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धर्म-अध्यात्म

ईश्वर के दर्शन का साधन ओंकार

प्रियांशु सेठ वेद ने भी और उपनिषदों ने भी ‘ओ३म्’ द्वारा ईश्वर के दर्शन का आदेश दिया है। ‘ओ३म्’ के द्वारा पर-ब्रह्म और अपर-ब्रह्म के दर्शन होते हैं। अरा इव रथनाभौ संहता यत्र नाडय: स एषोअन्तश्चरते बहुधा जायमान:। ओमित्येवं ध्यायथ आत्मानं स्वस्ति व: पाराय तमस: परस्तात्।। मुण्डक २।२।६।। “जिस प्रकार से रथ के पहिये के […]

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