* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ वैदिक संस्कृति पर्व प्रधान रही है। वैदिक संस्कृति के नियामक ग्रंथ ग्रह्य सूत्र हैं। आपस्तम्ब आश्वलायन, गोभिल, पारस्कर जैसे असंख्य ऋषियों द्वारा समय समय पर वेदानुकूल प्रणीत ग्रह्य सूत्रों ने भारतीय जीवन को परिष्कृत नियमित व्यवस्थित आदर्श बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है ।अध्यात्म आधिदैव, धर्माचार, कर्तव्य ,यज्ञ कर्मकांडादि […]
Author: आर्य सागर खारी
सांप दूध नहीं पीते*🐍
लेखक आर्य सागर खारी ✍ आज नाग पंचमी है ऐसी कथित मान्यता है सांप को दूध पिलाना आज पुण्य माना जाता है लेकिन मुद्दा यह है क्या सांप दूध पीते हैं? हमारे देश में सर्प एकमात्र ऐसा सरीसृप जंतु है जिसके बारे में लोगों को तथ्यात्मक कम कल्पनात्मक ज्ञान ज्यादा है| बात यदि सांप के […]
वृष्टि यज्ञ अमोघ अस्त्र है*____
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ हमारे पूर्वज इस आर्यवर्त की महान भूमि पर नाना प्रकार के यज्ञ का अनुष्ठान करते थे| इनमें सर्वाधिक प्रचलित वृष्टि यज्ञ था| वृष्टि यज्ञ के अनुष्ठान से इच्छा अनुसार वर्षा कराई जाती थी| तब तब बारिश कराई जाती थी जब जब वर्षा की आवश्यकता होती थी| आज हम आपको […]
नोट―यह उपदेश सभी स्त्रियों के लिए बहुत प्रेरक उपदेश है, आचरण में लायें। देवो मनुष्यो गन्धर्वो युवा चापि स्वलंकृत: । द्रव्यवानभिरुपोवा न मेऽन्य: पुरुषोमत: ।। भावार्थ― देवता, मनुष्य, गन्धर्व, युवक अच्छी सज धज वाला धनवान अथवा परम सुन्दर कैसा ही पुरुष क्यों न हो, मेरा मन भर्ता (पति) को छोड़कर कहीं नहीं जाता। दुर्व्याह्रताच्छंकमाना दु:स्थिताद् […]
आर्य वीर दल कल ,आज और कल*।
लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ ( यह लेख गाजियाबाद से प्रकाशित होने वाली त्रैमासिक पत्रिका ब्रह्मज्योति के अगस्त 2023 अंक में भी प्रकाशित होगा आप वहां भी इसे पढ़ सकते हैं) ऋषि दयानंद के निर्वाण के पश्चात उनके अनुयायियों मानस पुत्रों पंडित लेखराम, स्वामी श्रद्धानंद ,स्वामी दर्शनानंद, पंडित आत्माराम अमृतसरी, महाशय राजपाल भाई परमानंद लाला […]
स्वामी सत्यपति जी का उपदेश*।
* प्रस्तुतकर्ता आर्य सागर खारी 🖋️ साभार बृहती ब्रह्ममेधा ग्रंथ प्रथम भाग। उपासना के प्रारंभ में योगाभ्यास करने वाला व्यक्ति ईश्वर के स्वरूप का चिंतन, वर्णन शब्द प्रमाण से करने का प्रयत्न करता है। साधक यह विचार करता है कि मैं जिस ईश्वर को प्राप्त करना चाहता हूं वह कैसा है? पुनः ईश्वर के स्वरुप […]
*पत्ते -पत्ते की हरित अभियंत्रिकी*।☘️
🍃 लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ पृथ्वी पर जीवन की श्रंखला में सर्वप्रथम पेड़ पौधों का आविर्भाव हुआ….. जलचर नभचर थलचर जीव धारियों के नथुनो से पहले ईश्वर ने पेड़ों के नथूनो में प्राण शक्ति को फूंका…. हमारे पास केवल दो ही नथुने हैं जिनसे हम स्वास लेते हैं,छोड़ते है , जिनसे हम प्राणवायु ऑक्सीजन […]
प्राचीन भारत में गौपालन व्यवस्था*
*________ लेखक आर्य सागर खारी🖋️ हमें और आपको अक्सर बताया जाता है कि अतीत के स्वर्णिम काल में हमारा देश विश्वगुरु व सोने की चिड़िया था लेकिन यह नहीं बताया जाता किन आदर्श लोक कल्याणकारी व्यवस्थाओं से यह देश सोने की चिड़िया बना| वैदिक काल की व्यवस्थाओं की झलकियां हमें कोटिल्य लिखित अर्थशास्त्र ग्रंथ में […]
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ सन 1832 में लेफ्टिनेंट कर्नल जोसेफ बोडेन ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में संस्कृत की चेयर स्थापित की जिसमें जर्मन इंडोलॉजिस्ट मैक्स मूलर को कथित तौर पर संस्कृत ग्रंथो की विशेषता वेदों के अनुवाद का काम सौंपा गया था। अंग्रेजों का उद्देश्य वैदिक संस्कृति साहित्य का ज्ञान पिपाशा की दृष्टि से […]
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️ 19वीं शताब्दी में यूरोप, अमेरिका का अधिकांश वर्ग संक्रामक यौन रोग से सिफलिस अर्थात सुजाक से ग्रस्त था… पश्चिमी समाज के स्वच्छंद यौन संबंध प्रचलन अनैतिकता का यह यह रोग नतीजा था| यह एचआईवी की तरह ही सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज है… आज भी दुनिया भर में 1 लाख मौतें […]