रेलवे की दारू और कामचोरी ने ली 300 जानें रेल मंत्री और दोषी अधिकारियों को मोदी ने क्यों बचाया? ==================== आचार्य विष्णु हरि सरस्वती मोदी की सरकार ने अभी तक यह जिम्मेदारी तय नहीं कर सकी कि भीषण रेल दुर्धटना किस कारण हुई जिसमें तीन सौ से अधिक जानें गयी और एक हजार से ज्यादा […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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मस्तिष्क में होने वाला ट्यूमर अत्यंत घातक बीमारी है। यदि सही समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। मनुष्य के मस्तिष्क में कोशिकाओं और ऊतकों की गांठ बन जाती है और यह ब्रेन ट्यूमर कहलाती है। हालांकि ब्रेन ट्यूमर किसी को भी किसी भी उम्र में हो […]
आस्तिकता और चमत्कार*
आस्तिकता और चमत्कार कुछ लोग कहते हैं, भारत में ईश्वर अवश्य है । क्योंकि कोई भी इस देश को बसाना नहीं चाहता, फिर भी यह बसा हुआ है, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है । नास्तिक विचार वाले लोगों का ईश्वर से सबसे बड़ी शिकायत यह होती है कि इतनी गड़बड़ हो रही है, […]
उगता भारत ब्यूरो हर रबी एवं खरीफ के सीजन में न्याय पंचायत स्तर पर अलग-अलग विषय के विशेषज्ञ किसानों को सीजनल फसल की उन्नत प्रजातियों, खेत की तैयारी, बोआई का सही समय एवं तरीका और समय-समय पर फसल संरक्षण के उपायों की जानकारी देते हैं। हर क्षेत्र में बेहतरी के बाबत सतत जागरूकता सबसे जरूरी […]
By Dr D K Garg भाग ३ अंतिम साभार: सत्यार्थ प्रकाश ईश्वर निराकार और एक ही है लेकिन ईश्वर को उसके कार्यो के अनुसार अलग अलग नामो से पुकारा जाता है। इसलिए निराकार ईश्वर को शरीरधारी बना देना अनुचित है। ये जो विभिन्न तस्वीर ईश्वर के नाम की दिखाई देती है उनमे ईश्वर की शक्ति […]
योगेश कुमार गोयल जलवायु परिवर्तन और प्रदूषित वातावरण के बढ़ते खतरे हम अब लगातार अनुभव कर रहे हैं। इसीलिए पर्यावरण की सुरक्षा तथा संरक्षण के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 5 जून को पूरी दुनिया में ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया जाता है। वर्तमान समय में पर्यावरण प्रदूषण सबसे बड़ी वैश्विक समस्या है। तीन दशकों से महसूस किया […]
कम्युनिस्टों की तानाशाही, बर्बर हिंसा को याद करना इसलिए जरूरी है ==================== आचार्य विष्णु हरि सरस्वती लियानमेन स्कवायर जनसंहार के कोई एक दो वर्ष नहीं बल्कि पूरे 34 वर्ष हो गये। मानव स्मृतियां दो-चार साल में ही धूमिल हो जाती हैं और इतिहास बन जाती हैं। पर लियानमेन स्कवायर जनसंहार की स्मृतियां इतिहास तो बनी […]
सच्चिदानंद सच्चू सीमा के दोनों तरफ रहने वाले करोड़ों मधेसी इस बार भी पीएम की यात्रा से उम्मीद बांधे हुए थे। लेकिन उनकी समस्या का समाधान इस यात्रा से भी होता नहीं दिख रहा है। नागरिकता संशोधन विधेयक से जिन मधेसियों को उम्मीद थी, उस पर पानी फिर चुका है। नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल […]
हमारे पापों का परिणाम है आकस्मिक आपदाएं
डॉ. दीपक आचार्य मूड और मौसम ये दोनों ही अब ऐसे हो गए हैं कि इनका पता ही नहीं चलता। पहले बारह महीनों में कुछ-कुछ माह तय होते थे क्रमिक रूप से गर्मी, सर्दी और बरसात के। और इनका क्रम भी कुछ वर्ष पूर्व तक तकरीबन इसी तरह बना हुआ रहता था। हाल के कुछ […]
डॉ. संतोष सारंग मुजफ्फरपुर, बिहार ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए जिम्मेदार घातक कारकों में सड़कों पर दौड़ाने वाले वाहनों की बेतहाशा बढ़ती संख्या एक प्रमुख कारक है. सार्वजनिक वाहनों को छोड़ कर जानलेवा व दूषित कणों को उत्सर्जित करने वाली निजी गाड़ियों का उपयोग लोगों का स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है. यही कारण है कि […]