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राजनीति

कर्नाटक में राहुल गांधी की नहीं बल्कि कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व की जीत है

सच्चिदानंद सच्चू भारतीय जनता पार्टी को दक्षिण भारत में अपने एकमात्र दुर्ग में करारी शिकस्त मिली है। वैसे वोटिंग प्रतिशत को देखें तो पाएंगे कि कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगभग 5 प्रतिशत बढ़ा है। 2018 में वह 38 प्रतिशत था, जो इस बार 43 प्रतिशत हो गया है। बीजेपी का मत कमोबेश वही 36 प्रतिशत […]

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Uncategorised मुद्दा

बाबा बागेश्वर धाम के कार्यक्रम पर बिहार के मंत्रियों की ओछी मानसिकता, भला क्या प्रदर्शन करती है?

मनीष कुमार पांडेय पटना में बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर शब्द है आचार्य धीरेंद्र शास्त्री जी का कार्यक्रम भीषण गर्मी अत्याधिक भीड़ एवं निश्चित रूप से प्रशासनिक अक्षमता के कारण बंद कर देना पड़ा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य सरकार इस विषय पर उचित समाधान ना निकालकर सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला रही है […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

जातिगत_छुआछूत : एक अफवाह आधारित नैरेटिव का वैधानिकीकरण है जिसको 1936 के बाद गढ़ा गया है

क्या इस बात के प्रमाण हैं? जी हां हैं। दरअसल एक ही चीज को कई दृष्टियों से देखा जा सकता है। जो जैसी दृष्टि वाला होगा वैसी ही चीज उसे दिखायी देगा। अमिताभ बच्चन की एक फ़िल्म है जिसमें वह हाँथ में 6 लिखकर अपने बेटे से पूंछता है कि क्या लिखा है। वह कहता […]

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विविधा

गांव को शहर बनाती सड़क

नीतू उदयपुर, राजस्थान किसी भी क्षेत्र के विकास में सबसे महत्वपूर्ण पहलू उसका कनेक्टिविटी यानी सड़क है. जिस भी गांव का सड़क संपर्क बेहतर रहा है, वहां अन्य क्षेत्रों की तुलना में विकास ने पहले दस्तक दी है. यही कारण है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक ग्रामीण क्षेत्रों में भी सड़क को बेहतर […]

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इसलाम और शाकाहार

इस्लाम सिर्फ अरबों के लिए है -सबके लिए नहीं !!

कुरान इस्लाम का प्रमाणिक और आधार धर्मग्रन्थ है , जो अरबी भाषा में है , जिस से अधिकांश मुस्लिम अनभिज्ञ हैं , इसलिए मुसलमानों को कुरान का सही अर्थ और आशय समझने के लिए मुल्ले मौलवियों का सहारा लेना पड़ता है . यही कारण है कि सामान्य मुस्लिमों की कुरान केबारे में अज्ञानता का फायदा […]

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इतिहास के पन्नों से

हीरकनी , शिवाजी और मातृदिवस !!!

अरुण लवनिया ” दरवाजा खोलो और मुझे बाहर जाने दो।” हाथ जोड़कर आंखों में आंसू भरे हीरकनी सैनिकों से प्रार्थना कर रही थी। ” नहीं । यह नहीं हो सकता।राजे का आदेश है कि शाम छ: बजे किले का दरवाजा बंद हो जाये और अगले दिन सुबह ही खुले।” बंद दरवाजे के सामने हाथों में […]

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समाज

अंधविश्वास की जद में समाज

सिमरन कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार भारतीय समाज आज भी रूढ़िवाद और अंधविश्वास से बाहर नहीं आया है. अनपढ़ तो अनपढ़, शिक्षित भी इससे जकड़े हुए हैं. समाज में बुराई सदियों से चली आ रही है. यह ऐसा रोग है जिसने समाज की नींव खोखली कर दी है. खासकर महिलाएं और किशोरियां झाड़फूंक, जादू-टोना, तंत्र-मंत्र, ओझा-गुणी के […]

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विविधा

एकल नहीं, मजबूर मां का मातृत्व दिवस

सौम्या ज्योत्सना मुजफ्फरपुर बिहार 14 मई को हर साल मातृत्व दिवस मनाया जाता है और इस अवसर पर सुर्खियां केवल शहरी एवं ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं को दी जाती है। बेशक वे महिलाएं, जो एकल मां हैं और अपने बच्चों का लालन-पालन कर रही हैं, तारीफ की हकदार हैं लेकिन भारत का हृदय […]

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इसलाम और शाकाहार

कुरान में पवित्र अश्लील शब्द

कुरान में पवित्र अश्लील शब्द किसी भी व्यक्ति की शराफत , शिष्टता ,गुण अवगुण और स्वभाव उसके द्वारा बोलचाल प्रयोग किये या लिखे गए शब्दों से पता चल जाते हैं .दुनिया की हरेक भाषा में पुरुष स्त्री के गुप्त अंगों से सम्बंधित शिष्ट और अश्लील शब्द पाए जाते हैं .और सभ्य लोग उन्हीं शब्दों का […]

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राजनीति

पायलट से सत्ता की जंग के बीच आदिवासियों की नब्ज टटोलते गहलोत

रमेश सर्राफ धमोरा 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अनुसूचित जाति की 18 अनुसूचित जनजाति की 16 सीटें यानी कुल 34 सीटों पर जीत हासिल की थीं। जबकि भाजपा अनुसूचित जाति की 15 व अनुसूचित जनजाति की 2 सीटों पर यानी कुल 17 सीटें ही जीत पाई थी। राजस्थान में इसी साल के अंत […]

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