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मुद्दा

इसरो के बड़े संघर्ष के बाद जाकर मिली है वर्तमान सम्मानजनक स्थिति

योगेंद्र योगी एक समय ऐसा भी था जब संसाधनों की कमी की वजह से रॉकेटों को बैलगाड़ी से भी ले जाया गया था। 1981 में इसरो को कम्युनिकेशन सैटेलाइट के लिए एक टेस्ट करना था और पेलोड ले जाने के लिए बैलगाड़ी की मदद लेनी पड़ी थी। चंद्रयान तीन की सफलता की गूंज पूरे विश्व […]

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पर्व – त्यौहार

शिक्षक दिवस पर विशेष जिम्मेदार नागरिक बनाने का शिल्पकार होता है शिक्षक

अमृतांज इंदीवर मुजफ्फरपुर, बिहार किसी भी राष्ट्र की उन्नति इस बात पर निर्भर करती है कि उसके नागरिक सामाजिक, बौद्धिक व चारित्रिक स्तर पर कितने समृद्ध हैं. ज्ञान, विज्ञान, सामाजिक ज्ञान आदि के जरिए ही मानव ज्ञानी, विवेकी, सक्षम और चरित्रवान बनता है. मानव को अच्छा इंसान बनाने में औपचारिक व अनौपचारिक रूप से शिक्षा […]

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पर्व – त्यौहार

श्रावणी उपाकर्म- कब , क्यों और कैसे

डा ईश नारंग , प्रधान आर्य गुरुकुल, दयानंद विहार दिल्ली श्रावणी उपाकर्म मूलत: वेद के अध्ययन की परंपरा से जुड़ा हुआ पर्व है। अथवा यह कहें कि यह स्वाध्याय पर्व है। आर्यवर्त की परंपरा में श्रावण मास की पूर्णिमा से आरंभ होकर पौष मास की पूर्णिमा तक लगभग 4.5 मास का यह स्वाध्याय पर्व होता […]

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आओ कुछ जाने

रॉकेट की खोज की थी एक भारतीय राजा ने

योगेंद्र योगी रॉकेटों को एक सटीक कोण पर बांस पर रखा जाता था, यह इस बात पर निर्भर करता था कि वे कितनी दूर गिरे और इसके बाद उसे उड़ाया जाता था। माना जाता है कि पोल्लिलोर की लड़ाई (आज के तमिलनाडु का कांचीपुरम) में इन रॉकेट ने ही खेल बदलकर रख दिया था। चंद्रयान-3 […]

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आओ कुछ जाने

आईए जानते हैं: मक्खन के पेड़ के बारे में

उगता भारत ब्यूरो चौंकिए मत! इस तरह के पेड़ उत्तराखंड में अक्सर दिखाई पड़ते है। च्यूर नाम का यह पेड़ देवभूमि वासियों को वर्षों से घी उपलब्ध करा रहा है। इसी खासियत के कारण इसे ‘इंडियन बटर ट्री’ कहा जाता है। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय के डॉ. वीपी डिमरी बताते हैं कि […]

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पर्व – त्यौहार

झरता है सास -बहू का प्रेम प्रपात पारिवारिक रिश्तों को प्रगाढ़ करने का संदेश संवहित करती है लोक रस्म – बैरका

डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 पर्व और त्योहार मनाने की वागड़ अंचल की अपनी अनूठी परम्पराएँ और अँदाज रहे हैं जिनमें पारिवारिक आत्मीयता, सामजिक सौहाद्र्र और परिवेशीय संगीत प्रतिध्वनित होता है। रक्षाबंधन आम तौर पर सारे देश में मनाया जाने वाला पर्व है किन्तु वाग्वर अंचल में इसके साथ एक सामाजिक रस्म भी सदियों से जुड़ी […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत का गौरव एवं समृद्धि: यूरोप से तुलनात्मक कालक्रमानुसार विवरण

प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज भाग 1 महाभारत काल: योगेश्वर कृष्ण का काल (ईसा पूर्व ३१३८ अर्थात आज से लगभग 5200 वर्ष पहले) यूरोपीय क्षेत्र में इस सम्पूर्ण अवधि में हिमयुग है। पूरा क्षेत्र मोटी बर्फीली परतों से ढँका। भारतवर्ष का तत्कालीन विस्तार: भीष्म पर्व के अन्तर्गत जम्बू खण्ड विनिर्माण पर्व में नवम अध्याय में श्लोक […]

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आज का चिंतन

*राजा बलि से जुड़ी कथा*

Dr D K Garg पौराणिक कथा : असुरों के राजा बलि ने देवताओं को युद्ध में पराजित कर दिया था और स्वर्ग अपने कब्जे में ले लिया था। बलि की वजह से सभी देवता बहुत दुखी थे। दुखी देवता अपनी माता अदिति के पास पहुंचे और अपनी समस्या बताई। इसके बाद अदिति ने पति कश्यप […]

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आर्थिकी/व्यापार

भारत देश में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर रेगुलेटरी स्थिति स्पष्ट नहीं है* रविंद्र आर्य *क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाकर पछता रहे हैं आप? जानें क्या है उपाय?*

ग़ाज़ियाबाद: रविंद्र आर्य सामाजिक कार्यकर्त्ता एवं लेखक द्वारा हिमाचल प्रदेश के जिला कँगड़ा के पालमपुर सिटी के प्रशासन (एस डी एम) डॉ. अमित गुलेरिया, पुलिस अधीक्षक) शालिनी अग्निहोत्री एवं (एस अच ओ) संदीप शर्मा को दिनांक: 28 अगस्त 2023 को लिखित पत्र लिखा। तहरीर कांगड़ा जिले के पालमपुर सिटी मे मानिक एवं अस्वनी जों की […]

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विविधा

किशोरियों के लिए भी खेलना जरूरी है

मीना लिंगड़िया गनीगांव, उत्तराखंड खेल खेलना आम तौर पर आपकी फिटनेस और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका है. इससे न सिर्फ आपका शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि मन और मानसिक स्वास्थ्य भी फिट रहता है. दरअसल, खेल जैसे गतिविधियां आपके ब्लड सर्कुलेशन, मूड और मानसिक स्वास्थ्य को सही रखती है. एक तरफ […]

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