किसके इर्द-गिर्द घूम रही है मुस्लिम राजनीति, समझिए नदीम आखिर ‘अब्दुल’ है कौन, जिसके इर्द-गिर्द मुस्लिम पॉलिटिक्स घूमने लगी है? दरअसल ‘अब्दुल’ पसमांदा मुस्लिम का प्रतीक बन गया है और बीजेपी ने जब से पसमांदा पॉलिटिक्स का दांव चला है, उसने ‘अब्दुल’ को अपने पाले का मान लिया है। उसने ‘बड़े मियां’ को ‘अपर कास्ट’ […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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अदालत का मारा ! कहां पनाह पाये ?
के. विक्रम राव आज एक खबर पढ़ी, इलाहाबाद हाईकोर्ट की बाबत। लुभावनी लगी। हृदयग्राही भी। मगर थी बड़ी पीड़ादायिनी । व्यथित हुआ। हाईकोर्ट का हाईटेक होना तो सुना था पर उसका अर्दली भी हाईटेक हो जाये ? अद्यतन बन जाए ! (हाईटेक का अर्थ हैं ऑक्सफोर्ड शब्दकोश के अनुसार : “अत्याधुनिक मशीनों, खासकर इलेक्ट्रॉनिक तथा […]
लेखक- पंकज गांधी डिजिटल होती दुनिया और मेटावर्स के दौर में जहां लोग अब चाय और पान का भुगतान भी डिजिटल करने लगे हैं वहां डिजिटल रूपी आना स्वाभाविक था. विनियम के माध्यम में डिजिटल करेंसी की अनुपस्थिति के कारण ही क्रिप्टो करेंसी अपना पैर पसार रहा था जिससे भारत समेत कई सरकारें चिंतित थीं. […]
साइबर सुरक्षा का सवाल
आशीष वशिष्ठ देश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान एम्स दिल्ली का सर्वर बीती 23 नवंबर को रैनसमवेयर अटैक करके हैक कर लिया गया था। एम्स का सर्वर पर हुए रैनसमवेयर अटैक के बाद दूसरे अस्पतालों के डिजिटल सिस्टम की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाने लगे हैं। इंडसफेस की हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में […]
आचार्य श्री विष्णुगुप्त रात के दस बजे थे। मैं रात्रि भ्रमण पर था। निश्चित था। कोई डर नहीं थी। क्योंकि क्षेत्र तो अपना ही था। ऐसे भी दिल्ली के मुख्य क्षेत्रों में सुरक्षा तो सक्रिय ही रहती है। मुझे यह उम्मीद तक नहीं थी कि मैं एक फ्रेंडली लूट का शिकार हो जाउंगा। पर घटनाएं […]
लेखक – प्रो० उमाकान्त उपाध्याय, एम० ए० जब कभी भ्रान्त विचार चल पड़ते हैं तो उनके अवश्यम्भावी अनिष्टकारी परिणामों से बचना दुष्कर हो जाता है। इसी प्रकार का एक अशुद्ध भ्रान्त विचार यह है कि आर्यावर्त की सीमा उत्तर भारत तक ही है और आर्यावर्त की दक्षिणी सीमा उत्तर प्रदेश के दक्षिण और मध्यप्रदेश के […]
अखिलेश शुक्ला राजेंद्र प्रसाद जयंती आज कई दल और संगठन हिंदुओं का हितैषी होने का दावा करते हैं। इस आधार पर वोट मांगते हैं। उन्होंने अपने-अपने नायक भी चुन रखे हैं। लेकिन, हैरानी की बात है कि इनमें से कोई भी दल या संगठन उस पुरोधा की बात नहीं करता, जो आजादी के बाद हिंदू […]
बच्चे होते हैं राष्ट्र की अनमोल निधि
ऋषिराज नागर (वरिष्ठ अधिवक्ता) घर में अमन चैन स्थापित किए रखने के लिए आवश्यक है कि परिवार के सभी सदस्य परस्पर निर्बल व्यवहार रखने वाले हों। इससे घर में सुख समृद्धि और शांति का स्थाई वास होता है। बच्चे काफी कम जानकार या कम समझदार होते हैं, उनमें मैं – मेरा की भावना सबसे ज्यादा […]
उन्नीसवीं शताब्दी का प्रचलित हिन्दू धर्म, धर्म न रहकर उसका विद्रूप मात्र रह गया था। वेदों, उपनिषदों तथा वैदिक दर्शनों में प्रतिपादित अध्यात्म, दर्शन तथा नैतिकता के सूत्र विलुप्त प्रायः हो गये थे। वेदों तथा अन्य ऋषि कृत ग्रन्थों का अध्ययन-अध्यापन समाप्त हो गया था। पठित हिन्दू अधिक से अधिक भगवद्गीता, तुलसीदास की रामचरित मानस […]
जीवों पर दया
जीवों पर दया श्री टी.एन. शेषन जब मुख्य चुनाव आयुक्त थे, तो परिवार के साथ छुट्टियां बिताने के लिए मसूरी जा रहे थे। परिवार के साथ उत्तर प्रदेश से निकलते हुऐ रास्ते में उन्होंने देखा कि पेड़ों पर गौरैया के कई सुन्दर घोंसले बने हुए हैं। यह देखते ही उनकी पत्नी ने अपने घर की […]