अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-9 नरेन्द्र सहगल भारत में अपनी जड़ें जमा चुके ब्रिटिश साम्राज्यवाद को जड़-मूल से उखाड़ फेंकने के लिए देश और विदेश में भारतीय नवयुवकों ने सशस्त्र क्रांति की ज्वाला को एक भयंकर ज्वालामुखी के विस्फोट में बदलने के लिए गुरिल्ला सैन्य अभियान चलाने का निश्चय किया। […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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*राष्ट्र-चिंतन* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* =================== भाजपा को एक बार फिर नीतीश कुमार ने लात मारी, एक बार फिर भाजपा मूर्ख बन गयी। नीतीश कुमार के सामने भाजपा के बड़े-बड़े महाराथी और तिस्मारखां संस्कृति के नेता देखते रह गये और नीतीश कुमार भाजपा को एक झटके में जमीन पर पटक कर अपना अलग गठबंधन खड़ा कर […]
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-8 नरेन्द्र सहगल बीसवीं सदी के दूसरे दशक के प्रारंभ होते ही विश्वयुद्ध के बादल मंडराने लगे। इन बादलों ने भारत पर अपनी अधिनायकवादी हुकूमत थोपने वाले इंग्लैंड के अस्तित्व पर सवालिया निशान लगा दिया। देश और विदेश में सक्रिय भारतीय क्रांतिकारियों ने इस अवसर पर […]
*ऐसे टूटेगी चीन की युद्धक हेकड़ी*
*राष्ट्र-चिंतन* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* =================== चीन की अपेक्षा ताइवान बहुत ही छोटा और कमजोर देश है। चीन की आबादी जहां एक अरब चालीस करोड़ है वही ताइवान की आबादी दो करोड़ 45 लाख है। चीन का रक्षा बजट ताइवान की रक्षा बजट से करीब 15 गुणा है। ताइवान की अपेक्षा चीन के सैनिकों की संख्या […]
‘मनु’ नाम को लेकर वामपंथियों ने इतना दुष्प्रचार किया गया है कि लोग मनु नाम सुनते ही लोग नाक भौ सिकोड़ते है .. और तत्काल मनुवादी, कट्टर व पोंगा होने का तमगा दे देते हैं .. जबकि ऐसे लोगों को मनु की परंपरा के बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं होता है .. मनुस्मृति और […]
अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-6 नरेन्द्र सहगल सन 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के बाद देश में एक राजनीतिक लहर चली जिसमें अंग्रेजों से प्रार्थना, याचना तथा मांगने की प्रथा का माहौल बनने लगा। एक अंग्रेज ए. ओ. ह्यूम ने वास्तव में इसी उद्देश्य के लिए कांग्रेस की […]
भारत के कम्युनिस्ट हमेशा अपने मुंह मिया मिट्ठू बने रहते हैं। सबसे अधिक दोहरा चरित्र रखते हैं। दूसरों को फासीवादी बताते हैं। हिंदुओं को रात दिन गाली देते हैं। परन्तु मीडिया पर इनका नियंत्रण होने से इनका सच सामने नहीं आता। बंगाल मे 35 साल इनका शासन रहा। भारत मे सबसे अधिक सड़क पर सोने […]
*राष्ट्र चिंतन* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* ==================== राष्टमंडल की गुलामी से मुक्ति का प्रश्न एक बार फिर महत्वपूर्ण हो चुका है और राष्ट्रमंडल की गुलामी को एक कंलक व स्वतंत्रता आंदोलन के बलिदानियों के अपमान के तौर पर देखा जा रहा है। फिलहाल राष्ट्रमंडल खेलों की धूम है। खासकर भारत के मीडिया में कुछ ज्यादा ही […]
*राष्ट्र-चिंतन* * *गोधरा कांड ने राष्ट्रभक्ति जगायी* * *लालू, मायावती, सोनिया गांधी आदि ने कारसेवकों की खिल्ली* *उड़ाकर गुजरात दंगे की पृष्ठभूमि रखी थी* * *गोधरा कांड एक इस्लामिक प्रयोग था। प्रतिक्रिया नहीं होती तो फिर ऐसे प्रयोग देश के कोने-कोने में होते तथा देश को गृहयुद्ध में ढकेल दिया जाता।* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* =================== […]
धारा ३७० के गुनहगार कौन..?
– प्रशांत पोळ (3 वर्ष पहले कश्मीर से धारा ३७० हटाने पर यह लेख प्रकाशित हुआ था। ) आज के इस ऐतिहासिक दिवस पर डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और अटल बिहारी बाजपेयी जी के स्वर्गस्थ आत्माओं को निश्चित रुप से शान्ति मिली होगी..! डॉ. मुखर्जी, कश्मीर में, धारा ३७० के कारण बने, दो […]