अमृतांज इंदीवर मुजफ्फरपुर, बिहार मौसम की मार झेलते किसान एक बार और आस खो चुके हैं. खरीफ फसलों की तैयारी बेकार हो गई है. उप्र, बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यों की खेती चौपट होती जा रही है. किसानों के चेहरे पर मायूसी के बादल साफ दीख रहे हैं. गांवों में किसान इंद्रदेव को प्रसन्न करने […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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* आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, भौतिक तथा अन्य सभी दृष्टियों से समाज का उत्थान हमारे संतों-महापुरुषों के द्वारा ही हुआ है। संतों ने ही परस्परं भावयन्तु – एक दूसरे को उन्नत करने का भाव तथा मानव को महामना बनाने वाला धर्म, संस्कृति के सिद्धान्तों को समाज में स्थापित किया। उन्होंने समाज के पिछड़े, अभावग्रस्त लोगों को भोजन, […]
शिवेश प्रताप दुबई, इंडोनेशिया एवं सिंगापुर दुनिया के ऐसे देश हैं जो मात्र ट्रांसशिपमेंट हब बनकर अपनी पूरे देश की अर्थव्यवस्था को समृद्धि की तरफ ले गए हैं। आपको जानकर खुशी होगी कि ग्रेट निकोबार द्वीप का क्षेत्रफल दुबई और सिंगापुर के संयुक्त क्षेत्रफल के बराबर है। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी […]
संतोष पाठक तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि चीन तिब्बत समस्या के समाधान के लिए उनसे संपर्क करना चाहता है। दलाई लामा ने शनिवार को ही धर्मशाला में यह बयान दिया कि वे हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं। भारत में लोकसभा चुनाव की आहट के बीच चीन […]
प्रो. संजय द्विवेदी 2014 के बाद एक आत्मविश्वास हर भारतवासी में आया है, जो कुछ समय पहले तक अवसाद और निराशा से घिरा था। भरोसा जगाने वाला यह समय हमें जगा कर कुछ कह गया और लोग राष्ट्रनिर्माण में अपनी भूमिका को रेखांकित और पुनःपरिभाषित करने लगे। ‘इस देश का कुछ नहीं हो सकता’ से […]
लोकेन्द्र सिंह राजपूत हिन्दुओं को जातीय भेदभाव के आधार पर एक-दूसरे के विरुद्ध खड़ा करने और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बदनाम करने के प्रयास भारत विरोधी विचारधाराएं प्रारंभ से करती आई हैं। श्रीगुरुजी ने 1 जनवरी 1969 को दैनिक समाचारपत्र ‘नवाकाल’ के संपादक को एक साक्षात्कार दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्रद्धेय माधव […]
बाढ़ की विभीषिका से विकास में पिछड़ते गांव
फूलदेव पटेल मुजफ्फरपुर, बिहार जुलाई अगस्त का महीना आते ही उप्र, बिहार और उत्तर पूर्वी राज्य बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं. जनजीवन बिल्कुल अस्त-व्यस्त हो जाता है. समस्या केवल आदमी तक सीमित नहीं है बल्कि पशुओं के दाना-साना से लेकर चारागाह और चिकित्सा तक की रहती है. बाढ़ आते ही किसानों की फसल […]
वह था “दयानन्द”…
◆ “तीस करोड नामर्दों में जो अकेला मर्द होकर जन्मा, बरसाती घास-फूस और मच्छरों की तरह फैले हुए मनुष्य जन्तु की मूर्खता की चरमसीमा के प्रमाण स्वरुप मत-मतान्तरों का जिसने मर्दानगी से विध्वंसिनी ज्वाला की तरह विध्वंस किया, मरे हुए हिन्दू धर्म को अपने जादू के चमत्कार से जीवित कर दिया और उसे नोंच नोंच […]
नीयत साफ तो नियति हर पल साथ
डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 सारी उपासनाओं, साधनाओं और कर्मयोग का यही सार है कि जिसकी नीयत साफ है, भगवान उसी के साथ है। फिर जिसके साथ भगवान है उसे नियति भी हरसंभव सहयोग देती ही देती है। मनुष्य के जीवन में सफलता पाने के लिए मन का साफ होना पहली और अंतिम अनिवार्य शर्त है। […]
अघोरी साधु*
अघोरी साधु डॉ डी के गर्ग पौराणिक मान्यता: अघोर पंथ, अघोर मत या अघोरियों का संप्रदाय, हिंदू धर्म का एक संप्रदाय बताया गया है। इस संप्रदाय की मान्यताओं का पालन करने वालों को ‘अघोरी‘ कहते हैं। अघोरी या औघड़ शब्द की शुरुआत अघोरपंथ से हुई है,जिसका संस्कृत में अर्थ है ‘उजाले की ओर‘ अथवा ‘पवित्र‘ […]