धर्म और सत्य की सदा विजय होती है ,यह एक अटल सत्य है .कि झूठ और पाखंड अधिक समय तक नहीं टिकता है .कहावत भी है कि सच्चे का बोलबाला और झूठे का मुंह काला.इसीलिए समझदार लोग हर हालत में सत्य और धर्म का पालन करते आये हैं .लेकिन यह भी देखागाया है कि जब […]
Author: उगता भारत ब्यूरो
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जाति जनगणना की जरूरत का समय
21वीं सदी भारत के जाति प्रश्न को हल करने का सही समय है, अन्यथा हमें न केवल सामाजिक रूप से, बल्कि राजनीतिक और आर्थिक रूप से भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और हम विकास में पिछड़ जायेंगे। जाति जनगणना का अर्थ है भारत की सभी जातियों, मुख्य रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित […]
अनन्या मिश्रा इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में गढ़मंडला की वीर तेजस्वी रानी दुर्गावती का नाम लिखा गया है। क्योंकि पति की मृत्यु के बाद रानी दुर्गावती ने अपने राज्य को बहुत अच्छे से संभाला था। उन्होंने कभी भी मुगल शासक अकबर के सामने घुटने नहीं टेके, बल्कि वीरता से उसका सामना किया। रानी […]
रमेश सर्राफ धमोरा कभी चाल, चरित्र व चेहरा की बात करने वाली भाजपा में अब बड़े बदलाव की बयार चल रही है। इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नई भाजपा बन रही है। पार्टी के सभी पुराने छत्रपों को एक-एक कर किनारे लगाया जा रहा है। प्रदेशों में भाजपा के बड़े नेताओं […]
अजय कुमार उत्तर प्रदेश में भी जातीय जनगणना के मसले पर सियासत शुरू हो गई है। योगी सरकार पर दबाव बनाने के लिए बीजेपी विरोधी नेता और गठबंधन तो हो-हल्ला मचा ही रहे हैं। भाजपा के सहयोगी दलों के नेता भी इस मुद्दे पर विपक्ष के सुर में सुर मिलाते नजर आ रहे हैं। जातीय […]
रिंकु कुमारी मुजफ्फरपुर, बिहार एक समय था जब कहा जाता था, ‘पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे खराब’. मगर बदलते समय के साथ इस कहावत के मायने बदल गये हैं. अब ‘खेल-खेल में पढ़ाई’ पर जोर दिया जाने लगा है. खेल के क्षेत्र में कैरियर की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए युवा इसकी ओर आकर्षित होने […]
योगेंद्र योगी भारत सरकार के कड़े रुख के चलते कनाडा बैकफुट पर आ गया है कनाडा आतंकियों और अपराधियों की पनाहगाह को लेकर विश्व के सामने बेनकाब हो चुका है। आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा को पश्चिमी देशों से जिस सहानुभूति और सहयोग की उम्मीद थी, उसमें पूरी तरह नाकामी […]
जाति आधारित जनगणना की विसंगतियां
संतोष पाठक वास्तव में बिहार सरकार द्वारा कराए गए जातीय सर्वे के आंकड़े नीतीश कुमार और लालू यादव, दोनों के लिए शर्मिंदगी का विषय होना चाहिए था कि 33 साल तक बिहार पर राज करने के बावजूद बिहार की यह हालत क्यों हैं कि- उन्हें पिछड़ा और अति पिछड़ा का राग अलापना पड़ रहा है […]
बृजनन्दन राजू वर्तमान में देखा जाये तो जातिवाद का विरोध करने वाले सामाजिक व राजनीतिक संगठन भी जातिवाद से ग्रस्त हैं। भाजपा समेत सभी राजनैतिक दल विधानसभा व लोकसभा चुनाव के समय जातिगत समीकरण को ही आधार बनाकर प्रत्याशी चयन करते हैं। जाति जोड़ती नहीं बल्कि समाज को तोड़ती है। जाति की प्रकृति ही विखंडन […]
देश में भारतीय मूल के कई धर्म प्रचलित हैं ,इनमे हिन्दू ,जैन ,बौद्ध और सिख धर्म मुख्य हैं .इनके अनुयायी अपने अपने धर्म पर गाढ श्रद्धा रखते हैं ,और अपने धर्म को मानते हैं.वैसे तो सभी अपने धर्म को मानते हैं ,परन्तु अधिकाँश अपने धर्म को ठीक से नहीं जानते .यही एक विडम्बना है.धर्म के […]