मानद आचार्य “आज देश में लोकतांत्रिक राजनीति को प्रभावित करने वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग और ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ व ‘कृषि कानूनों’ में सुधार के विरोधी आंदोलनजीवियों के सशक्त होने से अलगाववादियों और आतंकवादियों सहित भारत विरोधी शक्तियों का दुस्साहस चरम पर है l देशद्रोहियों और भारत विरोधियों के गठबंधन ने वोट बैंक की राजनीति को हाइजैक […]
Author: शिवदेव आर्य
क्या है सनातन शब्द की व्याख्या ?
पंडित गंगा प्रसाद उपाध्याय ‘सनातन’ शब्द का अर्थ है ‘सदा एक सा रहने वाला’। इसीलिये ईश्वर को भी ‘सनातन’ कहते हैं। सनातन धर्म का अर्थ है वह धर्म या नियम जो कभी बदलें नहीं, सदा एक से रहे। अथर्ववेद में ‘सनातन’ शब्द का यह अर्थ किया गया है :- “सनातनमेनमाहुरताद्य स्यात् पुनर्गवः। अहो रात्रे प्रजायते […]
‘उगता भारत’ ब्यूरो प्राचीन भारत में माप की कई पद्धतियाँ प्रचलित थीं। अत्यंत प्राचीन काल के बटखरों का आनुपातिक संबंध दहाई पद्धति पर था। इसका अनुपात (कुछ अपवादों को छोड़कर) 1, 2, 4, 8, 16, 32, 64, 160, 320, 640, 1600, 3200, 8000, 128000 का था। इन बाटों की सबसे छोटी इकाई 0.2565 ग्राम सिद्ध […]
प्रियेश मिश्र सूअर की कोशिकाओं में मौजूद एक शुगर (Sugar) इंसानी शरीर को स्वीकार नहीं करता है। इसी कारण पहले के सभी प्रयास फेल हुए थे, इसलिए इस बार डॉक्टरों ने स्पेशल मोडिफाइड जीन वाले सूअर का इस्तेमाल किया। अमेरिका में दुनिया में पहली बार सूअर के किडनी को इंसान के शरीर में ट्रांसप्लांट किया […]
जब संत कबीर बालक थे तथा गुरू रामानंद के आश्रम मे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, तब की एक घटना है :- ब्राहमण धर्म के अनुसार श्राद्ध मे कौओ को खाना खिलाने से मृत व्यक्ति की भूख शान्त हो जाती है ! अपने पिता के श्राद्ध के लिये गुरू रामानद ने सभी शिष्यो को अलग […]