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इतिहास के पन्नों से

नेहरू जनित विषाद का परिणाम थी बाबासाहेब अंबेडकर की मृत्यु

प्रवीण गुगनानी कबीर तहां न जाइए, जहाँ सिद्ध को गाँव स्वामी कहे न बैठना, फिर फिर पूछे नांव इष्ट मिले अरु मन मिले मिले सकल रस रीति कहैं कबीर तहां जाइए, जंह संतान की प्रीति बाबासाहेब अम्बेडकर के कांग्रेस से जुड़ाव को कबीर के इन दोहों के माध्यम से पुर्णतः प्रकट किया जा सकता है। […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

बाबासाहेब के निर्वाणकाल की व्यथा:  नेहरुजनित विषाद का परिणाम  

  कबीर तहां न जाइए, जहाँ सिद्ध को गाँव स्वामी कहे न बैठना, फिर फिर पूछे नांव  इष्ट मिले अरु मन मिले मिले सकल रस रीति  कहैं कबीर तहां जाइए, जंह संतान की प्रीति  बाबासाहेब अम्बेडकर के कांग्रेस से जुड़ाव को कबीर के इन दोहों के माध्यम से पुर्णतः प्रकट किया जा सकता है. बाबा […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

बिरसा मुंडा की उलगुलान परंपरा का नया वाहक: जनजातीय गौरव दिवस 

आज जब देश के प्रधानमंत्री श्रीयुत नरेंद्र मोदी देश में भगवान् बिरसा मुंडा के जन्मदिन 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की परंपरा का शुभारंभ कर रहे हैं तब स्वाभाविक ही विदेशी परंपरा व विघ्नसंतोषियों के “मूलनिवासी दिवस” का विचार हृदय में आता है। भारत में मूलनिवासी दिवस या इंडिजिनस […]

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पर्व – त्यौहार

संघ का दशहरा प्रबोधन: जनसंख्या असंतुलन पर तेज हो विमर्श  ———

विश्व के प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ, राजनयिक, व ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि “यदि अपने देश की दीर्घकालिक समस्याओं को सुलझाना है तो, इतिहास  पढ़िए ,इतिहास  पढ़िए, इतिहास पढ़िए; इतिहास  में  ही राज्य  चलाने  के सारे  रहस्य छिपे हैं”. भारत के संदर्भ में यह कहा जा सकता है कि यदि देश चलाना […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

25 सितम्बर- दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर विशेष  ———–   शासकीय तंत्र में मानवीय मंत्र की स्थापना का सिद्धांत – एकात्म मानववाद

———–  महान दार्शनिक प्लेटो के शिष्य व सिकंदर के गुरु अरस्तु ने कहा था – “विषमता का सबसे बुरा रूप है विषम चीजों को एक समान बनाने का प्रयत्न करना।”   The worst form of inequality is to try to make unequal things equal. एकात्म मानववाद, विषमता को इससे बहुत आगे के स्तर पर जाकर हमें […]

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राजनीति

कन्हैया कुमार: कांग्रेस के कंधो पर बेताल 

विक्रम और बेताल की कथा अब आधी अधूरी दोहराई जा रही है. किंतु इस कथा में अब विक्रम तो है नहीं मात्र बेताल है जो अब विपन्न और विस्थापित कांग्रेस के कंधों पर सवार है. बेताल और कोई नहीं वामपंथ है जिसने बौद्धिक, वैचारिक और सेद्धान्तिक रूप से कांग्रेस को खोखला कर दिया है. भाजपा […]

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आतंकवाद

आजादी के बाद से ही कांग्रेस और मार्क्सवाद का गहरा संबंध रहा है

प्रवीण गुगनानी  कम्युनिज्म के प्रणेता व पुरोधा कार्ल मार्क्स थे। वही कार्ल मार्क्स, जिन्होंने अपने मृत्यु समय में प्रसन्नता पूर्वक कहा था- “अच्छा हुआ मैं मार्क्सिस्ट न हुआ”। कांग्रेस का वामपंथ व मार्क्सिज्म से स्वातंत्र्योत्तर समय के प्रारंभ से गहरा नाता रहा है। विक्रम और बेताल की कथा अब आधी अधूरी दोहराई जा रही है। […]

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इतिहास के पन्नों से

                        13 अगस्त जयंती पर विशेष    :       माई एहों पूत जण जेंहो दुर्गादास

माई एहों पूत जण जेंहो दुर्गादास भारतीय इतिहास में वीर शिरोमणि दुर्गादास के नाम को कभी परिचय की आवश्यकता नहीं रही. मारवाड़ के इस वीरपुत्र और मातृभूमि पर अपने सम्पूर्ण जीवन को न्यौछावर कर देने वाले जुझारू यौद्धा को केवल मारवाड़ की धरती और सम्पूर्ण देश में फैले राठौर बंधू ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण हिंदू […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मूलनिवासी दिवस एक भ्रामक और विभाजनकारी अभियान

भारतीय दलित व जनजातीय समाज में इन दिनों एक नया शब्द चलाया जा रहा है व साथ ही एक नया दिवस मनाने का अभियान भी चलाया जा रहा है; वह है मूलनिवासी दिवस. 9 अगस्त जो की मूलतः पश्चिम के तथाकथित बुद्धिजीवी व प्रगतिशील समाज द्वारा किये गए बड़े, बर्बर नरसंहार का दिन है, उसे […]

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धर्म-अध्यात्म

शुभ गुरु पूर्णिमा

भगवा ध्वज केवल एक वर्ग विशेष, दल विशेष, विचार विशेष का ध्वज नहीं है। #खयाल_आया की यह वही ध्वज है जो वेदों ने पुराणों ने उपनिषदों ने हमें दिया है। यही वह ध्वज है जिसे श्रीराम, श्रीकृष्ण जैसे क्षत्रियों सहित परशुराम जी जैसे सभी ब्राह्मण कुलों ने अपने युद्ध रथों पर भी लहराया और इसे […]

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