#डॉ_विवेक_आर्य भारत जैसे बड़े देश में करोड़ों लोग वन क्षेत्र में सदियों से निवास करते है। कुछ लोग उन्हें आदिवासी कहते है क्योंकि उनका मानना है कि आदिकाल में सबसे प्रथम जनजाति इन्हीं के समान थी। कालांतर में लोग विकसित होकर शहरों में बसते गए जबकि आदिवासी वैसे के वैसे ही रहे। हम इसे भ्रान्ति […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।
*राष्ट्र-चिंतन* *बिंदेश्वरी पाठक द्वारा पहले राहुल, सोनिया, मनमोहन अब मोदी की चरणवंदना की पैंतरेबाजी* *विचारहीन लोगों के कार्यक्रमों मे मंत्रियों, राज्यपालों और अधिकारियों के जाने पर लक्ष्मण रेखा खींची जानी चाहिए* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* ================= मेरे हाथ में एक निमंत्रण कार्ड आया। निमंत्रण कार्ड देख कर मैं बहुत ही आश्चर्य में पड़ गया और सोचने […]
डॉ राकेश कुमार राणा देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए गांधी के सपनों के भारत की दिशा में हम कितना बढ़े हैं इसका भी मूल्यांकन करना उतना ही समीचीन है जितना संघषों से प्राप्त की गई अपनी इस आजादी का। गांधी की भारत की कल्पना क्या थी? वह […]
नेहरू ने नेताजी का स्मारक बनवाने का प्रस्ताव क्यों ठुकराया था? अखिलेश झा बात साल 1960 की है। दूसरी लोकसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा था। 2 दिसंबर 1960 को निचले सदन में एक प्रस्ताव रखा गया कि जापान के रेंकोजी मंदिर से नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की अस्थियों को भारत लाया जाए। नेताजी की अस्थियों […]
लेखक :- श्रद्धेय स्वामी ओमानंद सरस्वती पुस्तक :- आर्यसमाज के बलिदान प्रस्तुति :- अमित सिवाहा नेपाल राज्य आर्यराज्य होते हुये भी पौराणिक पाखण्डियों के जाल में फंसा हुआ था । आज तक इसी कारण विजय दशमी के पवित्र पर्व पर हजारों मूक निरपराध भैंसे बकरे आदि प्राणियों की बाल कल्पित मिथ्या पत्थर के देवी देवताओं […]
दलित नेता जब बाबा साहब डाॅ अम्बेडकर पर भाषण देते है तब बड़ी धूर्तता से उस व्यक्ति का नाम ही नही लेते जिसने उन्हें “बाबा साहब भीमराव रामजी अम्बेडकर” बनाया | महाराजा सयाजी गायकवाड़ ने उन्हें ब्रिटेन और अमेरिका पढने के लिए पूरा खर्चा दिया | यहाँ तक भी रहने का इंतजाम भी महाराजा ने […]
कश्मीर का काला दिन : सचवंत सिंह का दर्द
80 साल के सरदार सचवंत सिंह 73 साल पहले की कबाइलियों की आड़ में पाकिस्तानी सेना की उस दरिंदगी और अत्याचार को याद करते हुए कहते हैं कि मैंने झेलम में पानी नहीं, खून का दरिया देखा है। मेरी मां, मेरी बहन कबाइलियों के हमले में शहीद हो गईं। भाई एक साल बाद मिला। बाप […]
—————————————— *लेखक : राजेश आर्य, गुजरात* रोम ई.पू. की आठवीं शताब्दी में अस्तित्व में आया था। इटली की तिबर (Tiber) नदी पर बसा एक छोटा सा नगर रोम बाद में एक ऐसे साम्राज्य के रूप में विकसित हुआ, जो अपने उत्कर्ष के चरम पर यूरोप, पश्चिमी एशिया के अधिकांश हिस्से, उत्तरी अफ्रीका और भूमध्यसागरीय द्वीपों […]
अमित शुक्ला देश में हिंदू राष्ट्र की बहस पुरानी है। यह आजादी के बाद से ही शुरू हो गई थी। उन दिनों कांग्रेस नेताओं का एक धड़ा भी इसके पक्ष में था। लेकिन, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे। नौबत यहां तक पहुंच गई थी कि उन्होंने इस्तीफा देने […]
अशोक कुमार पाण्डे जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने आख़िरकार महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश घोषित करने की डोगरा संगठनों की लंबे समय से चली आ रही माँग मान ली. मनोज सिन्हा ने उन्हें ‘महान शिक्षाविद, प्रगतिशील विचारक, समाज सुधारक और आदर्शों से युक्त शीर्ष व्यक्तित्व’ कहा है. हरि सिंह और डोगरा […]