=============== *क्या आदियोगी भगवान शिव भांग का सेवन करते थे*? भारतवर्ष में भांग के पौधे से अधिकांश जन परिचित है। पहाड़ हो या मैदान उत्तर भारत हो या दक्षिण भारत भांग का पौधा खेतों की मेड, नदी -नालों’ जलीय स्रोतों के किनारे दिख ही जाता है। संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी में भांग के दर्जनों नाम है। […]
Author: आर्य सागर खारी
राजेश कश्यप पर्यावरण प्रदूषण में वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, नाभिकीय प्रदूषण आदि सब प्रदूषक शामिल हैं। वायु को प्रदूषित करने वाले मुख्यतः तीन कारक हैं, अचल दहन, चलायमान दहन और औद्योगिक अपशिष्ट। नगरों-महानगरों में पर्यावरण प्रदूषण के कारण सांस लेना दूभर होता चला जा रहा है। कोरोना काल में आक्सीजन का […]
======================= यह नीचे चित्र में महान फ्रांसीसी गणितज्ञ खगोल शास्त्री लाप्लास हैं, उच्च गणित कैलकुलस, cosmology का अध्ययन करने वाला विद्यार्थी शायद ही कोई इनके नाम से परिचित ना हो.. ब्रह्मांड में ब्लैक होल के अस्तित्व का सिद्धांत सबसे पहले इन्होंने ही दिया था | फ्रांस के महान योद्धा नेपोलियन बोनापार्ट के समा कालीन थे […]
28 मई को वीर सावरकर जयंती पर कॉग्रेसी राज की बात है। मणिशंकर अय्यर ने मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा देने के लिए अण्डेमान स्थित सेलुलर जेल से वीर सावरकर के स्मृति चिन्हों को हटवा दिया। यहाँ तक उन्हें अंग्रेजों से माफ़ी मांगने के नाम पर गद्दार तक कहा था। भारत देश की विडंबना देखिये जिन […]
आज वीर सावरकर की जन्म जयंती है.. लेकिन सावरकर जैसे वीरों की मृत्यु उनके जन्मोत्सव से ज्यादा शानदार दिलचस्प होती है| ऐसे में हम अपना कर्तव्य समझते हैं उनकी जन्म जयंती पर सावरकर जैसे वीर की गौरवशाली मृत्यु का वर्णन ना करे तो यह उनके साथ नाइंसाफी होगी… जन्म से तो सभी साधारण होते हैं […]
•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• पांडवों की इंद्रप्रस्थ अर्थात दिल्ली उनके पश्चात 7 बार बसी 7 बार उजड़ी… दिल्ली के उजड़ने में सनातन वैदिक धर्मी हिंदू राजाओं का कोई योगदान नहीं था उसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार थे पश्चिम व मध्यम एशिया से आए जिहादी लुटेरे जिन में मोहम्मद गोरी तैमूर लंग कुतुबुद्दीन ऐबक अलाउद्दीन खिलजी जैसे नाम शामिल […]
ऋषि दयानंद सत्यार्थ प्रकाश में लिखते हैं कि यह मूर्त्तिपूजा अढ़ाई तीन सहस्र वर्ष के इधर-इधर वाममार्गी और जैनियों से चली है। प्रथम आर्यावर्त्त में नहीं थी। और ये तीर्थ भी नहीं थे। जब जैनियों ने गिरनार, पालिटाना, शिखर, शत्रुञ्जय और आबू आदि तीर्थ बनाये, उन के अनुकूल इन लोगों ने भी बना लिये। जो […]
जीवन ,जगत और जैवविविधता
==================== जीवन को यद्यपि चित्रित रेखित परिभाषित नहीं किया जा सकता…. लेकिन स्वभाव से जिज्ञासु मनुष्य सभ्यता के आदि से ही विविध जीवों उनके स्वभाव विचित्रता को जानने समझने का प्रयास कर रहा है ।पृथ्वी पर करोड़ों सालों से महासागरों की गहराई से लेकर पर्वतों के शिखरों मरुस्थल मैदानों नदियों के आँचल में जीवन फल […]
दहेज का दानव और सूचना तकनीक*
•••○•••○•••○•••○••• 🦹🏿♂️😈🗿💻💸💎💵💻⌨️💻 21वीं सदी सूचना तकनीक की सदी है। वैश्विक व्यवस्था में सूचना तकनीक के बल पर शिक्षा व्यापार अर्थव्यवस्था मे धरातलीय सकारात्मक परिवर्तन आए हैं। चाहे सर्विस सेक्टर हो या मैन्युफैक्चरिंग कृषि क्षेत्र सूचना तकनीक की धमक प्रत्येक क्षेत्र में दिखाई देती है। आज के युग मे आप चाहे किसी भी देश के नागरिक […]
*कृषक हितैषी, कृषि में सहयोगी परिंदे*
_________________________________ इमानदारी पक्षपात पूर्ण भाव से कृषि के विकास, किसानों के कल्याण के लिए कोई पुरस्कार दिया जाए तो ऐसे किसी पुरस्कार को पाने के प्रथम अधिकारी पक्षी ही होंगे। फल, सब्जी, दलहन तिलहन जैसी फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटो को खाकर पक्षी सदियों से किसानों की अपूर्व अतुलनीय निशुल्क मदद करते आए हैं। […]