यह घटना बाल प्रभु के आठ वर्ष के उम्र की संबत 1845 विक्रमी की है। छपिया के नैरित्य कोण फिरोजपुर के गांव को सीमा लगती है। यहां उपवन वाटिका बहुत था। यह स्थान रेलवे स्टेशन के तरफ़ जाने वाले मार्ग पर पड़ता है। एक बार घनश्याम प्रभु झट से एक पेड़ पर चढ़ गए और […]
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मोक्ष वाले पीपल से दिव्य अवलोकन
