महाभारत की अनसुनी कहानियां – 2 ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ महाभारत की ही एक दूसरी अनसुनी कहानी “व्याध गीता” की कहानी है। तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो ये कहानी बहुत ज्यादा “अनसुनी” भी नहीं कही जानी चाहिए क्योंकि इस कहानी का जिक्र स्वामी विवेकानन्द ने विस्तार से किया है। अगर विवेकानन्द समग्र ना भी पढ़ा हो तो […]
लेखक: श्रीनिवास आर्य
भारतीय संस्कृति में मनुष्य जीवन का सर्वोपरि उद्देश्य चार पुरुषार्थ- धर्म ,अर्थ ,काम और मोक्ष का पालन कर आत्मोन्नति करना और जन्म मरण के चक्र से मुक्त होकर प्रभु से मिलना है । यद्यपि योग का मुख्य लक्ष्य ईश्वर की प्राप्ति है ,साथ ही नियमित योग प्राणायाम ध्यान से असाध्य रोगों का निदान हो जाना […]
31 अक्तूबर/जन्म-दिवस 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों ने भारत को स्वाधीन तो कर दिया; पर जाते हुए वे गृहयुद्ध एवं अव्यवस्था के बीज भी बो गये। उन्होंने भारत के 600 से भी अधिक रजवाड़ों को भारत में मिलने या न मिलने की स्वतन्त्रता दे दी। अधिकांश रजवाड़े तो भारत में स्वेच्छा से मिल गये; […]
मृतक सुशील की फाइल फोटो. देश में कहीं लव जिहाद की दिल दहला देने वाली घटनाएं घटित हो रही है तो कहीं किसी नौजवान को अपनी पत्नी की इज्जत बचाने की एवज में अपने प्राण गंवाने पढ़ रहे हैं । कुल मिलाकर मुस्लिम सांप्रदायिकता सिर चढ़कर बोल रही है । निकिता हो चाहे कोई और […]
श्रीनगर, जेएनएन। पिछले दिनों जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने के संबंध में चीन के प्रति अपनी निकटता दिखाने संबंधी दिए गए कई विवादित बयानों से घिरे फारूक अब्दुल्ला के लिए अब एक नई आफत सामने आ रही है। जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित करोड़ों रुपयों के हुए घोटाले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व […]
प्रस्तुति – श्रीनिवास आर्य हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत आए थे, जहाँ उन्होंने तमिलनाडु के महाबलीपुरम (मामल्लपुरम) में भारतीय प्रधानमंत्री के साथ एक अनौपचारिक वार्त्ता में हिस्सा लिया। उल्लेखनीय है कि इस प्रकार की अनौपचारिक वार्त्ताओं की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी और ये दोनों प्रतिनिधियों को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं […]
हर व्यक्ति के अंदर एक मजबूत पक्ष होता है उसे अपने उस पक्ष को ढूंढनें की कोशिश करनी चाहिए। कई क्षेत्रों मे हाथ बटाने से अच्छा है कि अपने पंसद व लगाव के क्षेत्र के बारे में पता करें, अपनी पूरी ऊर्जा उस तरफ झोक दें। कई सारे लक्ष्य बनाना या फिर करने की […]
प्रस्तुति – श्रीनिवास आर्य मुगल बादशाह का दिल्ली में दरबार लगा था और हिंदुस्तान के दूर दूर के राजा महाराजा दरबार में हाजिर थे। उसी दौरान मुगल बादशाह ने एक दम्भोक्ति की है कोई हमसे बहादुर इस दुनिया में है? सभा में सन्नाटा सा पसर गया, एक बार फिर वही दोहराया गया! तीसरी बार फिर […]
( मित्र गण ध्यान दें , यहाँ केवल संकेत हैं . पुस्तक में विस्तार होगा यद्यपि वह भी संक्षेप ही होगा क्योंकि वैसे तो कई हज़ार पन्ने हो जायेंगे और लोग पढ़ते नहीं ) ६१..एक बार दुहरा लें : क . कम्पनी के मामूली लोग व्यापार की सेवा के लिए आये और हिन्दू मुस्लिम लड़ाइयों […]
५१ . 1858 के बाद कई भारतीयों को पटाकर अंग्रेज शासक वर्ग चलने लगा . ५२ . पहले के राममोहन रे (कहाँ के राजा ,कहाँ के जोगी,कंपनी के नौकर )आदि ने सेवा कर पृष्ठ भूमि बना ही दी थी .सब कुछ्प्रेम और कपट चाल साथ साथ चल रहा था ५३ . देशी राज्य भारतीय परंपरा […]