समानी प्रपा सहवोऽन्भागः समाने योषत्रे सहवो युनाज्मि। सम्यंचोऽग्नि सपर्य्यतारा नाभिमिवा भितः। अथर्व 3।30।6 ईश्वर वेद में आदेश देता है- तुम्हारा पीने के पदार्थ (जल दूध आदि) एक समान हो, अन्न भोजन आदि समान हो, मैं तुम्हें एक साथ एक ही (कर्त्तव्य) के बन्धन में जोड़ता हूँ। जिस प्रकार पहिये की अक्ष में आरे (Spokes) जुड़े […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी यह स्थान छपिया के भेटियां गांव की झाड़ियों में है। भेटिया का हिंदी अर्थ भेंट उपहार या नजर लाने वाला होता है। चूंकि यहां खेत से निकला सारा धान अपने बचनानुसार मोती मामा ने फसल बचाने के एवज में अपने भांजे घनश्याम बाल प्रभु को दान में भेंट कर दिया था। […]
हम भारत के मूलवासियों के लिए कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी ,ब्राम्हणवादियो की दशमी से कई गुना महत्वपूर्ण v सचमुच ऐतिहासिक है । मनुवादियों ने फर्जी रामायण की कथा के काल्पनिक नायक राम की काल्पनिक दश सिर वाले कथित राक्षस रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटने पर खुशी के रूप में मनाया […]
आज के वातावरण में जब गंभीरता से देखते हैं, तो ऐसा लगता है, लगभग पूरी दुनिया नास्तिक हो चुकी है। *”संभवत: कुछ ही गिने चुने लोग ऐसे बचे होंगे, जो ईश्वर को ठीक प्रकार से समझते हैं। उसको सदा अपने अंदर बाहर चारों ओर उपस्थित स्वीकार करते हैं। उसके न्याय को, उसकी दंड व्यवस्था को […]
आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी लोह गंजारी गांव में जंगलेश्वर महादेव जी का मंदिर है। यहां पर धर्मदेव के मित्र संध्यागिरि साधु रहते थे। घनश्याम महराज को लेकर धर्मदेव पिता अक्सर यहां आया करते थे। यहां पर घनश्याम महराज कई आश्चर्य चकित करने वाले कृत्य किए हैं धर्मदेव के मित्र संध्यागिरि साधु प्रतिदिन जंगलेश्वर महादेव जी […]
एक मरुत किस प्रकार जीवन जीता है और प्रगति करता है? सिंहा इव नानदति प्रचेतसः पिशा इव सुपिशो विश्ववेदसः। क्षपो जिन्वन्तः पृृषतीभिर्ऋष्टिभिः समित्सबाधः शवसाहिमन्यवः।। ऋग्वेद मन्त्र 1.64.8 (कुल मन्त्र 740) (सिंहा इव) शेरों की तरह (नानदति) गर्जना करते हैं और दावा करते हैं (प्रचेतसः) ज्ञान में प्रकाशित, प्रकृति की प्रकृति को जानने वाले (पिशाः इव) […]
वायु की क्या शक्तियाँ और लक्षण हैं?
उन लोगों के क्या लक्षण होते हैं जो वायु पर पूरा अधिकार स्थापित कर लेते हैं? आध्यात्मिक प्रगति और भौतिक संसार में वायु का क्या उपयोग है? महिषासो मायिनश्चित्रभानवो गिरयो न स्वतवसो रघुष्यदः। मृृगाइव हस्तिनः खादथा वना यदारुणीषु तविषीरयुग्ध्वम्् ।। ऋग्वेद मन्त्र 1.64.7 (कुल मन्त्र 739) (महिषासः) माहन्, व्यापक (मायिनः) ज्ञान धारण करने वाला (चित्रभानवः) […]
ईश्वर विषय🌷 प्रश्न : परमात्मा का मुख्य नाम क्या है? उत्तर : परमात्मा का मुख्य और निज नाम ओ३म् है। प्रश्न :ओ३म् नाम में कितने अक्षर हैं? उत्तर :ओ३म् नाम में तीन अक्षर अ,उ और म् है। प्रश्न :परमात्मा कहां रहता है? उत्तर :परमात्मा सर्वव्यापक है,कोई स्थान उससे रिक्त नहीं है। प्रश्न :परमात्मा कब से […]
स्वतंत्रता सेनानी विरांगना दुर्गावती वोहरा साक्षात्कार के दौरान प्रश्नोत्तर पुन्यतिथि पर शत शत नमन भारत की आजादी के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना अंग्रेजो से लड़ने वालों में महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का भी विशेष महत्व है। देश की आजादी की लड़ाई के लिए महिलाओं ने खुद को बलिदान कर दिया था। झांसी […]
#श्री_राम के जीवन की ये घटना आपकी आंखें खोल सकती है एक बार अवश्य पढ़ना` वनवास के समय एक राक्षस विराध जंगलों में आग लगाता हुआ पशुयों व मनुष्यो को खाता हुआ आगे बढ़ रहा था , वन में श्री राम से टकरा जाता है और कहता है यदि जीवन चाहिये तो स्त्री और अस्त्र-शस्त्र […]