मनीराम शर्मा भारतीय न्यायतंत्र उर्फ मुकदमेबाजी उद्योग ने बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध करवा रखा है। देश में अर्द्ध–न्यायिक निकायों को छोड़कर 20,000 से ज्यादा न्यायाधीश, 2,50,000 से ज्यादा सहायक स्टाफ, 25,00,000 से ज्यादा वकील, 10,00,000 से ज्यादा मुंशी टाइपिस्ट, 23,00,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी इस व्यवसाय में नियोजित हैं और वैध–अवैध ढंग से जनता से […]
लेखक: श्रीनिवास आर्य
कृष्ण कुमार मिश्र तराई की जलधाराएं जो पूरी दुनिया में अद्भुत और प्रासंगिक हैं, क्योंकि इन्ही जलधाराओं से यहाँ के जंगल हरे भरे और जैव विविधिता अतुलनीय रही, यहाँ हिमालय से उतर कर शारदा घाघरा जैसी विशाल नदियां तराई की भूमि को सरोबार करती है अपने जल अमृत से, तो गोमती, पिरई, चौका, सरायन, जमुहारी, […]
केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद क्या बदला है- ये सवाल अक्सर अलग-अलग जगहों पर उठता रहता है। कई लोग इसका तथ्यों के साथ जवाब देते हैं और कई इस प्रश्न के उत्तर को गोल-मोल घुमाते रहते हैं। अब इसी क्रम में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर बिमल जालान (1997-2003) ने […]
९ अगस्त १९२५ की प्रसिद्ध घटना “काकोरी-कांड” को लेकर कल देश ने किसी न किसी रूप में भारत माता को दासता से मुक्त कराने हेतू अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्लाह खान, ठाकुर रोशन सिंह, राजेन्द्र लाहिड़ी के अप्रितम बलिदान को याद किया। लेकिन शायद गुमनामी की भेंट चढ़ गए […]
उगता भारत ब्यूरो जब देश अंग्रेजों का गुलाम था तब कनाडा और अमरीका में रह रहे भारतीयों ने सौ साल पहले ‘गदर पार्टी’ बनाई थी। इसका उद्देश्य था भारत से बाहर रह रहे भारतीयों की सहायता से भारत को स्वतंत्र कराना। इसकी पूर्ति के लिए गदर पार्टी ने ‘गदर’ नाम का एक समाचारपत्र भी निकाला […]
भूपेंद्र भंडारी पत्रकार कूमी कपूर ने अपनी किताब ‘द इमर्जेंसी, अ पर्सनल हिस्ट्री’ में संजय गांधी की कार परियोजना के बारे में बहुत गहरी जानकारी दी है। आपातकाल की भयावहता को दोहराते वक्त अधिकांश टीकाकारों ने देश के इतिहास में विकृत पूंजीवाद और भ्रष्टाचार की सबसे निर्लज्ज मानी जा सकने वाली एक दास्तान की अनदेखी […]
उगता भारत ब्यूरो अभी यूरोप, अमरीका और ईसाई जगत में इस समय क्रिसमस डे की धूम है। क्या आप जानते है कि बाइबिल के न्यू टेस्टमेंट्स के किसी भी गॉस्पेल में जीसस की जन्म तिथि अथवा ऋतु की चर्चा नही लिखी हुई है । चर्च के लोग विभिन्न मतभेदों के साथ गोस्पेल ऑफ़ ल्यूक और […]
अनिल सिंदूर म.प्र. दतिया के प्रथम शासक की छोटी सी रियासत पहाड़ों तथा जंगलों के बीच घिरी बडोनी से शुरू हुई थी लेकिन समाप्त ओरछा के शासक बनने पर हुई। दतिया राज्य के अंग बुंदेलखंड राज्य की नींव कन्नौज के गुर्जर-प्रतिहारों तथा चंदेलों ने डाली थी। सबसे पहले बुंदेला राजा रुद्रप्रताप ने अप्रैल 1531 में […]
कानपुर में एक व्यापारी हैं । नाम है पीयूष जैन । यह करते है इत्र का कारोबार । तो इन जैन साहब के घर, फैक्ट्री, ऑफिस, कोल्ड स्टोरेज व पेट्रोल पंप पर 2 दिन पूर्व छापा मारा गया था। यह छापे की कार्यवाही उसी दिन सुबह ही शुरू हो गयी थी जिस दिन दोपहर में […]
डॉ.चन्द्रकुमार जैन पानी का अपना कोई आकार नहीं होता। उसे जिस पात्र में भी डालते हैं, वह उसी का आकार ले लेता है। इसी तरह चित्त का भी अपना कोई आकार नहीं होता। उसको जिस ख्याल में आप रखेंगे, उसी के मुताबिक हो जाएगा। चिंतन का अर्थ होता है, मन का किसी एक विचार में […]