-राजेश बैरागी- हालांकि इस प्रकार की घटनाएं न तो अद्भुत रह गई हैं और न अभूतपूर्व। गौतमबुद्धनगर जनपद के गांव जारचा निवासी शाहरुख ने अपनी उम्र में बड़ी चाची की गला रेत कर हत्या कर दी। चाची विधवा थी और भतीजे के साथ कई वर्षों से अवैध संबंध में थी। पुलिस ने शाहरुख को गिरफ्तार […]
लेखक: उगता भारत ब्यूरो
● ● किसी पदार्थ के विषय में मतभेद होना उसके अभाव का हेतु नहीं हो सकता (A logical solution to a query raised by the Atheist) पण्डित देवप्रकाश ● नास्तिक का प्रश्न : ईश्वर के मानने वाले जितने भी सम्प्रदाय ओर मत हैं उन सबका ईश्वर की सत्ता और स्वरूप में बड़ा भारी मतभेद है। […]
🔥🔥 अति ज्वलंत समस्या🔥🔥 दिल्ली के समीप मेवात ने साइबर क्राइम में जामताड़ा को पीछे छोड़ दिया है। साइबर क्राइम में सेक्सटॉर्शन का आविष्कार मेवात के ठगो के द्वारा ही किया गया। मेवात के अकेले जिले डीग के साइबर ठगों ने 3 महीने में तीन अरब 36 करोड रुपए कमाए हैं। केवल एक जिले डीग […]
आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी हिंदू-सनातन धर्म के संस्कार और परंपराएं हिंदू या सनातन धर्म से उत्पन्नित अनेक पंथ संप्रदाय, परंपराएं, आंदोलन और संप्रदाय हिंदू धर्म के भीतर फल फूल रहे हैं। यह धर्म एक या एक से अधिक देवी-देवताओं पर केंद्रित परंपराएं और उप-परंपराएं भी रखता है। हिंदू धर्म की सभी विचारधारा या संप्रदाय वेद […]
चुकंदर का सेवन करने से एनीमिया, कब्ज, माहवारी की समस्या दूर होती है। चुकंदर का सेवन शरीर में खून की मात्रा बढ़ाता है, इसलिए महिलाओं के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं है। चुकंदर का सेवन सलाद व जूस के रूप में करना काफी फायदेमंद होता है। इसमें आयरन, पोटेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, विटामिन डी […]
(पाखंड खंडन) जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। गोस्वामी तुलसीदास की इस चौपाई का नाम लेकर एक हिन्दू नेता ने यह तर्क दिया कि आप चाहे साईं बाबा को पूजिये चाहे किसी अन्य को आपकी भावना प्रधान होनी चाहिए। आपको साईं बाबा को भगवान मानने में किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। […]
आचार्य डॉ राधेश्याम द्विवेदी वंश के रक्षक के रूप में :- कुलदेवी, किसी खास खानदान या कुल की आदि देवी होती हैं।कुलदेवी की पूजा उनके पिंडी या मूर्ति के रूप में की जाती है। वहीं, कुलदेवता को उस कुल के देवता के रूप में पूजा जाता है। कुलदेवी या कुलदेवता कुल या वंश के रक्षक […]
परमात्मा के ऊर्जा रूप की तुलना भिन्न-भिन्न वस्तुओं जीवों से किस प्रकार की जाती है? (2) परमात्मा के साथ अपनी सर्वमान्य संगति की चेतना को किस प्रकार बनाकर रखा जाये? दाधार क्षेममोको न रण्वो यवो न पक्वो जेता जनानाम। ऋषिर्न स्तुभ्वा विक्षु प्रशस्तो वाजी न प्रीतो वयो दधाति।। ऋग्वेद मन्त्र 1.66.2 (कुल मन्त्र 754) (दाधार) […]
(खतना का इतिहास ) इतिहास साक्षी है कि जब जब भी भारत ने पाकिस्तान से शांति समझौता या मैत्री करने का प्रयास किया है , पाकिस्तान ने भारत की पीठ में खंजर भोंक कर विश्वासघात ही किया है , क्योंकि विश्वासघात करना इस्लाम की पुरानी परंपरा है , इस बात को साबित करने के लिए […]
प्रणाम आचार्य जी, आज के प्रचलित पंचांगों में सामान्यतः एवं संदिग्ध स्थिति में भी व्रत पर्व, त्योहारों का निर्धारण निर्णय सिंधु नामक ग्रंथ से किया जाता है। ऐसे में भ्रांत पंचांगों की निर्थकता कैसे सिद्ध किया जाये। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है जनसाधारण में सर्वप्रथम सौरमास, तत् अनुगत चांद्रमास, चांद्रमास के अमांत होने, तत् […]