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राजनीति

प्रतिभाशाली युवाओं की कमी झेलता भारतीय लोकतंत्र

  प्रियंका सौरभ   एक देश का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि वह कितना युवा है। 15-24 वर्ष के बीच के सभी  युवा, आमतौर पर कॉलेज जाने वाले छात्र होते हैं। उनके करियर विकल्प में इंजीनियर, डॉक्टर, शिक्षक, खेल, रक्षा और कुछ उद्यमी शामिल हैं। विशेष रूप से भारत के संदर्भ में, राजनीति को कैरियर विकल्प के रूप […]

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देश विदेश

पड़ोसी चाहे कोई भी हो उससे सजग और सावधान रहना ही समझदारी है

प्रियंका सौरभ —-प्रियंका सौरभ  पड़ोस में शांति हो, तो इन्सान चैन की नींद सोता है, लेकिन यह शांति तभी बनी रह सकती है, जब पड़ोसी के साथ-साथ हम भी शांति के पक्षधर हों और ये समझ आ जाये कि क्या पडोसी शांति के लायक है?  वर्चस्व की जंग हमेशा शांति को मारने का काम करती […]

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समाज

मैला ढोने वालों की दुर्दशा

——————————- ( 28 साल पहले एक कानून के माध्यम से इस पर प्रतिबंध लगाने एवं तकनीकी प्रगति के बावजूद, मानव अधिकारों के प्रति संवेदनशीलता पैदा करने वाली , मैनुअल स्कैवेंजिंग  भारत में बनी हुई है।  मैनुअल स्कैवेंजिंग का तात्पर्य किसी भी तरीके से मैन्युअल रूप से सफाई करने, शुष्क शौचालयों और सीवरों से मानव उत्सर्जन […]

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शिक्षा/रोजगार

निजी स्कूलों को नियंत्रित कर अध्यापकों की भर्ती करें सरकार

प्रियंका सौरभ  दरअसल सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए हैं बल्कि यह इसे चलाने वाली सरकारों, नौकरशाहों और नेताओं का फेलियर है. सरकारी स्कूल प्रणाली के हालिया बदसूरती के लिए यही लोग जिम्मेवार है जिन्होंने निजीकरण के नाम पर राज्य की महत्वपूर्ण सम्पति का सर्वनाश कर दिया है. वैसे भी वो राज्य जल्द ही बर्बाद हो […]

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स्वास्थ्य

हमारे लिए खाद्य सुरक्षा अब और भी अधिक जरूरी हो गई है

प्रियंका सौरभ प्रियंका सौरभ रोटी, कपड़ा और मकान को मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएं कहा जाता है। इन मूलभूत आवश्यकताओं की आवश्यकता को पूरा करने के लिए इंसान बहुत मेहनत करता है। भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां आम जनता को सुरक्षित भोजन के महत्व के बारे में पर्याप्त जानकारी प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही […]

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