भारत में ध्येयनिष्ठ लेखन की सुदीर्घ परम्परा रही है। इस परम्परा के वाहकों ने जीविकोपार्जन या बुद्धिविलास के लिए लेखन नहीं किया, अपितु वैचारिक आन्दोलन, देश-समाज के जागरण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के लिए उन्होंने कलम चलाई। भारतीय इतिहास में ऐसे ही एक महानायक हुए भाई परमानन्द। भाई परमानंद को जानने वाले उन्हें देवतातुल्य मानते हैं। […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा ने प्रचंड जीत हासिल कर 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपना दावा तो मजबूत किया ही है साथ ही यह भी साबित किया है कि किसी भी अन्य पार्टी के पास ब्रांड मोदी का कोई विकल्प नहीं है। इन चुनावों ने यह भी दर्शाया कि प्रधानमंत्री मोदी जैसी मेहनत […]
एक हिन्दू (आर्य) धर्म की रक्षा के लिए शुद्धिस्वामी दयानन्द सरस्वती की सर्वथा नवीन, मौलिक और क्रान्तिकारी देन थी। इसके प्रादुर्भाव का इतिहास अतीव रोचक है और इस बात को स्पष्ट करता है कि स्वामी जी अपने समय की परिस्थितियों को देखते हुए किस प्रकार मौलिक चिन्तन करते थे और तत्कालीन सामाजिक समस्याओं के समाधान […]
उमेश कुमार सिंह आज के समय में कम उम्र के लोगों में भी कमजोर हड्डी व जोड़ों की समस्या होने लगी है। कमजोर हड्डियों के कारण लोग समय से पहले बूढ़े होने लगे हैं। बदलती लाइफस्टाइल के साथ हम अपने स्वास्थ्य को खुद बिगाड़ रहे हैं। इसके कुछ खास कारणों में धूम्रपान, शराब का अत्यधिक […]
शिल्पा कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार किसी भी देश के विकास में पुरुष और महिलाओं का समान योगदान होता है. लेकिन ऐसा तभी मुमकिन हो सकता है जब वह देश अपने सभी नागरिकों को समान रूप से बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सके. परंतु हमारे देश में आज भी आधी आबादी विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और किशोरियों […]
मुहम्मद ने अपने जीवन में जितने मुसलमान बनाये थे ,वह कुरान और हदीसें सुन कर मुहम्मद के इतने अंधभक्त बन गए थे की उनकीबुद्धि और सोचने समझने की शक्ति समाप्त हो गए , वह आंख बंद करके मुहम्मद की नक़ल करने को ही इस्लाम या सुन्नत मानने लगे ,और यही परंपरा आज भी मुस्लिम चला […]
गौतम मोरारका उत्तर कोरिया को परमाणु महशक्ति बनाने में जुटे किम जोंग उन को हल्के में नहीं लेना चाहिए उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन ने दावा किया है कि उनका देश विश्व की सबसे शक्तिशाली परमाणु शक्ति बनना चाहता है। उनके इस ऐलान को अधिकतर लोगों ने गीदड़ भभकी के रूप में ही […]
उगता भारत ब्यूरो भारत की वो एकलौती ऐसी घटना जब , अंग्रेज़ों ने एक साथ 52 क्रांतिकारियों को इमली के पेड़ पर लटका दिया था, पर वामपंथियों ने इतिहास की इतनी बड़ी घटना को आज तक गुमनामी के अंधेरों में ढके रखा। उत्तरप्रदेश के फतेहपुर जिले में स्थित बावनी इमली एक प्रसिद्ध इमली का पेड़ […]
(6 दिसम्बर 1992 के नवनिर्माण उद्यम के शौर्य स्मरण पर) -अरुण लवानिया आपको कुछ मुसलमान और कम्युनिस्ट यह चिल्लाते दिखेंगे कि अगर बाबर ने हिन्दू मंदिर तोडा होता तो तुलसीदास ने लिखा होता। मगर इसका कोई प्रमाण रामचरितमानस में नहीं मिलता। सत्य यह है कि तुलसीदास जी ने बाबर के हाथों राममंदिर विध्वंस का वर्णन […]
शिवकुमार शर्मा महर्षि अरविंद घोष एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने के साथ-साथ योगी, दार्शनिक, कवि और प्रकांड विद्वान भी थे। उनके क्रांतिकारी विचार और भाषणों में ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियों की कड़ीआलोचना शामिल रहती थी और समाचार पत्र “वंदे मातरम” तो अंग्रेजी शासन के विरुद्ध आग उगलता था। अलीपुर बम कांड में गिरफ्तार […]