जैसी माँ वैसी बेटी ! भारतीय परम्परा में महिलाओं को पूज्यनीय मानकर आदर और सम्मान दिया जता है।लेकिन इतिहास साक्षी है की जब भी किसी विदेशी वर्णसंकर महिला के हाथों में असीमित अधिकार आजाते हैं तो वह सत्ता के मद में अंधी हो जाती है।और देश,समाज,व् अपने परिवार के लिए घातक बन जाती है। ऎसी […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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विष्णु आख्यान*. भाग/ 1
विष्णु आख्यान. पार्ट/ 1 Dr D K Garg कृपया अपने विचार व्यक्त करे और अन्य ग्रुप में फॉरवर्ड करें विष्णू को लेकर पुराणों और पोराणिको में बहुत भ्रांति है , तरह तरह की कथाएं प्रचलित है,अच्छी खासी तुकबंदी है,कही विष्णु को सर्वुव्यापी ईश्वर बताया गया है तो इन्ही कथायो में विष्णू को शरीरधारी मानव के […]
भारत का वह सन्यासी कौन था जिसकी चर्चा अमेरिका में सबसे पहले हुई? भारत का वह महान विचारक कौन था जिसकी चर्चा अमेरिका में सबसे पहले हुई? भारत का वह महान सुधारक कौन था जिसकी चर्चा अमेरिका में सबसे पहले हुई? भारत का वह कौन सा महात्मा था जिसकी चर्चा अमरीका में सबसे पहले हुई […]
बात तब की है जब कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं अपने चरम पर थीं। 1989-90 का वर्ष खासतौर पर इसलिए याद किया जाएगा क्योंकि इस साल रोज-रोज के बम धमाकों, अत्याचारों, आतंकी घटनाओं,हत्याओं आदि से तंग आकर बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित घाटी से विस्थापित होकर देश के दूसरे हिस्सों में चले आए।चले क्या आये,जिहादियों द्वारा […]
नरेन्द्र सिंह बिष्ट नैनीताल, उत्तराखण्ड उत्तराखंड के जोशीमठ में जो कुछ हो रहा है, उसे प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव निर्मित आपदा कहा जा रहा है. आर्थिक दृष्टिकोण से पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिस तरह से बिना किसी ठोस योजना के निर्माण कार्य किया गया, यह उसी का दुष्परिणाम है. हालांकि किसी भी […]
1– मोपला दंगों से पहले खिलाफत के दृश्य का प्रतीकात्मक संवाद अक्टूबर 1920,कालीकट आज खिलाफत मंडल की सभा में पंजाब से मौलाना अल्लाहबख्श आए हुए थे, कालीकट के मुसलमानों ने खिलाफत मंडल के नेता रामनारायण नंबूदिरी को समझाया कि अलाहबख्श के भाषण से पहले हिन्दू-मुस्लिम एकता दिखाने के लिए जुलूस में अलाहबख्श की बग्गी को […]
मोक्ष ✍🏻 लेखक – स्वामी स्वतन्त्रानन्द जी मोक्ष-प्राप्ति का साधन ज्ञान है, कर्म है वा ज्ञान-कर्म उभय हैं। ज्ञान-कर्म उभय होने पर भी कर्म समुच्चय है वा सम समुच्चय है। इस विषय में महर्षि दयानन्द जी का क्या पक्ष है ? मोक्ष-प्राप्ति के पश्चात् जीव पुनः जन्म प्राप्त करता है वा नहीं, अर्थात् मोक्ष सान्त […]
नारद का मोह
नारद का मोह प्रचलित कथा : एक कथा का वर्णन गोस्वामी तुलसीदास जी अपने ग्रन्थ रामचरित मानस के बालकाण्ड में करते है जो वास्तव में उनके इस ग्रन्थ की आधारशिला है। लिखा है कि एक समय महर्षि नारद को अभिमान हो गया कि वे महान इन्द्रियजीत हैं क्योंकि कामदेव का उन पर कोई प्रभाव नहीं […]
रिंकू कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार बिहार के सरकारी स्कूलों में इन दिनों नये-नये प्रयोग हो रहे हैं. ये प्रयोग प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा से अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ने के लिए किये जा रहे हैं. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने, ड्राॅपआउट बच्चों को स्कूल कैंपस तक लाने तथा पूरी घंटी तक बच्चों के विद्यालय में […]
अधूरी सड़क से पूरा विकास संभव नहीं
हरीश कुमार पुंछ, जम्मू केंद्र प्रशासित जम्मू कश्मीर बदलाव की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है. यदि अशांति के कुछ मामलों को छोड़ दिया जाए तो पहले की अपेक्षा इस केंद्र शासित क्षेत्र में विकास के कई स्वरुप देखने को मिले है. बड़ी संख्या में निवेशकों के यहां रुचि दिखाने से रोज़गार के […]