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आज का चिंतन

क्या ज्ञानी दित्त सिंह ने ऋषि दयानंद को हराया ?

ज्ञानी दित सिहं और ऋषि दयानंद संवाद बारे सत्य जाने। सर्वप्रथम जान लें कि ज्ञानी दित सिंह सिख नहीं था जबकि दित सिहं वेदांती था।वेदांत मत आदि शंकराचार्य ने चलाया था।दुसरा दित सिहं से चर्चा का विषय सिख धर्म और वेद/ आर्य समाज भी नहीं था। फिर यह किस तरह उसे सिख बोल कर गर्व […]

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समाज

प्लास्टिक सामग्रियां छीन रही हैं बसोर समुदाय का पुश्तैनी धंधा

पूजा यादव भोपाल मध्यप्रदेश में बसोर समुदाय के लोग अपना पुश्तैनी काम बांस से डलिया, छबड़ी, सूपा, पंखा, टपरी, टपरा, कुर्सी, झूला, झटकेड़ा, फर्नीचर,फूलदान और टोपली आदि बनाना छोड़कर मजदूरी करने लगे हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि इनके बनाये बांस की ईको फ्रेंडली सामग्रियों की जगह तेजी से प्लास्टिक की बनी सामग्रियों ने ले लिया है. […]

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विविधा

बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर विकास मंजूर नहीं

हरीश कुमार पुंछ, जम्मू तकनीक के विकास ने भले ही इंसानों के काम को आसान कर दिया है, लेकिन कई बार इसके कुछ नकारात्मक परिणाम भी सामने आये हैं. आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस मशीनों ने ऊंची ऊंची इमारतों को बनाना आसान कर दिया है, लेकिन इससे निकलने वाले धुंए और गुबार ने न केवल पर्यावरण […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

आर्यसमाज के भूषण पण्डित गुरुदत्तजी के अद्भुत जीवन का कारण क्या था?

-राज्यरत्न आत्माराम अमृतसरी प्रेषक- प्रियांशु सेठ , डॉ० विवेक आर्य महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती जी के सच्चे भक्त विद्यानिधि, तर्कवाचस्पति, मुनिवर, पण्डित गुरुदत्त जी विद्यार्थी, एम०ए० का जन्म २६ अप्रैल सन् १८६४ ई० को मुलतान नगर में और देहान्त २६ वर्ष की आयु में लाहौर नगर में १९ मार्च सन् १८९० ई० को हुआ था। […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भारत में दम तोड़ता वामपंथी आंदोलन

राकेश सैन चुनाव आयोग की नई घोषणा अनुसार, वामपंथी दलों से राष्ट्रीय दर्जा छिन गया है और वे क्षेत्रीय पार्टी बन गए। किसी समय बंगाल, त्रिपुरा व केरल में एकछत्र शासक, पंजाब जैसे कई राज्यों में प्रभावशाली दल रहे वामपंथी आज केवल केरल तक सिमट कर रह गए और राष्ट्रीय स्तर पर इनका मत प्रतिशत […]

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मुद्दा

निकाय चुनाव में विपक्ष की फूट का लाभ मिल सकता है भाजपा को

अजय कुमार राष्ट्रीय लोकदल का वजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा है। यही कारण है कि रालोद उम्मीदवार पश्चिमी उप्र की निकायों में अपने उम्मीदवार घोषित करने की बात कह रहे हैं। रालोद का मानना है कि यहां सपा को अपने उम्मीदवार घोषित नहीं करने चाहिए थे। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में सब कुछ […]

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इतिहास के पन्नों से

जब क्रांतिकारी कवि दिनकर ने मंदिर में की थी अपनी मौत की कामना

अनन्या मिश्रा रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हिन्दी के कवि, लेखक और निबन्धकार थे। दिनकर आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि थे। स्वतंत्रता के पहले उनकी पहचान एक विद्रोही कवि के तौर पर थी। लेकिन देश की आजादी के बाद उनकी पहचान ‘राष्ट्रकवि’ के तौर पर होने लगी। उनकी कविताओं में ओज, विद्रोह, आक्रोश और […]

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महत्वपूर्ण लेख

धार्मिक कट्टरता का जमकर विरोध करते रहे तारिक फतह

अशोक मधुप अलविदा तारिक फतेह साहब। इस संक्रमण काल में तो आपकी बहुत जरूरत थी। आपका ऐसे समय में जाना समाज, भारत और भारतवाद का बड़ा नुकसान है। खुद को सच्चा हिन्दुस्तानी मानने वाले लेखक तारिक फतेह विभाजन की विडम्बनाओं पर निरंतर पांच दशकों तक मुखर रहे। वे सदा धार्मिक कट्टरता का विरोध करते रहे। […]

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इसलाम और शाकाहार

क्या है गंगा जमुनी तहजीब का सच ?

गंगाजमुनी तहजीब ? भारत सदा से एक शांतिप्रिय देश रहा है .यहाँ जितने भी धर्म और सम्प्रदाय पैदा हुए ,उन सबके मानने वाले मिलजुल कर रहते ए हैं ,और सब एक दूसरे के विचारों का आदर करते आये है .क्योंकि भारत के सभी धर्मों में ,प्रेम ,करुणा,मैत्री ,परस्पर सद्भावना और अहिंसा को धर्म का प्रमुख […]

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इसलाम और शाकाहार

जन्नत में गिलमा का क्या काम है ?

यदि कोई व्यक्ति दुर्भावना रहित निष्पक्ष रूप से इस्लामी साहित्य ,मुस्लिम शासकों का इतिहास और मुसलमानों आचार विचार का गंभीर अध्यन करने पर आसानी से इस बात का निष्कर्ष निकला जा सकता ,कि है हरेक कुकर्म और अपराध का सम्बन्ध इसी गलत धार्मिक शिक्षा से है .ऐसा ही एक दुर्गुण है जो इस्लाम के साथ […]

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