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आज का चिंतन

महाभारत के पात्र गांधारी*

महाभारत के पात्र गांधारी प्रस्तुती:Dr DK Garg रामायण एवं महाभारत समीक्षा By Dr DK Garg से साभार भाग-4 गांधारी के १०० बच्चों का सच प्रचलित कथा – महाभारत के अनुसार कौरव 100 भाई और एक बहन थे। प्रचलित कथा में ही इस पर दो भिन्न-भिन्न राय है और दोनों ही अपनी राय को सत्य बताते […]

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इसलाम और शाकाहार

क्या इस्लाम तेज़ी से बढ़ रहा है या तेज़ी से खत्म हो रहा है?

क्या इस्लाम तेज़ी से बढ़ रहा है या तेज़ी से खत्म हो रहा है? इसे जल्दी से शेयर कर ले, या कापी कर ले, सेव कर ले कृपया, क्योकि फोटो कवर होने वाला हैम नमस्ते मित्रों! आज हम बहुत ही महत्वपूर्ण विषय लेकर आपके सामने आये हैं और ये जानकारी बिना किसी आधार पर नहीं […]

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शिक्षा/रोजगार

शिक्षा के नाम पर निजी स्कूलों की मनमानी

हरीश कुमार पुंछ, जम्मू हाल के समय में समाज में एक धारणा तेज़ी से प्रचलित हुई है कि सरकारी स्कूलों के बजाय निजी स्कूलों में शिक्षा का स्तर थोड़ा ऊंचा है. इसी कारण माता पिता अपने बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ाना बेहतर समझते हैं. हालांकि आज के समय में सरकारी स्कूलों में भी गुणवत्तापूर्ण […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

गीता प्रेस गोरखपुर का विरोध करने वाले लोगों की मानसिकता

लोकेन्द्र सिंह राजपूत एक अन्य तथ्य भी ध्यान रखिए कि भारत की स्वतंत्रता के संकल्प को शक्ति देने के लिए ‘राम-नाम जाप’ का आग्रह लेकर जब भाई पोद्दार मुंबई में महात्मा गांधी से मिले थे, तब गांधीजी ने ‘राम-नाम’ का प्रसार करने के लिए प्रशंसा की थी। भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी […]

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इतिहास के पन्नों से

आपातकाल की भयावह कर देने वाली स्मृतियां

बृजेन्द्र सिंह वत्स दिनांक २५ जून १९७५ को इस सेवक की आयु मात्र १३ वर्ष थी। हमारे आवास पर स्वनामधन्य पत्रकार श्री के. नरेंद्र के संपादकत्व में प्रकाशित होने वाला हिंदी समाचार पत्र वीर अर्जुन आया करता था। श्री के. नरेंद्र मूर्धन्य पत्रकारों के परिवार से संबंधित थे। उनके पिता महाशय कृष्ण ब्रिटिश समय में […]

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इतिहास के पन्नों से

सर्वखाप पंचायत की बलिदान – गाथा

सर्वखाप पंचायत की बलिदान – गाथा लेखक :- श्री पंडित जगदेव सिंह सिद्धांति इतिहास संरक्षक :- चौधरी कबूल सिंह शोरों (मुज्जफरनगर) प्रस्तुति :- अमित सिवाहा वर्तमान सृष्टि के आरम्भ काल में ही आर्यावर्त में मानव जाति ने वास कर लिया था। समयानुसार आर्यावर्त भारत नाम से विख्यात हुआ। इस प्रकार भारतीय राष्ट्र का इतिहास अति […]

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पर्यावरण

तेज़ी से कूड़े के ढ़ेर में बदल रहा है पहाड़

नरेन्द्र सिंह बिष्ट हल्द्वानी, उत्तराखंड राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हमेशा स्वच्छता पर ज़ोर देते रहे हैं. बापू का एक ही सपना था कि ‘स्वच्छ हो भारत अपना’. वर्तमान की केंद्र सरकार भी ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत राष्ट्रपिता के इस ख्वाब को आगे बढ़ाते हुए स्वच्छता पर विशेष ज़ोर देती रही है. लेकिन इसके बावजूद देश […]

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इतिहास के पन्नों से

रानी लक्ष्मीबाई के बेटे दामोदर राव का उनकी मृत्यु के बाद क्या हुआ था ?

झांसी के अंतिम संघर्ष में महारानी की पीठ पर बंधा उनका बेटा दामोदर राव (असली नाम आनंद राव) सबको याद है. रानी की चिता जल जाने के बाद उस बेटे का क्या हुआ वो कोई कहानी का किरदार भर नहीं था, 1857 के विद्रोह की सबसे महत्वपूर्ण कहानी को जीने वाला राजकुमार था जिसने उसी […]

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आज का चिंतन

गुरु की टांग : एक प्रेरणास्पद कहानी

गुरु की टांग सहदेव समर्पित *आपने भी गुरु और दो मूर्ख शिष्यों की वह कथा सुनी होगी जब वे दोनों गुरु के पैर दबा रहे थे। दोनों ने एक एक टांग बांट ली। गुरु जी ने एक टांग दूसरी के ऊपर रखी तो दूसरी टांग के मालिक शिष्य की भावनायें भड़क गईं। उसने दूसरी टांग […]

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आज का चिंतन

*व्रत और उपवास की धार्मिक वास्तविकता*

डॉ डी के गर्ग एक निश्चित अवधि के लिए भोजन और पेय पदार्थों को त्यागने की क्रिया को उपवास (fasting) कहा जाता है। दूसरे शब्दों में अन्न और जल न ग्रहण करने की क्रिया उपवास कहलाता है। लेकिन शारीरिक कारणों को छोड़कर धार्मिक या अन्य किसी संकल्प के कारण किसी निश्चित अवधि के लिए भोजन […]

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