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स्वर्णिम इतिहास

राजन तुम हो साँच खरे, खुब लढे तुम जंग

राजन तुम हो साँच खरे, खुब लढे तुम जंग । देखत तव चंड प्रताप जही, तखत त्यजत औरंग ।। ‘कवि कलश’ ऐतिहासिक विषय या क्रांतिकारीयो पर कोई फिल्म आती है तो में उसे जरूर देखता हूं मल्टीप्लेक्स में जाकर। अभी 2 दिन पहले ‘छावा’ फिल्म देखी जो हिंदवी साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी के पुत्र […]

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युवा समाज

जनरेशन जेड का भारत

लेखक – आर्य सागर तिलपता ग्रेटर नोएडा वर्ष 1997 से लेकर वर्ष 2016 की अवधि के बीच पैदा होने वाले बच्चों को जनरेशन जेड ( जेन जी) या नेटजेनरेशन भी कहा जाता है इस जनरेशन के और अन्य भी नाम है। 7 से 19 आयु वर्ग के बच्चे किशोर युवा इसमें आते हैं। अलग-अलग मानकों […]

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धर्म-अध्यात्म

तप का वैदिक स्वरुप

लेखक – आर्य सागर एक युवक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद के किसी गांव का है। इसके विषय में प्रचारित हैं कि इसने 41दिन अनवरत खड़े होकर आज के परिपेक्ष्य में जिसे तपस्या कहा जाता है उसे करने का संकल्प लिया है।13 जनवरी से यह खड़ा है 23 फरवरी को 41 दिन की अवधि […]

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महत्वपूर्ण लेख मुद्दा समाज

दहेज रोधी कानूनों पर एक समीक्षात्मक पर्यालोचन

आर्य सागर खारी आंकड़ों के अनुसार भारतवर्ष में प्रत्येक दिन 18 महिलाएं दहेज हत्या की शिकार होती है। इनमें दहेज के लिए की जाने वाली क्रुरता के मामलों को परिगणित नहीं किया गया है। इतना ही नहीं अकेले वर्ष 2020 में 13000 से अधिक मामले दहेज प्रतिषेध कानून 1961 के तहत दर्ज किए गए। यहां […]

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समाज

दहेज प्रथा व दहेज उन्मूलनरत संगठनों के सम्बन्ध में गांधी जी की विचार दृष्टि

लेखक – आर्य सागर  महात्मा गांधी जी का राजनीतिक सामाजिक आर्थिक वैचारिक दर्शन बहुत ही व्यापक स्पष्ट था । जिसमें अहिंसा,धर्म, नैतिकता, ग्राम स्वराज, स्वच्छता , स्वदेशी ग्राम उद्योग , अहिंसक समाजवाद, वेश्यावृत्ति मद्यपान नशाखोरी जैसे विषय ही शामिल नहीं थे भारत की आधी आबादी महिलाओं की समस्या स्त्री अशिक्षा ,दहेज प्रथा, बाल विवाह पर्दा […]

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आओ कुछ जाने

सी से कैमल नहीं, क्रम से कैमल

ऊंट जिसे रेगिस्तान का जहाज कहते हैं उसके लिए दुनिया की भिन्न भिन्न भाषाओं में अनेक नाम है । ऊंट के लिए सर्वाधिक शब्द संस्कृत भाषा में मिलते हैं यह संस्कृत भाषा की विलक्षणता है इसमें एक वस्तु के लिए जहां अनेक नाम मिलते हैं तो एक ही नाम यहां अनेक वस्तुओं का द्योतक होता […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

रामप्रसाद बिस्मिल : एक क्रान्तिकारी, जो कवि भी था

आज – 19 दिसम्बर को – क्रान्तिकारी राम प्रसाद ‘बिस्मिल’, और कुछ अन्य क्रान्तिकारियों, का बलिदान-दिवस है। भारत मां के अनेक सपूतों ने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया है – ‘बिस्मिल’ भी उनमें से एक थे। हम उन लोगों को श्रद्धांजलि-स्वरूप थोड़ा याद कर सकते हैं। वैसे, किसी भी बलिदानी को याद […]

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विविधा

विश्व वृद्ध की विदाई

अब से लगभग 2300 साल पहले यूनानी अध्येताओं का एक दल उस काल में ज्ञान वृद्ध भारत में आया…. भारत के आचार्यों से ज्ञान का अर्जन करने के लिए भारत से कुछ सीखने जानने के लिए । भारत वर्ष अपने ज्ञान को बांटता रहा है । वही जब मध्यकाल में इसकी 75 फीसदी आबादी जिसमें […]

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आओ कुछ जाने

*सांख्य, सांप और केचुली*

————– लेखक आर्य सागर तिलपता ग्रेटर नोएडा 🖋️ धरती पर विचरण करने वाला प्रत्येक सांप चाहे वह विषैला हो या विषहीन, जंगली हो या पालतू अपनी केंचुली का त्याग अवश्य करता है। त्याग हमेशा ही सुखदायक होता है यह इस लेख के अंत तक स्पष्ट हो जाएगा। सांप अपनी केंचुली को त्यागता है। प्रथम हम […]

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आओ कुछ जाने

भारत में मूर्ति पूजा*!

विजय कुमार गोविंदराम हासानन्द प्रकाशन नई सड़क दिल्ली से प्रकाशित इस पुस्तक को 76 वर्ष पूर्व वैदिक विद्वान पंडित राजेंद्र निवासी अतरौली अलीगढ़ ने लिखा था। 230 पृष्ठ की यह छोटी सी पुस्तक बहुत ही विचारोत्तेजक विश्लेषण मूर्ति पूजा के संबंध में प्रस्तुत करती है। जैसा कि इस पुस्तक के शीर्षक से ही स्पष्ट है […]

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