डॉ0 राकेश राणा राम का अतीत इतना व्यापक और विस्तारित है कि उस पर समझ और संज्ञान की सीमाएं है। उन्हें चिन्हित करना बहुत दूर की कोड़ी है। भारतीय समाज में राम उस वट-वृक्ष की तरह है जिसकी छत्रछाया में भक्त, आलोचक, आम, खास, आराधक, विरोधक, सम्बोधक सबके सब न जाने कितने सालो से एक […]
लेखक: डॉ. राकेश राणा
लेखक युवा समाजशास्त्री है!
ranrakesh@gmail.com
डॉ. राकेश राणा सृष्टि में हर एक चीज दूसरे से जुड़ी हुई है। कुछ भी अलग नहीं है। हर चीज का हर चीज पर प्रभाव भी पड़ता है। मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य व पर्यावरण भी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। यहां यह समझने की जरूरत है कि हमारा पर्यावरण हमारे स्वास्थ्य से कैसे जुड़ा है। स्वास्थ्य मात्र […]
प्रोफेसर राकेश राणा बाजार हमारे जीवन में इतनी बढ़त बना चुका है कि अब ढेर सारे लोगों की जीविका का आधार यही है। बाजार में सबकुछ बिकाऊ होता है। शायद मनुष्य का मनुष्य से संबंध भी! तभी बाजार जितना बड़ा होता जा रहा है मानवीय मूल्य उतने ही छोटे होते जा रहे हैं। समाज पर […]
डॉ. राकेश राणा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घुसते ही आसमान में मंडराते चील-कौए-बाज आपका स्वागत करते मिलेंगे। बढ़ती जनसंख्या, बेतहाशा शहरीकरण और अंधाधुंध औद्योगिकीकरण ने दिल्ली के पर्यावरण को उसके पूरे पारिस्थितिकीय तंत्र को ध्वस्त कर दिया है। दिल्ली में मूलभूत समस्याओं आवास, यातायात, पानी व बिजली इत्यादि से निपटना अब चुनौती बन चुका […]
*डॉ0राकेश राणा* आधुनिक समाज में सोशल मीडिया एक प्रभावी भूमिका के साथ उभर रहा है। लोग ऑडियो, वीडियो, कॉल, संदेश, फोटो, प्रतीक सब जब चाहे क्षण भर में इधर से उधर दुनियां भर में भेज रहे है। कम खर्च और कम समय में कम उर्जा लगाकर पूरी दुनियां को दूहने में लगे हुए है सोशल […]
डॉ. राकेश राणा असली भारत गांवों में बसता है। देश के करीब छः लाख गांव में बसे लघु-सीमांत किसान अपने खून-पसीने की मेहनत से कृषि उद्यम कर देश को खाद्यान्न की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने का सफल किर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। एग्रीकल्चर सेंसस के अनुसार 67.04 प्रतिशत किसान परिवार सीमांत किसान हैं। जिनके पास […]
डॉ0राकेश राणा बेहतर शैक्षिक वातावरण के साथ शिक्षा की उन्नत संस्कृति का विकास हो सके, इस बात का पूरा ख्याल रखा गया है। नई शिक्षा नीति में ज्ञान के विस्तार की दिशा में नए क्षैतिजों को खोलने का उद्यम किया गया है। लोकल और ग्लोबल के सफल संयोजन की कोशिश में निर्मित यह दस्तावेज निश्चित […]
डॉ. राकेश राणा स्वास्थ्य की समझ और अवधारणा शनैः शनैः विकसित हुई है। शारीरिक से आगे बढ़कर मानसिक, सामाजिक और अब तो आध्यात्मिक तक यह अपने क्षितिज का विस्तार कर चुकी है। अच्छा स्वास्थ्य उस स्थिति को संदर्भित करता है जिसमें व्यक्ति अच्छे मानसिक स्वास्थ्य का आनंद ले रहा हो, आध्यात्मिक रूप से जागृत जीवन […]
डॉ0 राकेश राणा (असिस्टेंट प्रोफेसर : समाजशास्त्र ) राम का अतीत इतना व्यापक और विस्तारित है कि उस पर समझ और संज्ञान की सीमाएं है। उन्हें चिन्हित करना भी बहुत दुरुह कार्य है। भारतीय समाज में राम उस वटवृक्ष की तरह है जिसकी छत्रछाया में भक्त, आलोचक, आम, खास, आरोधक, विरोधक सबके सब साथ-साथ न […]
डॉ0 राकेश राणा यह भारत के लिए गौरव की बात है कि योग हमारी प्राचीन परम्परा का हिस्सा रहा है। दुनियां को सुख, समृद्धि और निरोग जीवन के सूत्र प्रदान करने वाली योग पद्धति हमारी जीवन पद्धति रही है। भारत विश्व कल्याण के लिए संयुक्त राष्ट् संघ में लगातार इसकी मांग कर रहा था। जिसे […]