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इतिहास के पन्नों से

जूलिएट की “सेक्रेटरी” बनकर पत्रों के उत्तर देने वाली स्त्रियों की कहानी में भगवद्गीता!

पिछले दशक के उत्तरार्ध में भारत में “फैक्ट चेक” करने वाली संस्थाएँ आ गईं, हालाँकि विदेशों के अख़बारों में “फैक्ट चेकर” काफी पहले से अस्तित्व में थे। “लेटर्स टू जूलिएट” की नायिका सोफी पेशे से “फैक्ट चेकर” ही होती है। फिल्म के शुरूआती दृश्य में ही उसे एक प्रसिद्ध पुरानी तस्वीर के वास्तविक या नाटकीय […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वतन्त्रता के उद्घोषक:श्री अरविन्द जन्मदिन 15 अगस्त

पूर्व-जन्म के संस्कारों से कुछ होता भी है ? ======================= 18 वीं सदी के उतरार्ध में तब के पूर्वी बंगाल के खुलना में एक डॉक्टर हुए, नाम था कृष्णधन घोष. इधर देश भी मैकाले प्रणीत शिक्षा नीति से अभिशप्त था ऊपर से घोष साहेब विलायत से डॉक्टरी पढ़ कर आये थे इसलिये अंग्रेजियत उन के […]

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आज का चिंतन

पूर्णमदः पूर्णमिदम् पूर्णात् पूर्णमुदच्यते । पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥

बचपन में जो चीज़ें सबसे अनोखी लगती हैं, उनमें से एक होती है परछाई | कभी लम्बी हो जाती है, कभी छोटी हो जाती है | धुप निकले तो होती है, कभी कभी नहीं भी होती है | कई बच्चे अपनी परछाइयों से ही खेलते बड़े होते हैं | परछाई वैज्ञानिक चीज़ है | परछाई […]

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इतिहास के पन्नों से

काल का अतिक्रमण कोई नहीं कर सकता

“भूत का, भवत् का, भविष्यत् का सब ब्रह्माण्ड, इस ब्रह्माण्ड की सब अनगिनत वस्तुएँ, काल में ही यथास्थान रखी हुई हैं। काल का अतिक्रमण कोई नहीं कर सकता।” ***** काले तपः काले ज्येष्ठं काले ब्रह्म समाहितम्। कालो ह सर्वस्येश्वरो यः पितासीत् प्रजापतेः॥ –अथर्व०१६।५३।८ ऋषिः – भृगुः। देवता – कालः। छन्दः – अनुष्टुप्। विनय – हरेक […]

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महत्वपूर्ण लेख

योगीराज श्री कृष्ण की उपासना विधि

लेखक- श्री पं० बिहारीलाल जी शास्त्री प्रस्तोता- प्रियांशु सेठ प्रायः महापुरुषों के तीन रूप हुआ करते हैं। लोक रञ्जक रुप, यथा श्री कृष्ण जी की वृन्दावन की लीलाएं इस रूप का, शस्त्र होता है- वंशी। दूसरा रूप होता है लोक शिक्षक रूप, यथा महाभारत युद्ध में गीतोपदेश तथा उधव को धर्मोपदेश। इस रूप में शंख […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वतंत्रता संग्राम के अज्ञात सेनापति डॉक्टर हेडगेवार के साथ इतिहासिक अन्याय क्यों ?

अमृत महोत्सव लेखमाला सशस्त्र क्रांति के स्वर्णिम पृष्ठ — भाग-18 (अंतिम) – नरेन्द्र सहगल – चिर सनातन अखण्ड भारत की सर्वांग स्वतंत्रता के लिए कटिबद्ध राष्ट्रीय स्वयंसेवक के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे अज्ञात सेनापति थे जिन्होंने अपने तथा अपने संगठन के नाम से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में अपना तन मन सब […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ऋषि दयानंद के काम इतने हैं कि कभी रुक नहीं सकते

एक बात ध्यान रखनी चाहिये इतिहास से आप बड़ा लाभ उठा सकते हैं लेकिन यह तभी होगा जब आप वर्तमान में भी सक्षम होंगे। एक व्यक्ति सड़क पर पत्थर कूटने की मजदूरी कर रहा था। उससे किसी ने पूछा तू कौन हैं। यह बोलता हैं मेरे पिताजी तहसीलदार थे। उसने फिर अपना प्रश्न दोहराया तू […]

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इतिहास के पन्नों से

स्वतन्त्रता की ७५ वीं वर्षगाँठ पर आइये जानें कि स्वतन्त्रता दिलाने में आर्यसमाजियों को कैसा त्याग और संघर्ष करना पडा़ था।*

*प्रस्तुति – आचार्य राहुलदेवः* अंग्रेजी सरकार ने आर्यसमाज को कुचलने तथा दबाने का पूर्ण निश्चय कर लिया था, स्थान-स्थान पर आर्यसमाजियों तथा आर्यसमाज से सम्बन्धित पुरुषों को उत्पीड़ित किया जाने लगा था, उस समय की सरकारी नौकरियों में विद्यमान आर्यसमाजियों पर तो मानो विपत्तियों का पहाड़ ही टूट पड़ा था, क्योंकि सरकारी नौकरी में होने […]

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महत्वपूर्ण लेख

महर्षि दयानंद को याद करना मोदी बार-बार क्यों भूल जाते हैं ?

(2016 में भी मोदीजी राष्ट्र के प्रपितामह का नाम लालकिले से भूले थे या अन्य कोई कारण रहा हो।इस पर कीर्तिशेष आचार्य धर्मवीर जी ने ‘परोपकारी’ का संपादकीय लिखा था,जो आज पुनः प्रासंगिक हो गया है।….) अभी-अभी देश ने स्वतन्त्रता-दिवस उत्साहपूर्वक मनाया। कांग्रेस की सरकार स्वतन्त्रता-दिवस को नेहरू गांधी तक सीमित रखने का प्रयास करती […]

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इतिहास के पन्नों से

भारतवर्ष में स्वराज्य के सबसे पहले उद्घोषक स्वामी दयानंद थे

स्वराज्य शब्द के जन्म दाता ऋषि दयानन्द || आज लोग डींगे हांक रहे हैं स्वराज्य शब्द को लेकर, की इस स्वराज्य शब्द बाल गंगाधर तिलक जी की उपज है उन्होंने कहा था स्वराज्य प्राप्त करना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है | इतना कह देने मात्र से बात नहीं बनती पंडित बाल गंगाधर तिलक जी को […]

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