दुर्योधन ने उस अबला स्त्री को दिखा कर अपनी जंघा ठोकी थी, तो उसकी जंघा तोड़ी गयी। दु:शासन ने छाती ठोकी तो उसकी छाती फाड़ दी गयी। महारथी कर्ण ने एक असहाय स्त्री के अपमान का समर्थन किया, तो श्रीकृष्ण ने असहाय दशा में ही उसका वध कराया। भीष्म ने यदि प्रतिज्ञा में बंध कर […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-2 – नरेन्द्र सहगल – सात समुद्र पार से आए ईसाई व्यापारियों की निरंकुश सत्ता को जड़ मूल से समाप्त करने के लिए 1857 में समस्त देशवासियों ने जाति-मजहब से ऊपर उठकर राष्ट्रव्यापि सशस्त्र संघर्ष का बिगुल बजा दिया। मंगल पांडे, नाना साहब पेशवा, कुंवर सिंह, […]
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-1 – नरेन्द्र सहगल – परतंत्रता के विरुद्ध निरंतर एक हजार वर्षों तक सशस्त्र संघर्ष करने के फलस्वरूप अंततः हमारा अखंड भारतवर्ष दो भागों में विभाजित होकर ‘स्वतंत्र’ हो गया। गुलामी की जंजीरों को तोड़ डालने के लिए कश्मीर से कन्या कुमारी तक भारत के प्रत्येक […]
*क्या आपको पता है ?* *कि “किवाड़” की जो जोड़ी होती है !* *उसका एक पल्ला “पुरुष” और,* *दूसरा पल्ला “स्त्री” होती है।* *ये घर की चौखट से जुड़े-जड़े रहते हैं।* *हर आगत के स्वागत में खड़े रहते हैं।।* *खुद को ये घर का सदस्य मानते हैं।* *भीतर बाहर के हर रहस्य जानते हैं।।* *एक […]
*भारत में ‘मूलनिवासी’ संकल्पना – वामपंथियों की गहरी साजिश जिसे समझना आवश्यक है।* “If there is to be revolution , there must be a revolutionary party” ये माओ के विचार थे। सम्पूर्ण क्रान्ति यह कम्युनिस्ट विचार धारा का एक प्रमुख लक्ष्य है। अगर क्रान्ति का लक्ष्य प्राप्त करना है तो उनके लिए समस्या होना जरूरी […]
*क्या आप जानते हैं कि विश्वप्रसिद्ध नालन्दा विश्वविद्यालय को जलाने वाले जेहादी बख्तियार खिलजी की मौत कैसे हुई थी ???* असल में ये कहानी है सन 1206 ईसवी की…! 1206 ईसवी में कामरूप में एक जोशीली आवाज गूंजती है… *”बख्तियार खिलज़ी तू ज्ञान के मंदिर नालंदा को जलाकर कामरूप (असम) की धरती पर आया है… […]
टीएसआर सुब्रमणियन (पूर्व कैबिनेट सचिव, भारत सरकार) सन 1980 में मैं तत्कालीन वाणिज्य मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल का सदस्य बनकर बगदाद गया। मौका बाथ क्रांति की 12वीं जयंती पर मनाए जाने वाले उत्सव का था। मेरे अलावा प्रतिनिधिमंडल में कांत भार्गव थे, जो कि विदेश मंत्रालय से थे। यह इराक-ईरान युद्ध […]
31 जुलाई जयन्ती पर पुण्य स्मरण स्वामी श्रद्धानंद के बाद इनहोने गुरुकुल को आगे बढ़ाया। (जन्म: ३१ जुलाई १८८१ – मृत्यु: ९ दिसम्बर १९३९) आर्यसमाज के नेता, शिक्षाशास्त्री, इतिहासकार, स्वतन्त्रता-संग्राम सेनानी एवं महान वक्ता थे। उन्होने भारतीय इतिहास के सम्बन्ध में मौलिक अनुसन्धान कर हिन्दी में अपना प्रसिद्ध ग्रन्थ भारतवर्ष का इतिहास प्रकाशित किया। आचार्य […]
अजित वडनेरकर देश का नाम बदलने पर बहस छिड़ी है, संविधान में दर्ज ‘इंडिया दैट इज़ भारत’ को बदलकर केवल भारत करने की माँग उठ रही है. इस बारे में एक याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल हुई जिसपर बुधवार को अदालत ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता की माँग थी कि इंडिया ग्रीक शब्द इंडिका से […]
प्राचीन भारत के चिकित्सक अनु सैनी भारतीय चिकित्सा इतिहासलेखन के एक सर्वेक्षण से पता चलेगा कि प्राचीन भारत की चिकित्सा पद्धतियों और चिकित्सा साहित्य पर काम में कोई कमी नहीं है। हालांकि, जो लोग उपचार के लिए जिम्मेदार थे, उन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। यह लेख प्राचीन भारत में एक पेशेवर के रूप में चिकित्सक […]