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आओ कुछ जाने

विश्व के प्रमुख अक्षरधाम मंदिर

आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी हिंदू-सनातन धर्म के संस्कार और परंपराएं हिंदू या सनातन धर्म से उत्पन्नित अनेक पंथ संप्रदाय, परंपराएं, आंदोलन और संप्रदाय हिंदू धर्म के भीतर फल फूल रहे हैं। यह धर्म एक या एक से अधिक देवी-देवताओं पर केंद्रित परंपराएं और उप-परंपराएं भी रखता है। हिंदू धर्म की सभी विचारधारा या संप्रदाय वेद […]

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स्वास्थ्य

*केवल एक चुकंदर खाएं रोजाना, शरीर में कई पौष्टिक तत्वों की कमी होगी पूरी*

चुकंदर का सेवन करने से एनीमिया, कब्ज, माहवारी की समस्या दूर होती है। चुकंदर का सेवन शरीर में खून की मात्रा बढ़ाता है, इसलिए महिलाओं के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं है। चुकंदर का सेवन सलाद व जूस के रूप में करना काफी फायदेमंद होता है। इसमें आयरन, पोटेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम, विटामिन डी […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

क्या आप साईं बाबा को भगवान मानते है?

(पाखंड खंडन) जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। गोस्वामी तुलसीदास की इस चौपाई का नाम लेकर एक हिन्दू नेता ने यह तर्क दिया कि आप चाहे साईं बाबा को पूजिये चाहे किसी अन्य को आपकी भावना प्रधान होनी चाहिए। आपको साईं बाबा को भगवान मानने में किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। […]

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भारतीय संस्कृति

बिन्दुक्षणी मां का मन्दिर पाली

आचार्य डॉ राधेश्याम द्विवेदी वंश के रक्षक के रूप में :- कुलदेवी, किसी खास खानदान या कुल की आदि देवी होती हैं।कुलदेवी की पूजा उनके पिंडी या मूर्ति के रूप में की जाती है। वहीं, कुलदेवता को उस कुल के देवता के रूप में पूजा जाता है। कुलदेवी या कुलदेवता कुल या वंश के रक्षक […]

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आज का चिंतन

परमात्मा के साथ अपनी सर्वमान्य संगति की चेतना को किस प्रकार बनाकर रखा जाये?

परमात्मा के ऊर्जा रूप की तुलना भिन्न-भिन्न वस्तुओं जीवों से किस प्रकार की जाती है? (2) परमात्मा के साथ अपनी सर्वमान्य संगति की चेतना को किस प्रकार बनाकर रखा जाये? दाधार क्षेममोको न रण्वो यवो न पक्वो जेता जनानाम। ऋषिर्न स्तुभ्वा विक्षु प्रशस्तो वाजी न प्रीतो वयो दधाति।। ऋग्वेद मन्त्र 1.66.2 (कुल मन्त्र 754) (दाधार) […]

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इसलाम और शाकाहार

अल्लाह के नबी भी विश्वासघाती थे !

(खतना का इतिहास ) इतिहास साक्षी है कि जब जब भी भारत ने पाकिस्तान से शांति समझौता या मैत्री करने का प्रयास किया है , पाकिस्तान ने भारत की पीठ में खंजर भोंक कर विश्वासघात ही किया है , क्योंकि विश्वासघात करना इस्लाम की पुरानी परंपरा है , इस बात को साबित करने के लिए […]

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आज का चिंतन

*पौराणिक पञ्चाङ्गों की अनुपालना में हम स्वयं भी पौराणिक ही हैं।*

प्रणाम आचार्य जी, आज के प्रचलित पंचांगों में सामान्यतः एवं संदिग्ध स्थिति में भी व्रत पर्व, त्योहारों का निर्धारण निर्णय सिंधु नामक ग्रंथ से किया जाता है। ऐसे में भ्रांत पंचांगों की निर्थकता कैसे सिद्ध किया जाये। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है जनसाधारण में सर्वप्रथम सौरमास, तत् अनुगत चांद्रमास, चांद्रमास के अमांत होने, तत् […]

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कविता

स्वयं विधाता निराकार, तूने जग कैसे साकार रचा

परमपिता परमेश्वर तूने, किस भाँति सन्सार रचा, स्वयं विधाता निराकार, तूने जग कैसे साकार रचा परमपिता ऽऽऽऽऽऽऽ तारों से भरा नभ का आँगन, चन्दा सूरज कर रहे गमन घन घोर घटा करती गर्जन, कहीं शीतल मन्द सुगन्ध पवन यह बिन सीमा का नील गगन, जिसमें पक्षी कर रहे भ्रमण, दे रहा उन्हें निशिदिन भोजन, हे […]

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पर्व – त्यौहार

गन्ना_ग्यारस जैसे पर्वों से दूर होती युवा पीढ़ी

कल #गन्ना_ग्यारस थी एक अनुमान के अनुसार देशभर में इतने गन्नों की बिक्री हुई कि गन्ने बेचने वालों से लेकर गन्ने उगाने वाले किसान के चेहरे भी खिल गए। सिर्फ गन्ना ही क्यों कल सिंघाड़े उगाने वाले से लेकर बेचने और आंवले वालों की भी अच्छी कमाई हुई। कुछ समझ आया ? नही ? हमारे […]

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भारतीय संस्कृति

दादू दुनिया बावरी, कबरे पूजे ऊत।

दादू दुनिया बावरी, कबरे पूजे ऊत। जिनको कीड़े खा गए उनसे मांगे पूत ॥ अजमेर और बहराइच जैसी कब्रों की पूजा करने वाले विचार करें—- लाखों सूरमा वीर हृदय वाले महात्मा जान पर खेल कर धर्म पर बलि दे गये | सीस दिये किन्तु धर्म नहीं छोड़ा | आप जानते हैं जब मुसलमान नहीं आए […]

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