गौर से देखें तो इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह का सबसे बड़ा संकट राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसानों के धरने से जुड़ा है। इस मामले में हालात जल्दी सामान्य नहीं बनाए गए तो कुछ ऐसे अप्रिय प्रसंग देखने को मिल सकते हैं, जो गणतंत्र दिवस की गरिमा के अनुरूप नहीं होंगे। […]
लेखक: श्रीनिवास आर्य
25 मार्च 2018। पाकिस्तान का सिंध प्रांत। शामियाना सजा, अतिथियों का जमावड़ा हुआ, फूलों की सजावट और इत्र की बौछारें हुई भी हुई. शामियाने के प्रवेश द्वार पर लिखे गये शब्द दावते-ए-इस्लाम की भावना का सम्मान पता नहीं लोगों के मन में कितना था पर जमीन पर दरियाँ बिछी उसके ऊपर कुर्सियां लगी ठीक सामने […]
बर्ड फ्लू का वायरस 70 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा की गर्मी मिलते ही खत्म हो जाता है। इसलिए चिकन या अंडों के इस्तेमाल के बावजूद भारतीय उपभोक्ता इसके शिकार नहीं होते क्योंकि यहां भोजन को अच्छी तरह पकाकर खाने का चलन है। देश के अलग-अलग हिस्सों से अचानक पक्षियों की मौत की खबरों ने […]
-मुंशी प्रेमचंद बहुत पुरानी बात है। हिंदुओं का एक काफिला अपने धर्म की रक्षा के लिए पश्चिमोत्तर के पर्वत-प्रदेश से भागा चला आ रहा था। मुद्दतों से उस प्रांत में हिंदू और मुसलमान साथ-साथ रहते चले आये थे। धार्मिक द्वेष का नाम न था। पठानों के जिरगे हमेशा लड़ते रहते थे। उनकी तलवारों पर […]
डॉ. वंदना सेन निज भाषा उन्नति, सब उन्नति को मूल, बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटे न हिय को शूल। प्रसिद्ध साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र की यह पंक्तियां निश्चित रूप से यह बोध कराने के लिए पर्याप्त हैं कि अपनी भाषा के माध्यम से हम किसी भी समस्या का समाधान खोज सकते हैं। यह सर्वकालिक […]
“सनातन धर्म, जिसे अब हिन्दू धर्म कहा जाता है, वह केवल एक धर्म नहीं, बल्कि पूरी सभ्यता है जो अनगिन युगों से फलती-फूलती रही है, और जो कई प्रकार के हिंसक साम्राज्यवादों से लम्बे संघर्ष के बाद अपने स्वरूप में खड़े होने के लिए संघर्ष कर रही है। दूसरी ओर, मैं इस्लाम और ईसाईयत […]
रमेश सर्राफ धमोरा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में रांची की जेल में सजा काट रहे हैं। ऐसे में राजद का नेतृत्व उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव के हाथों में है। पिछले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में लालू यादव के जेल में रहने के कारण राजद के सभी फैसले तेजस्वी […]
6 जनवरी/पुण्य-तिथि यदि किसी व्यक्ति का कोई अंग जन्म से न हो, या किसी दुर्घटना में वह अपंग हो जाए, तो उसकी पीड़ा समझना बहुत कठिन है। अपने आसपास हँसते-खेलते, दौड़ते-भागते लोगों को देखकर उसका मन में भी यह सब करने की उमंग उठती है; पर शारीरिक विकलांगता के कारण वह यह कर नहीं सकता। […]
रामेश्वर प्रसाद सुशासन पर विचार करने से पूर्व इसके आधार और स्वरूप के विषय में भारतीय ज्ञानपरंपरा, राजनीति की परंपरा को तथा इतिहास के तथ्यों को जान लेना चाहिए। इसमें यह भी स्मरण रखना चाहिए कि विश्व में केवल भारत ही एकमात्र ऐसा राष्ट्र है, जहां प्राचीन काल से ही राजनीतिशास्त्र के अनेक […]
– प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज भारत पर अंग्रेजों की असली जीत 14 एवं 15 अगस्त 1947 ईस्वी को हुई है। क्योंकि उस दिन पहली बार वे भारत में अपने एक ऐसे उत्तराधिकारी समूह को अपनी सत्ता सौंप कर जाने में सफल हुये जो उनसे कई गुना बढ़कर अंग्रेजों का भक्त था और जिसे प्रत्येक भारतीय […]