आर्य सागर खारी🖋️ तपेदिक अर्थात ट्यूबरक्लोसिस संक्षिप्त में कहे टीबी के रोग को कौन नहीं जानता… सृष्टि के आदि से यह रोग मानव जीवन को लील रहा है…. और आज 21वीं सदी में भी संक्रमक रोगों के मामले में यह चुनौती बना हुआ है… एंटीबायोटिक प्रतिरोध के कारण 4 लाइन ट्रीटमेंट भी इस पर असरहीन […]
Author: आर्य सागर खारी
आर्य सागर खारी 🖋️ हमारा देश गणतंत्र आज गुलामी की निशानियां से मुक्त हो रहा है। 15 अगस्त 2022 को लाल किले की प्राचीर पर माननीय मोदी जी ने जो पांच संकल्प लिए थे उनमें एक संकल्प देश को गुलामी की निशानी से मुक्त करना भी था उसी संकल्प को पूर्ण करने की राह में […]
आर्य सागर खारी🖋️ शुष्क रेतीले मरुस्थलीय वातावरण में पाए जाने वाले गोखरू के पौधे से कौन परिचित नहीं होगा जिसके कांटेदार बीज पत्र या फल को भी गोखरू ही कहा जाता है। अंग्रेजी में उसे बर कहते हैं। यूं तो गोखरू फल फूल जड़ पत्ती सहित आयुर्वेद की दिव्य रामबाण औषधि है विशेषकर मधुमेह के […]
आर्य सागर खारी 🖋️ ढकिया अकारांत स्त्रीलिंग वाची शब्द है लेकिन यह किसी स्त्री के लिए नहीं… जनपद गौतम बुध नगर के दादरी विकास खंड के ग्राम चिटेहरा मैं राष्ट्रीय राजमार्ग NH2 से लगभग डेढ़ किलोमीटर पश्चिम दिशा में स्थित ढाक व खजूर के पेड़ों के समुदाय से निर्मित सदियों पुराने प्राकृतिक वनस्पति जैव उद्यान […]
आर्य सागर खारी🖋️ आधुनिक भौतिकी के संस्थापकों में से एक महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन का साक्षात्कार ले रहे विज्ञान संवादाता पत्रकार ने जब आइंस्टाइन से पूछा———–। सर क्या आप ध्वनि का वेग जानते हैं कितना है? आइंस्टाइन ने कुछ देर मौन होकर जो जवाब दिया वह आधुनिक विश्वविद्यालयी शिक्षा को आईना दिखाने के लिए काफी […]
आर्य सागर खारी🖋️ आज उत्तर प्रदेश सहित आसपास के राज्यों में खुला छुटे हुए पशु एक बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं खेत खलियान से लेकर राजमार्गों तक स्वच्छंद घूमते पशुओं के समूह आपको दिख जाएंगे| गोवंश की बदहाली इसमें किसी से छुपी नहीं है गौमाता राजमार्गों पर चोटिल हो रही है तो कहीं ट्रेन की […]
आर्य सागर खारी 🖋️ आचार्य कौटिल्य ने अर्थशास्त्र ग्रंथ के दूसरे अधिकरण अध्यक्ष प्रचार में…. भारतवर्ष के अन्नदाता किसान के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए लिए ग्राम स्तर पर दो व्यवस्थाएं स्थापित की थी आज से हजारों वर्ष पहले| आचार्य चाणक्य की मान्यता यह थी राजा (प्रधानमंत्री) किसानों के कुशल क्षेम उनकी फसल की उपज […]
आचार्य कौटिल्य ने राष्ट्र की अंदरूनी व्यवस्था के लिए आंतरिक गुप्तचर व्यवस्था को बहुत जरूरी बताया है| आचार्य कौटिल्य की मान्यता यह है कि किसी राष्ट्र को शत्रु देश के साथ-साथ उस देश की आंतरिक नागरिक वर्ग से भी खतरा होता है…| ऐसे नागरिकों को उन्होंने राष्ट्र कंटक से उच्चारित किया है.. जो राष्ट्र के […]
आर्य सागर खारी 🖋️ भारत के इतिहास को अंग्रेजों के गज में ही यदि हम नापे तो आज से लगभग 2300 वर्ष पहले… आचार्य कौटिल्य जो चाणक्य के नाम से प्रसिद्ध है उन्होंने अर्थशास्त्र नामक ग्रंथ का सृजन किया| इस ग्रंथ में आचार्य ने एक राष्ट्र की लोक व्यवस्था अर्थात पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन ,न्याय व्यवस्था, आर्थिक […]
आर्य सागर खारी🖋️ यह उपरोक्त वाक्य विनायक दामोदर सावरकर लिखित “18 57 का स्वतंत्रता समर” पुस्तक के विषय में एकदम सटीक है| एक मराठी युवक विनायक कानून की पढ़ाई के लिए विलायत जाता है… इंग्लैंड में उसका परिचय महर्षि दयानंद के अनन्य शिष्य, संस्कृत के विद्वान महान देशभक्त श्यामजी कृष्ण वर्मा से होता है… उस […]