वेदों के मर्मज्ञ डा. फतह सिंह का जन्म ग्राम भदेंग कंजा (पीलीभीत, उ.प्र.) में आषाढ़ पूर्णिमा 13 जुलाई, 1913 को एक चौहान क्षत्रिय परिवार मे हुआ था। जब वे कक्षा पांच में थे, तो आर्य समाज के कार्यक्रम में एक वक्ता ने बड़े दुख से कहा कि ऋषि दयानन्द के देहांत से उनका वेदभाष्य अधूरा […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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नास्तिक कैसे होते हैं ?
सामान्यतः जो व्यक्ति ईश्वर , परलोक ,और कर्म फल के नियम पर विश्वास नहीं करता उसे नास्तिक कहा जाता .चूँकि बौद्ध और जैन ईश्वर को नहीं मानते इसलिए अज्ञानवश हिन्दू उनको नास्तिक कह देते हैं .यद्यपि बौद्ध और जैन कर्म के सिद्धांत को मानते हैं .और पाप पुण्य पर विश्वास करते हैं .लेकिन जो लोग […]
डॉ डी के गर्ग भाग-2 श्रावण माह में स्वास्थ्य रक्षा कैसे करें – १ . आयुर्वेद में उपवास रखना स्वास्थय के लिए जरुरी बताया है। २ सात्विक भोजन ,शाकाहारी और प्याज ,लहसुन से दूर रहे ३ हरी पत्तेदार सब्जिया ,पत्ता गोभी में कीट होने की सम्भावना होती है। ध्यान रखें ४ दही और कढ़ी , […]
* डॉ डी के गर्ग भाग-१ श्रावणी पर्व का भारतीय समाज में विशेष महत्व है। मनुस्मृति में इस दिन को उपाकर्म करने का दिन कहा गया है। श्रावणी पूर्णिमा एक मास के आध्यात्मिक ज्ञान रूपी यज्ञ की पूर्णाहुति है। इस श्रावणी उपाकर्म के अंतर्गत वेदों के श्रवण-मनन का विशेष महत्व है। इस पर्व में वैदिक […]
* मैं आज अपने कमरे से प्रेस क्लब आ रहा था। बस पकडने के पूर्व मेरी नजर एक दीवार पर पड़ी। मैं दीवार को देख कर दंग रह गया। आश्चर्यचकित रह गया, यह क्या है, क्या ऐसा भी हो सकता है? दीवार पर एक पोस्टर सटी हुई थी। पोस्टर में ब्राम्हण महासभा बकरीद की बधाई […]
अजय कुमार लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की तैयारी तेज, यूपी में पार्टी के कई सांसदों की उम्मीदवारी खतरे में उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारी में बीजेपी सबसे आगे चल रही है। वह सब कुछ ठोक-बजा कर प्रत्याशियों का फैसला करने के लिए जमीन से लेकर बंद कमरों तक में रणनीति बना रही […]
शिवेश प्रताप देश की आजादी के बाद से पहली बार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा हमारे द्वीप समूहों के विकास, उन्हें राष्ट्र की मुख्य धारा में जोड़ने के साथ-साथ देश के सामरिक एवं रणनीतिक महत्व के लिए उचित महत्व दिया जा रहा है। जब भारत के हिंद महासागर में प्रभुत्व की बात होती है […]
==================== आचार्य विष्णु हरि सरस्वती शरद पवार को उनकी पार्टी के लोगों ने ही उन्हें न केवल पराजित कर दिया बल्कि लज्जित भी कर दिया, उन्हें इस लायक भी नहीं छोड़ा कि वे भारतीय राजनीति में अपने आप को चाणक्य की स्थिति में रहें और नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव के सामने […]
लोकतंत्र के खतरा बनता “सिस्टम”!
लोकतन्त्र में चुनाव को उत्सव बताया जाता है। लेकिन प. बंगाल में बीते कुछ चुनावों से जबरदस्त हिंसा दिखाई दे रही है। बमबारी, चाकू, बंदूक, लूटमार, हत्याएं, बलात्कार तो जैसे प. बंगाल की संस्कृति का हिस्सा बन चुका है। आए दिन ईवीएम हैक का रोना रोने वाले विपक्ष की मांग बैलेट से चुनाव कराने की […]
प्रेम विजय धार, मध्य प्रदेश सदियों से आदिवासी समाज भले ही आर्थिक रूप से सशक्त नहीं हुआ है, लेकिन सामाजिक रूप से वह हमेशा सभ्य समाज की परिकल्पना को साकार करता रहा है. जहां महिलाओं को जीवन के उन सभी क्षेत्रों में आज़ादी मिली हुई है, जिसके लिए आज आधुनिक समाज की महिलाएं संघर्ष कर […]