प्रस्तुति: Dr DK Garg दुष्प्रचार: स्वः स्वाहा अग्नि-देवता अग्नि की पत्नी हैं। उनकी दो पत्नियाँ हैं – स्वाहा और स्वधा। प्रत्येक मंत्र के अंत में “स्वाहा” का जाप करता है ताकि अग्नि अपनी पत्नी के साथ चढ़ाए गए अनाज/घी को स्वीकार कर सके। इस प्रकार अनुष्ठान पूरा होता है। अन्य विचार : १)अग्निदेव की पत्नी […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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डॉ. दीपक आचार्य समय की गति को कोई थाम नहीं सकता। युग बीत गए लेकिन समय की रफ्तार यों ही चलती रही है और चलती रहेगी। इसलिए जो लोग इस मुगालते में रहते हैं कि आज के काम कल या परसों कर लेंगे, उनकी जिन्दगी का वो कल कभी नहीं आता और सीधे ही आ […]
कालापानी की कहानी सन् 1857 ई. के प्रथम स्वतन्त्राता संग्राम से प्रारम्भ हो कर वहाबी आन्दोलन (1860-1870), उत्तर प्रदेश के उर्दू साप्ताहिक ‘स्वराज’ के सम्पादकों की आजादी के लिए दीवानगी,मालाबार का मोपला विद्रोह (1922-24), आन्ध्र में गोदावरी (1924-25) का रम्पा विद्रोह, ब्रह्म्रा में थारवर्दी का किसान विद्रोह (1930), के अतिरिक्त देश के प्रत्येक राज्य में […]
अष्टांग योग के नियमों के आचरण से ही मानव का सुखी होना संभव है-मनमोहन वोहरा गाजियाबाद,शुक्रवार,16-06-2023 को अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान के तत्वावधान मे ई- ब्लॉक,जानकी वाटिका,नेहरू नगर में बाल योग एवं संस्कार शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे स्वदेशी आयुर्वेद,हरिद्वार के निदेशक डा आर के आर्य का संस्थान के उपाध्यक्ष मनमोहन […]
दिल्ली के प्रमुख स्थलों में से एक नेहरु प्लेस है। यहां का बाजार प्रसिद्ध है। इसके पास का इलाका कालकाजी नाम से जाना जाता है। क्या आप जानते हैं कि कालकाजी का यहां से लगभग 900 किलोमीटर दूर स्थित इंदौर से गहरा संबंध है। वास्तव में यहां कालिका माता का एक मंदिर मौजूद है। इसी […]
अभिवादन का महत्व अभिवादन में नमस्कार, नमस्ते या राम राम आदि? कौन सा अभिवादन ?? भाग 1ये प्रस्तुति 3 भाग मे है। Dr DK Garg सभ्य मानव समाज में अभिवादन की परम्परा उतनी ही पुरानी है जितनी कि व्यवस्थित मानव समाज के अस्तित्व में आने की।भारतीय संस्कृति सहित विश्व की समस्त सभ्यताओं व संस्कृतियों में […]
देवेन्द्रराज सुथार जालोर, राजस्थान बालिका शिक्षा में निवेश से न केवल समुदाय बल्कि देश और पूरी दुनिया का नक्शा बदल सकता है. इससे बाल विवाह की संभावना कम और स्वस्थ जीवन जीने की संभावना अधिक हो जाती है. वे उच्च आय अर्जित करती हैं एवं उन निर्णयों में भाग लेती हैं जो उन्हें सबसे अधिक […]
भविष्य की आपदा है आज की मुफ्तखोरी
डॉ. दीपक आचार्य आजकल देश में सर्वाधिक चर्चा इसी बात की है कि कल्याणकारी राज किसे कहा जाए। सामाजिक सरोकारों के निर्वहन के नाम पर लोगों की जरूरतें पूरी करने के लिए मुफ्त में सब कुछ बाँटते चले जाएं और इसका लाभ पाते हुए लोकप्रियता की आईसक्रीम का स्वाद लेते हुए सत्ता पर काबिज होकर […]
रवि शंकर मनुस्मृति में वर्ण की ही चर्चा है, जाति की नहीं। परंतु मनु में जन्मना जाति का निषेध अवश्य पाया जाता है। उदाहरण के लिए कहा गया है कि अपने गोत्र या कुल की दुहाई देकर भोजन करने वाले को स्वयं का उगलकर खाने वाला माना जाए (मनु 3/109)। इसका सीधा तात्पर्य है कि […]
हूरों के आगे गिलमा क्यों भूल गए ? आजकल सभी टीवी चैनलों पर जन्नत की 72 हूरों के बारे में बहस हो रही क्योंकि इसके बारे में एक फिल्म भी तैयार हो चुकी है लेकिन लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते कि जन्नत में जिहादियों को 72 हूरों के साथ 8 गिलमा भी दिए […]