______________________________________ अनेक शताब्दियों तक यूरोप में भारतीय मसाले काली मिर्च को काला सोना के समान तवज्जो दी जाती रही है…. उसके औषधीय गुणों के कारण| भारत की विविधता पूर्ण जलवायु विविध प्रकार के फल फूल अन्न धान दाल आदि के सर्वाधिक अनुकूल है……| अनादि काल से भारत के पूर्वोत्तर राज्य आसाम मणिपुर सिक्किम आदि में […]
लेखक: आर्य सागर खारी
पहाड़ मनोरंजन के लिए नहीं
__________ माना कि भारत का संविधान हर नागरिक को मौलिक अधिकारों के तहत देश में कहीं भी घूमने फिरने पर्यटन की आजादी देता है लेकिन संसार के पुस्तकालय की सबसे प्राचीन पुस्तक सृष्टि का सविधान वेद कहता है…….. *उपह्वरे च गिरीणां संगमे च नदीनां* | *धिया विप्रो अजायत* || *ऋग्वेद* 8 |6 |28 “पहाड़ों की […]
हस्तिनापुर वन्य जीव अभ्यारण्य
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””” जिक्र जब हस्तिनापुर का आता है तो महाभारत काल की छवि उभर कर आती है| हस्तिनापुर, आर्यव्रत की संस्कृति का सामरिक व सांस्कृतिक केंद्र रहा… काशी और कौशल भी हस्तिनापुर के पराक्रम के सामने कांपते थे| हस्तिनापुर ऐतिहासिक सांस्कृतिक तौर पर ही नहीं प्राकृतिक जैव विविधता सौंदर्य के मामले में भी समृद्ध रहा है| […]
तिब्बत का मानचित्रकार
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””” आर्यों की आदि भूमि तिब्बत आर्यव्रत की सीमाओं का पूर्वी बिंदु था |जिसे दुनिया की छत ,पश्चिम जिसे forbidden country कहता था | बर्मा का प्राचीन नाम ब्रह्मर्षि देश था, तो तिब्बत का भी प्राचीन नाम बहुत ही खूबसूरत त्रिविष्टप था | अग्नि वायु आदित्य जैसे ऋषियों ने ईश्वर की वाणी वेद का डम […]
प्यारा पिल्लू पतंगा
” पत्तों को खाकर कीड़ा, रेशम बना रहा है | है कौन! जो उदर में, चरखा चला रहा है?” शाकाहारी से सर्वाहारी बनता जा रहा इंसान तरह तरह के फल फूल मेवा साग सब्जी मांस अंडे आदि खा पी पचा कर व अपच की स्थिति में विष्ठा के रूप में उल्टी, मल को निकाल देता […]
गलतियां कभी बांझ नहीं होती
_____________________ गलतियां बांझ नहीं होती, उनके भी बच्चे होते हैं| पंडित नेहरू द्वारा की गई गलतियों के अब बच्चे हो गए हैं | दुनिया का सबसे ऊंचा पठार देश तिब्बत 1837 ईसवी तक तिब्बत भारत के अधीन रहा है महाराणा रंजीत सिंह के कमांडर हरि सिंह नलवा ने चीनियों को कूट-कूट कर लद्दाख को तो […]
____________________________________________ ओ३म् द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:, पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति: । वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:, सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि ॥ ओ३म् शान्ति: शान्ति: शान्ति: ॥ #हिन्दी_रूपांतरण____ शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में, अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में, सकल विश्व में अवचेतन […]
वैदिक कालीन तालाब व्यवस्था
प्राचीन भारत कि तालाब संरक्षण संवर्धन व्यवस्था का उल्लेख कौटिल्य अर्थात आचार्य चाणक्य के रचित अर्थशास्त्र ग्रंथ में मिलता है | प्रथम अध्याय के अध्यक्ष प्रचार भाग में तालाबों का वर्गीकरण किया गया है..| मुख्य तौर पर तालाबों को दो वर्गों में बांटा गया है(1) नित्य जल वाले ( 2) अनित्य जल वाले तालाब| प्रथम […]
कुंओं का कातिल कौन ?
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: विगत 3 दिन पहले 10 जून को अंतरराष्ट्रीय भूगर्भ जल दिवस मनाया गया | यह अंतरराष्ट्रीय जल दिवस 22 मार्च से अलग मनाया जाता है | भारत की संस्कृति ऐसी रही है जहां हर दिन किसी गांव मोहल्ले कस्बे में नव प्रसूता महिला 40 वें दिन नवजात को गोद में लेकर गांव मोहल्ले की […]
राजस्थान की रानी – राठी गाय
_____________________________ अधिकांश पशुपालक ,गौपालन प्रेमी की यह स्वभाविक हार्दिक इच्छा होती है उसका गोवंश बीमार ना पड़े कम खाकर अधिक तथा लंबे समय तक दूध दे| प्रत्येक मौसम जलवायु परीक्षेत्र के अनुकूल हो | दूध की गुणवत्ता भी बेहतरीन हो… विदेशी गोवंश एचएफ जर्सी नस्ल की गाय तो सात जन्मों में भी इस शर्त को […]