स्वामी दयानन्द पर कुछ अज्ञानी लोग यह कहकर आक्षेप लगा देते हैं कि स्वामीजी ने हिन्दू समाज को संकीर्ण बना दिया। स्वामी जी पर यह आक्षेप निराधार है क्योंकि हिन्दू समाज तो पहले से ही इतना संकीर्ण हो चुका था कि उसमें और अधिक संकीर्णता लाने का स्थान ही नहीं रहा था। सनातन धर्म के […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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क्या मोदी डालर के विरुद्ध हैं ?
भारत में छद्दम धर्म-निरपेक्ष मोदी और योगी पर प्रहार करते नहीं थक रहे, विदेशी भारत विरोधियों के हाथों की कठपुतली बन भारतीय जनता को गुमराह कर रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन सब पर एक और कुठाराघात करने का मन बना चुके हैं। जिस कारण उन पर मोदी पर छद्दम देशप्रेमी गैंग और जहर […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक भाजपा राज्यों की सरकारें एक के बाद एक घोषणा कर रही हैं कि वे समान आचार संहिता अपने-अपने राज्यों में लागू करने वाली हैं। यह घोषणा उत्तराखंड, हिमाचल और गुजरात की सरकारों ने की हैं। अन्य राज्यों की भाजपा सरकारें भी ऐसी घोषणाएं कर सकती हैं लेकिन वहां अभी चुनाव नहीं हो […]
स्वच्छ पानी हर नागरिक का मूलभूत अधिकार
15 अगस्त 2019 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने ‘जल जीवन मिशन’ की स्थापना की घोषणा की जिसका कार्य 2024 तक देश के सभी घरों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है। 15 अगस्त 2019 को देश में लगभग 19 करोड़ घरों में पानी की व्यवस्था करने की आवश्यकता थी। केवल 3 करोड़ 23 लाख […]
जी 20 देशों का शिखर सम्मेलन अगले साल भारत में होगा। भारत की अध्यक्षता में यह सम्मेलन अगले साल 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।अगले वर्ष होने वाली इस बैठक का लोगो, थीम और वेबसाइट मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर इस आयोजन को देश […]
चक्रवर्ती सम्राट रघु
चक्रवर्ती सम्राट रघु महाकवि कालिदास ने न बताया होता , तो शायद ही हम रघु के बारे में विस्तार से कुछ जान पाते।यूँ भी हम इतना ही जानते हैं , कि राम रघु के कुल में हुए ,और ” रघुकुल रीत सदा चलि आई , प्राण जाइ पर बचन न जाई। ” किंतु कुछ तो […]
भाई मतिदास, भाई सतिदास तथा भाई दयाला का बलिदान. बलिदान पर्व – 9 नवंबर और 10 नवम्बर सन 1675 ई. चांदनी चौक, दिल्ली. औरंगज़ेब के शासन काल में उसकी इतनी हठधर्मिता थी, कि उसे इस्लाम के अतिरिक्त किसी दूसरे धर्म की प्रशंसा तक सहन नहीं थी. मुग़ल आक्रांता औरंगजेब ने मंदिर, गुरुद्वारों को तोड़ने और […]
जैसा मीठा ईख : वैसी ही मीठी कहानी
ईख या गन्ना। सांठा या हांठा। सुगरकेन के नाम से इसे पूरी दुनिया में जाना जाता है। कार्तिक में रस से लबालब हो जाता है और अपने सिर पर दूल्हे की तरह मौर बांध लेता है। लक्ष्मीदेवी, गौ और गोवर्धन की पूजा के लिए इसका भी प्रयोग होता है, लिहाजा जड से कटकर बाजार में […]
वैदिक भारत आज परीकथाओं सा प्रतीत होता है। कितना विचित्र है कि हजारों साल पहले इतना विकसित और समृद्ध होते हुए भी आज देश की विश्वपटल पर पहले के समान सशक्त छवि नहीं है। कुछ मामलों में तो भारत उस समय से भी पीछे दिखाई देता है। ऐसा ही एक पहलू है – स्त्री शिक्षा। […]
जाड़े की दस्तक और गुड का स्वाद…
जाड़े ने दस्तक दे दी है। सिर पर पंखों की पंखडि़यां थमती जा रही है और रजाई या कंबल चढ़ती जा रही है। मार्गशीर्ष आरंभ। आयुर्वेद तो कहता है : मार्गशीर्षे न जीरकम्। जीरा इस दौरान नहीं खाएं मगर कहने से कौन मानेगा, जीरा सेक कर गुड़ में मिलाकर खाएं तो खांसी जाए। हां, शक्कर […]