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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

हल्दीघाटी युद्ध के बाद के 10 वर्षों का गौरवशाली इतिहास

क्या आपने कभी पढ़ा है कि हल्दीघाटी के बाद अगले १० साल में मेवाड़ में क्या हुआ..इतिहास से जो पन्ने हटा दिए गए हैं उन्हें वापस संकलित करना ही होगा क्यूंकि वही हिन्दू रेजिस्टेंस और शौर्य के प्रतीक हैं. इतिहास में तो ये भी नहीं पढ़ाया गया है की हल्दीघाटी युद्ध में जब महाराणा प्रताप […]

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आज का चिंतन

बहुत ही व्यापक और गहरा अर्थ है गायत्री मंत्र का

गायत्री मन्त्र: ओ3म् भूर्भुव:स्व:। तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। घियो यो न: प्रयोदयात।। गायत्री मन्त्र में प्रथम जो (ओ3म) है यह ओंकार शब्द परमेश्वर का सवार्वेत्तम नाम है, क्योंकि इसमें जो अ, उ और म् अक्षर मिलकर एक (ओ3म्) समुदाय हुआ है, इस एक ओ3म् नाम से परमेश्वर के बहुत नाम आते हैं जैसे-अकार से विराट्, […]

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इतिहास के पन्नों से

कहां गए इतिहास से यह नाम ?

इतिहास के पन्नों में कहाँ हैं ये नाम?? सेठ रामदास जी गुड़वाले – 1857 के महान क्रांतिकारी, दानवीर जिन्हें फांसी पर चढ़ाने से पहले अंग्रेजों ने उनपर शिकारी कुत्ते छोड़े जिन्होंने जीवित ही उनके शरीर को नोच खाया। सेठ रामदास जी गुडवाला दिल्ली के अरबपति सेठ और बेंकर थे. इनका जन्म दिल्ली में एक अग्रवाल […]

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इतिहास के पन्नों से

जब विभाजन के समय नेहरू ने मारा था एक बुजुर्ग को थप्पड़

डॉ. ओमप्रकाश पाहुजा लईया, मुजफ्फरगढ़, पाकिस्तान बंटवारे के समय मैं छह साल का था। गांव में एक अज्ञात भय व्याप्त था। शाम होते ही वह दरवाजा बंद कर दिया जाता था। मुझे याद है, हमारे घर की छत पर बड़े- बड़े कड़ाहों में तेल गरम करने की व्यवस्था की गई थी, ताकि मुसलमान अगर घर […]

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उगता भारत न्यूज़

हिन्दुओं के घर में बेटियों को जन्म होना क्या अभिशाप बन चुका है – दिव्य अग्रवाल

कट्टरपंथियों ने सदैव भय व्याप्त करके ही अपनी अमानवीय इच्छाओं को पूरा किया है । मुगल काल से लेकर आज तक हिन्दू समाज की बेटियां मजहबी लोगों के लिए माल ऐ गनीमत ही रहीं हैं । इसी कारण पहले भी हिन्दू बेटियों की दुख्तरे हिन्द निलामे दो दीनार लिखकर जिहादियों ने मंण्डी लगाई थी और […]

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इतिहास के पन्नों से

क्यों एक वर्ग की बढ़ती आबादी से बढ़ जाती हैं समस्याएं?

सबसे बड़ी समस्या क्यों है मजहबी उन्माद ? अश्विनी उपाध्याय सबसे बड़ी समस्या क्यों है मजहबी उन्माद ? क्यों एक वर्ग की बढ़ती आबादी से बढ़ जाती हैं समस्याएं? हमारे देश के लिए जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद, माओवाद और नक्सलवाद से भी बड़ा खतरा है कट्टरवाद, चरमपंथ, पाखंड और मजहबी उन्माद लेकिन इसके मूल कारण और […]

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इतिहास के पन्नों से

शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर आगे बढ़े थे सावरकर

सावरकर के आदर्श शिवाजी थे प्रो ० देवेन्द्रस्वरूप ( इतिहासकार तथा पूर्व सम्पादक ‘ पाञ्चजन्य ‘ ) पहला 30 अगस्त 1911 को लिखा , दूसरा 13 नवम्बर 1913 को , तीसरा 10 सितम्बर 1914 को , चौथा 2 अक्टूबर 1917 को , पांचवां 24 जनवरी 1920 को छठा 31 मार्च 1920 को । क्या उन्होंने […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत की स्वाधीनता के एक जुनूनी सिपाही क्रांतिकारी विश्वनाथ राय

दिव्येन्दु राय देवरिया जनपद के जिला मुख्यालय के करीब के गॉव खुखुन्दू में 10 दिसम्बर सन् 1906 में एक बालक का जन्म हुआ। जन्म चूँकि जमींदार एवं शिक्षित परिवार में हुआ इसलिए उस बालक को पढ़ने के लिए पहले गोरखपुर के सेंट एंड्यूज कॉलेज भेजा गया तथा उसके बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत के स्वतंत्रता संग्राम की अनमोल निधि सावरकर

उगता भारत ब्यूरो वामपंथी तथा कम्युनिस्ट उन महान् राष्ट्रमत क्रांतिकारी शिरोमणि स्वातन्त्र्यवीर सावरकर जी पर अंग्रेजों का एजेंट होने तथा जेल से माफी मांगकर छूटने जैसे निराधार और शरारतपूर्ण आरोप लगाने का दुस्साहस कर रहे हैं , जिन्होंने अपनी जवानी को ही नहीं अपने पूरे परिवार को स्वाधीनता के यज्ञ में समर्पित कर अपना सर्वस्व […]

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भारतीय संस्कृति

वैदिक संस्कृति में यज्ञोपवीत का महत्व

◼️ यज्ञोपवीत का महत्व ◼️ ✍🏻 लेखक – डॉ. भवानीलाल भारतीय प्रत्येक जाति में शरीर , मन , बुद्धि और आत्मा की शुद्धि तथा विकास के लिये विभिन्न प्रकार के संस्कारों का विधान किया जाता है । संसार की सर्व प्राचीन और सर्वाधिक सभ्य एवं सुसंस्कृत आर्य जाति ने भी अपने प्रत्येक सदस्य के लिये […]

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