए एक संदेश है। देश की तीन लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुए। तीनों उपचुनाव के परिणाम बहुत […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द और युगान्तर

सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ [कवि स्वभाव से ही बागी होता है। काव्य-कला के नियम भी उस पर बन्दिश न लगा पाते हैं। बगावत अगर सत्य की स्वीकृति हो तो कविता का ही दूसरा नाम बन जाती है। भला बगावत के बगैर कविता का चरित्र ही क्या है? कवि के भावों की सजावट कविता है और चरित्र […]

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महत्वपूर्ण लेख

आम आदमी पार्टी, जनता का विश्वास और संगरूर की घटना

राकेश सैन  सौ दिन पहले ‘आम आदमी पार्टी’ ने पंजाब चुनाव में रिकार्ड जीत हासिल की थी। खासकर संगरूर, जो पंजाब के मुख्यमन्त्री भगवंत मान का क्षेत्र है, वहां के नौ विधानसभा क्षेत्रों में ‘‘आम आदमी पार्टी’’ को चार लाख से अधिक वोटों की लीड मिली थी और अब लोकसभा उपचुनावों में पार्टी हार गई […]

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इतिहास के पन्नों से भारतीय संस्कृति

भारतीय संस्कृति में वशिष्ठ महर्षि की परंपरा, भाग 2

डॉ राधेश्याम द्विवेदी 9. राजा दिलीप कालीन वशिष्ठ अथर्वनिधि( द्वितीय):- ये वशिष्ठ राजा दिलीप के समय हुए, जिन्हें वशिष्ठ अथर्वनिधि (द्वितीय) कहा जाता था।दिलीप इक्ष्वाकु वंश के प्रतापी राजा थे जिन्हें ‘खटवांग’ भी कहते हैं। उनकी पत्नी का नाम सुदक्षिणा था। दिलीप की परम कामना यही थी कि उनकी प्रिय पत्नी सुदक्षिणा उनके समान ही […]

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महत्वपूर्ण लेख

माई बाप की छवि से अलग हटकर पिछले 8 सालों में सरकार बन गई है जनता की सबसे बड़ी सेवक

प्रो. संजय द्विवेदी  गरीब का जब रोजमर्रा का संघर्ष कम होता है, जब वो सशक्त होता है, तब वो अपनी गरीबी दूर करने के लिए नई ऊर्जा के साथ जुट जाता है। इसी सोच के साथ सरकार पहले दिन से गरीब को सशक्त करने में जुटी है। उसके जीवन की एक-एक चिंता को कम करने […]

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महत्वपूर्ण लेख

आजमगढ़ और रामपुर में क्यों हार गए अखिलेश यादव

अजय कुमार  माना जा रहा है कि सपा और भाजपा के बीच सीधे मुकाबले में भगवा दल की जीत के पीछे कि जो मुख्य वजहें हैं। उसमें एक तो भाजपा ने दोनों ही सीटों पर पिछड़े समाज का उम्मीदवार उतारा था, वहीं रामपुर में बसपा के दलित वोट पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में […]

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इतिहास के पन्नों से

देश की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजना हमारा राष्ट्रीय दायित्व

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल बूंदी के 781 वें स्थापना दिवस के अवसर महाराव राजा वंशवर्धन सिंह जी और उमंग संस्थान के द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ईश्वरी निवास में आयोजित “780 वर्ष : क्या खोया क्या पाया — एक विश्लेषण“ विषयक संगोष्ठी के मुख्य वक्ता पूर्व जिला कलक्टर अमर सिंह रहे तथा अध्यक्षता पूर्व […]

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भारतीय संस्कृति

महर्षि वाशिष्ठ की एक लम्बी परम्परा , भाग 1

डा. राधेश्याम द्विवेदी  वसिष्ठ यानी सर्वाधिक पुरानी पीढ़ी का निवासी:-  महर्षि वसिष्ठ का निवास स्थान से सम्बन्धित होने के कारण बस्ती का नामकरण उनके नाम के शब्दों को समेटा जा रहा है। प्राचीन काल में यह अवध की ही  इकाई रही हैं। वसिष्ठ मूलतः ‘वस’ शब्द से बना है जिसका अर्थ – रहना, निवास, प्रवास, […]

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इतिहास के पन्नों से

28 जून/जन्म-दिवस* *अनुपम दानी : भामाशाह*

दान की चर्चा होते ही भामाशाह का नाम स्वयं ही मुँह पर आ जाता है। देश रक्षा के लिए महाराणा प्रताप के चरणों में अपनी सब जमा पूँजी अर्पित करने वाले दानवीर भामाशाह का जन्म अलवर (राजस्थान) में 28 जून, 1547 को हुआ था। उनके पिता श्री भारमल्ल तथा माता श्रीमती कर्पूरदेवी थीं। श्री भारमल्ल […]

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पर्व – त्यौहार

जब जनमासे में टिका करती थी बारात

दर्शनी प्रिय बिहार की धरती अनेक रीति रिवाजों की जननी रही है। यहां परंपराएं लोकायत रूप में पल्लवित होती गई और इतिहास उन्हें करीने से पीढ़ी दर पीढ़ी उत्कृष्ट खांचे में ढालता रहा। परंपरा के केंद्र में बसे रस्मों रिवाजों से आरूढ़ इस क्षेत्र ने रीतियों को प्रतीकात्मक रूप से अनुकरणीय बनाया है। लोक रवायतों […]

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