लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें याद करें। :- 9 जून 1964 को भारत के लाल जिन्हें गुदड़ी का लाल भी कहा जाता है ऐसे स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी वर्ष 1964 में आज ही के दिन भारत रत्न श्री लालबहादुर शास्त्री जी […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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भारत में द्वि राष्ट्र थ्योरी यानी “हिंदू और मुस्लिम” एक साथ नहीं रह सकते हैं ,उसके जन्मदाता ना मोहम्मद अली जिन्ना है, ना इकबाल हैं और ना ही विनायक दामोदर सावरकर है …… बल्कि पढ़ा लिखा एक मुस्लिम सर सैय्यद अहमद खान था। उस समय तो सावरकर पैदा भी नहीं हुए थे । सन १८६७ […]
मुस्लिम औरतें जहन्नम के लायक !
नोट -यह लेख हमने 13 जन 2013 को पोस्ट किया था इसे पढ़ कर 3 मुस्लिम लड़कियां वैदिक् धर्म अपना चुकी हैं ) मुसलमान अक्सर यह दावा करते हैं कि अल्लाह की नजर में स्त्री और पुरुष दोनों समान हैं .और क़यामत के दिन दोनों को उनके कर्मों के अनुसार फल दिया जाएगा .और यह […]
फोटो प्रतीकात्मक आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी खम्पा तलवाडी एक तालाब /पोखर है जहाँ घनश्याम (स्वामीनारायण) स्नान करते थे और पास की कुटिया में एक संत से रामायण की कहानियाँ सुनते थे। पोखर के पास एक इमली का पेड़ हुआ करता था। इसी पर चढ़ कर एक बार खेलते समय वे घायल हो गए थे, जिससे […]
*”इस संसार में जिसने भी जन्म लिया है, वह समस्याओं से खाली नहीं है। और जब तक जीवन रहेगा, तब तक समस्याएं भी बनी रहेंगी। किसी के जीवन में समस्याएं कम आती हैं, और किसी के जीवन में कुछ अधिक।”* *”जब कोई समस्या जीवन में आ ही जाती है, तो उससे घबराना नहीं चाहिए। उसका […]
वेदों में ‘भारत’ शब्द (चारों वेदों में ढूंढ़ने पर ‘भारत’ शब्द कुल छः मन्त्रों में प्राप्त हुआ है।) जब भी कोई विषय विशेष रुप से चर्चा में आता है। तब मैं उससे सम्बन्धित कोई भी शब्द या बात वेद में है क्या यह देखता हूँ। जैसे कि अभी हमारे देश का नाम भारत है या […]
इस्लामी चकलाघर !
इस ब्लॉग को पढ़नेवाले सभी मित्र जानते हैं कि अक्सर जब मुस्लिम ब्लोगरों के पास कोई तर्कपूर्ण उत्तर नहीं होता है ,तो वह अनर्गल टिप्पणियां करने लगते हैं .इसी तरह कुछ दिन पूर्व एक बेनामी “इम्पेक्ट “मेरे ऊपर कटाक्ष करते हुए लिखा था कि ,मैं एक चकलाघर चला रहा हूँ .इसलिए जरूरी हो गया था […]
रामलखन गुर्जर जयपुर, राजस्थान विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले देश भारत में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच अभी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. यद्यपि पिछले कुछ दशकों में इसमें काफी सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी इस क्षेत्र में और अधिक काम करने की आवश्यकता है. वर्ष 2024-25 के बजट में भी स्वास्थ्य […]
◆ ऐतिहासिक भूल के सौ साल: जब गांधीजी “खिलाफत आंदोलन” चला रहे थे तब तुर्क उसे खत्म करना चाह रहे थे… [आज से ठीक 104 वर्ष पहले खिलाफत आंदोलन की शुरुआत हुई थी। महात्मा गाँधी ने मुसलमानों के निजी आंदोलन को भारत के स्वाधीनता संग्राम के साथ जबरन यह सोच कर नत्थी कर दिया था […]
सैनिक दिव्य प्रकृति के कैसे होते हैं? प्राण दिव्य प्रकृति के कैसे होते हैं? चित्रैरजिंभिर्वपुषे व्यंजते वक्षःसु रुक्माँ अधि येतिरे शुभे। अंसेष्वेषां नि मिमृक्षुर्ऋष्टयः साकं जज्ञिरे स्वधया दिवो नरः।। ऋग्वेद मन्त्र 1.64.4 (कुल मन्त्र 736) (चित्रैः) अद्भुत (अजिंभिः) रूप तथा भाव (वपुषे) शरीर की सुन्दरता के लिए (व्यंजते) शोभान्वित करता है (वक्षःसु) अपनी छाती पर, […]