Categories
आज का चिंतन

भारतीय वैदिक चिंतन में मोक्ष की अवधारणा

मोक्ष ✍🏻 लेखक – स्वामी स्वतन्त्रानन्द जी मोक्ष-प्राप्ति का साधन ज्ञान है, कर्म है वा ज्ञान-कर्म उभय हैं। ज्ञान-कर्म उभय होने पर भी कर्म समुच्चय है वा सम समुच्चय है। इस विषय में महर्षि दयानन्द जी का क्या पक्ष है ? मोक्ष-प्राप्ति के पश्चात् जीव पुनः जन्म प्राप्त करता है वा नहीं, अर्थात् मोक्ष सान्त […]

Categories
हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

नारद का मोह

नारद का मोह प्रचलित कथा : एक कथा का वर्णन गोस्वामी तुलसीदास जी अपने ग्रन्थ रामचरित मानस के बालकाण्ड में करते है जो वास्तव में उनके इस ग्रन्थ की आधारशिला है। लिखा है कि एक समय महर्षि नारद को अभिमान हो गया कि वे महान इन्द्रियजीत हैं क्योंकि कामदेव का उन पर कोई प्रभाव नहीं […]

Categories
मुद्दा

सम्यक प्रयास से बदलेगी बिहार की शिक्षा व्यवस्था

रिंकू कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार बिहार के सरकारी स्कूलों में इन दिनों नये-नये प्रयोग हो रहे हैं. ये प्रयोग प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा से अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ने के लिए किये जा रहे हैं. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने, ड्राॅपआउट बच्चों को स्कूल कैंपस तक लाने तथा पूरी घंटी तक बच्चों के विद्यालय में […]

Categories
भयानक राजनीतिक षडयंत्र

स्वार्थों के लिए मनुवाद का राग

मनुस्मृति या भारतीय धर्मग्रंथों को मौलिक रूप में और उसके सही भाव को समझकर पढ़ना चाहिए। विद्वानों को भी सही और मौलिक बातों को सामने लाना चाहिए। तभी लोगों की धारणा बदलेगी। दाराशिकोह उपनिषद पढ़कर भारतीय धर्मग्रंथों का भक्त बन गया था। इतिहास में उसका नाम उदार बादशाह के नाम से दर्ज है। फ्रेंच विद्वान […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

अधूरी सड़क से पूरा विकास संभव नहीं

हरीश कुमार पुंछ, जम्मू केंद्र प्रशासित जम्मू कश्मीर बदलाव की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है. यदि अशांति के कुछ मामलों को छोड़ दिया जाए तो पहले की अपेक्षा इस केंद्र शासित क्षेत्र में विकास के कई स्वरुप देखने को मिले है. बड़ी संख्या में निवेशकों के यहां रुचि दिखाने से रोज़गार के […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

महाजनपद काल – एक सम्पूर्ण यात्रा (भाग-10)-मगध महाजनपद

उगता भारत ब्यूरो मगध प्राचीन भारत के सोलह महाजनपद में से एक था । बौद्ध काल तथा परवर्तीकाल में उत्तरी भारत का सबसे अधिक शक्तिशाली जनपद था। इसकी स्थिति स्थूल रूप से दक्षिण बिहार के प्रदेश में थी। आधुनिक पटना तथा गया ज़िला इसमें शामिल थे । इसकी राजधानी गिरिव्रज थी । भगवान बुद्ध के […]

Categories
आज का चिंतन

वैकुंठ धाम की मान्यता

डॉ डी0के0 गर्ग पौराणिक मान्यता : वैकुंठ धाम भगवान विष्णु का आवास है । भगवान विष्णु जिस लोक में निवास करते हैं उसे बैकुण्ठ कहा जाता है। जैसे कैलाश पर महादेव व ब्रह्मलोक में ब्रह्माजी बसते हैं। बैकुंठ धाम के कई नाम हैं – साकेत, गोलोक, परमधाम, परमस्थान, परमपद, परमव्योम, सनातन आकाश, शाश्वत-पद, ब्रह्मपुर। बहुत […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

श्री राम मंदिर आंदोलन में रही थी कल्याण सिंह की विशेष भूमिका

ब्रह्मानंद राजपूत उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी सन् 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ जनपद की अतरौली तहसील के मढ़ौली ग्राम के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। कल्याण सिंह के पिता का नाम तेजपाल सिंह लोधी और माता का नाम सीता देवी था। भारतीय राजनीति के युगपुरुष, श्रेष्ठ […]

Categories
Uncategorised इतिहास के पन्नों से

नेहरू ने जब पटेल को चिट्ठी लिखकर कहा- मस्जिदों को बचाएं और उन्‍हें दोबारा बनवाएं

अमित शुक्‍ला बात आजादी के बाद की है। देश के पहले प्रधाानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने तत्‍कालीन गृहमंत्री सरदार वल्‍लभभाई पटेल को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्‍होंने मस्जिदों का मुद्दा उठाया था। नेहरू ने कहा था कि उन्‍हें बताया गया है कि दिल्‍ली में कुछ मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया गया है। उन्‍होंने ऐसी मस्जिदों […]

Categories
राजनीति

सत्ता में लौटने के लिए बदलनी होगी राजस्थान कांग्रेस को अपनी चाल

रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान में अगले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। प्रदेश में सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी, मुख्य विपक्षी दल भाजपा, तिकोनी टक्कर बनाने में जुटी बसपा, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन, वामपंथी दल, भारतीय ट्राइबल […]

Exit mobile version