अजय कुमार किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि वह विपक्ष की भाषा बोलने या उनका मोहरा बनने की बजाए अपने हितों का ध्यान रखें। किसानों को ध्यान रखना होगा कि उनके आंदोलन के चलते आम जनता को कोई परेशानी या उसके मौलिक अधिकारों का हनन न हो। नया कृषि कानून […]
लेखक: श्रीनिवास आर्य
वाशिंगटन में स्थित महात्मा गाँधी की प्रतिमा को अपमानित करते खालिस्तानी हिन्दी दैनिक ‘हिन्दुस्तान’, दिसंबर 13, 2020 जैसाकि किसान आंदोलन के प्रारम्भ होते ही कयास लगाए जा रहे थे कि किसानों के नाम पर उपद्रवियों, खालिस्तानियों और पाकिस्तान प्रायोजित अराजक तत्वों ने हाईजेक कर लिया है, और इसकी प्रारम्भ से ही इसकी पुष्टि भी […]
सुबोध कुमार वशामेवामृतमाहुर्वशां मृत्युमुपासते। वशेदं सर्वमभवद् देवा मनुष्या असुरा: पितर ऋषय:।। अथर्व 10-10-26 इस मंत्र का अर्थ है – प्रकृति की शक्ति अनश्वर (अमृतमान) है। यह शक्ति प्रकृति को गौ (सब शाकाहारी जीवों) से प्राप्त होती है। उनके (गौ इत्यादि के) नष्ट होने से प्रकृति का भी नष्ट होना अनिवार्य है और प्रकृति मत्र्य […]
12 दिसम्बर/बलिदान-दिवस लद्दाख जिस वीर सेनानी के कारण आज भारत में है, उनका नाम है जनरल जोरावर सिंह। 13 अपै्रल, 1786 को इनका जन्म ग्राम अनसरा (जिला हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश) में ठाकुर हरजे सिंह के घर में हुआ था। हरजे सिंह बिलासपुर की कहलूर रियासत में काम करते थे। अतः गाँव की खेती उनके भाई […]
लेखक :- रवि शंकर, कार्यकारी संपादक, भारतीय धरोहर इतिहास बताता है कि भारत ने ही दुनिया को खेती सिखाई। हजारों लाखों वर्षों से हम खेती करते आ रहे हैं। कहा तो यहाँ तक जाता है कि भारतीय जीवन-पद्धति ही खेती आधारित है। स्वाभाविक ही है कि भारत की खेती की परंपरा काफी उन्नत और श्रेष्ठ […]
डॉ. दीप नारायण पाण्डेय गंगा नदी के तट पर प्रात: घूमकर थोड़ा घाट के सौन्दर्य का आनंद लेने के लिये बैठे ही थे कि सब की तरह हमने भी मोबाइल में सोशल मीडिया को खंगाला। मित्र-मंडली में जुडऩे का आग्रह था। जुड़ गये। भूल भी गये। बहुत दिन बाद लम्बी बातचीत के बाद उनसे […]
पूनम नेगी भारत की संस्कृति राममय है। हर सच्चे भारतीय के दिल में बसते हैं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और उनके जीवन आदर्श। हमारे देश में ऐसे अनेक प्राचीन स्थल हैं जो श्रीराम के जीवन से निकटता से जुड़े हैं। यंी तो श्रीराम की जन्मभूमि के रूप में उत्तर प्रदेश में पावन सरयू के तट […]
*✍️ आज की कहानी है एक ऐसे वीर की जिन्होंने अपनी वीरता और अदम्य साहस की बदौलत तांत्या टोपे को प्रभावित किया।* जिसके बाद तांत्या टोपे ने उन्हें गुरिल्ला युद्ध में पारंगत बनाया। ततपश्चात वो वीर अंग्रेजों के शोषण तथा विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ उठ खड़े हुए, देखते ही देखते वे गरीब आदिवासियों के […]
*१९२० में अचानक भारत की तमाम मस्जिदों से दो पुस्तकें वितरित की जाने लगी! एक पुस्तक का नाम था “कृष्ण तेरी गीता जलानी पड़ेगी”, और दूसरी पुस्तक का नाम था “उन्नीसवीं सदी का लंपट महर्षि”! ये दोनों पुस्तकें “अनाम” थीं! इसमें किसी लेखक या प्रकाशक का नाम नहीं था, और इन दोनों पुस्तकों में […]
राजशेखर व्यास भारतर्वा में ग्राम सभा का विकास बहुत पुराने जमाने में हो गया था। देश के अधिकांश भाग पर यही सभा अपना वर्चस्व रखती थी। इसकी शासन पद्धति बड़ी सुव्यवस्थित थी। वेद, ब्राह्मण और उपनिाद काल में गा्रम-सभा, उसके प्रमुख और अधिठाता का सम्मानपूर्वक उल्लेख है। ग्रामाध्यक्ष को वैदिक काल में ग्रामजी कहा जाता […]