न च मे प्रतिभा काचिदस्ति किञजित्प्रभाषितुम्| पीडय्मान्स्य गोविन्द विषानलसमै: शरै: ||( महाभारत शांति पर्व) आरामाणा तडागाना यत् फलं कुरुपुङव| तदहं ऋष्तुमिच्छामि त्वतोघ भरतषृभ|| (महाभारत अनुशासन पर्व) महाभारत के भीषण महा संग्राम में युद्ध के दसवें दिन 100 से अधिक बाण खाकर (भीष्म पर्व में तीरों की संख्या ,तीरों के प्रकार का उल्लेख है) भीष्म सरसैया […]