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पर्व – त्यौहार

ऐसे मनाई जाती है जनजातीय समाज में शारदीय नवरात्रि

जनजातीय समाज में शारदीय नवरात्रि हेमेन्द्र क्षीरसागर हिन्‍दू धर्म से वनवासी समाज को अलग परिभाषित करने के सभी विभाजनकारी षड्यंत्र तब धवस्‍त हो जाते हैं, जब इनकी मान्‍यताएँ, पर्व, रहन-शैली, विचार मेल खाते हैं। बाघ देवी, ज्वाला देवी, गांव देवी और वन देवी की पूजा-अर्चना तथा अंचलों में मंदिर, पट, मढिया इसके ज्वलंत उदाहरण है। […]

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आतंकवाद

कश्मीर में फिर आतंक की आहट

प्रस्तुति – श्रीनिवास आर्य बृहस्पतिवार को फिर आतंकवादियों ने घाटी में आम लोगों को हमले का शिकार बनाया। एक सरकारी स्कूल में घुसकर महिला प्रिंसिपल व एक अध्यापक की निर्मम हत्या कर दी गई। पिछले पांच दिनों में आम लोगों पर यह सातवां हमला था। इससे पहले मंगलवार को आतंकवादियों ने प्रसिद्ध फॉर्मासिस्ट माखनलाल बिंद्रू […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

क्या हिंसक होती जा रही है आंदोलन की राजनीति?

उमेश चतुर्वेदी राजनीति का लक्ष्य जब से सिर्फ सत्ता प्राप्ति तक सीमित हो गया है, तब से हर मुद्दे के पीछे राजनीति ही देखी जाने लगी है। आम लोग भी अब यह समझते हैं कि जहां चुनाव करीब होंगे, वहां के मुद्दों को राजनीतिक आंच पर पकाया जाएगा। आग में घी की तरह उन संवेदनशील […]

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भारतीय संस्कृति

वैदिक धर्म में क्या है अंत्येष्टि संस्कार ?

अंत्येष्टि संस्कार— आत्मा के द्वारा शरीर का त्याग कर देने के पश्चात उस निर्जीव शरीर के विधि पूर्वक किये गए दाहकर्म को अंत्येष्टि संस्कार कहते हैं | यह उस शरीर से सम्बद्ध अन्त्य (अंतिम) इष्टि (यज्ञ) है ।अतः इस कर्म का नाम अंत्येष्टि है । नर (मानव देह) अथवा पुरुष के पार्थिव यथा समय दाहकर्म […]

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मुद्दा

लखीमपुर खीरी प्रकरण-मुख्यमंत्री योगी नाथ आदित्यनाथ कि जितनी प्रशंसा की जाए कम

अशोक मधुप  देखने में आ रहा है कि देश के अधिकांश राजनीतिक दल सोचने समझने की क्षमता शायद खो चुके हैं। चुनाव मैदान में आकर अब उनकी जीतने की कूवत नहीं रही। वे एक तरह की घटनाओं पर राजनीतिक रोटी सेंकने में लग गए। कलकत्ता से भी बयान आने लगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी […]

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इतिहास के पन्नों से

श्याम जी कृष्ण वर्मा : महर्षि दयानन्द द्वारा दिशा निर्देश पाने वाले क्रान्तिकारियो के आश्रयदाता

जन्म: 4 अक्टूबर 1857, मांडवी, कच्छ, गुजरात स्वामी दयानंद सरस्वती का साहित्य पढ़ने के बाद श्यामजी कृष्ण वर्मा उनके राष्ट्रवाद और दर्शन से प्रभावित होकर पहले ही उनके अनुयायी बन चुके थे। स्वामी दयानंद सरस्वती की प्रेरणा से ही उन्होंने लन्दन में ‘इंडिया हाउस’ की स्थापना की थी जिससे मैडम कामा, वीर सावरकर, वीरेन्द्रनाथ चटोपाध्याय, […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

कथनी और करनी में समानता रखते थे लाल बहादुर शास्त्री जी

अंकुर सिंह अमेरिका के राष्ट्रपति ने शास्त्री जी को कहा कि अगर युद्ध नहीं रुका तो गेहूं का निर्यात बंद कर दिया जाएगा। फिर, शास्त्री जी ने कहा- बंद कर दीजिए, और फिर अक्टूबर 1965 में दशहरे के दिन दिल्ली के रामलीला मैदान में शास्त्री जी ने देश की जनता को संबोधित किया। दो अक्टूबर […]

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शिक्षा/रोजगार

विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर, 2021 पर विशेष शिक्षक ऐसे हों जो सारे विश्व तोड़े नहीं, बल्कि जोड़े

– ललित गर्ग- विश्व शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष दुनिया के लगभग एक सौ देशों में 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिवस को आयोजित करने का उद्देश्य विश्वभर के शिक्षकों द्वारा विश्व के लगभग दो अरब पचास करोड़ बच्चों के जीवन निर्माण मंे दिये जा रहे महत्वपूर्ण योगदान पर विचार-विमर्श करना है। इस दिवस को […]

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इतिहास के पन्नों से

अंतिम जन्मदिन पर उदास क्यों थे गांधीजी

विवेक शुक्ला राजधानी के तीस जनवरी मार्ग पर स्थित बिड़ला हाउस (अब गांधी दर्शन) में महात्मा गांधी के कमरे की पवित्रता और वातावरण को देखकर लगता है कि वे मानो कभी भी यहां आ जाएंगे। उनका आसन, लिखने की टेबल, लाठी वगैरह वहां पर रखे हुए हैं। कमरे के अंदर-बाहर खादी के कपड़े पहने लोग […]

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इतिहास के पन्नों से

नियमों का पालन !! शास्त्री जी की महानता !!* ——————————–

आज का प्रेरक प्रसङ्ग जन्म दिवस 🎂विशेष :- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (02.10.1869 – 30.01.1948) पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (02.10.1904 – 11.01.1966) महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में प्रत्येक कार्य का समय नियत था और नियम कायदों का सख्ती से पालन होता था। आश्रम के प्रत्येक कर्मचारी और वहां रहने वाले सभी लोगों को नियमानुसार […]

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