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इतिहास के पन्नों से

11 सितंबर शिकागो संभाषण दिवस पर विशेष –          • शिकागो संभाषण भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति का रोडमैप है – 

                         स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को व भारतत्व को कितना आत्मसात् कर लिया था, यह कविवर रविन्द्रनाथ टैगोर के इस कथन से समझा जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा था कि – यदि आप भारत को समझना चाहते हैं तो एक व्यक्ति को पूरा पढ़ लीजिये, और वो व्यक्ति हैं स्वामी विवेकानंद। नोबेल से सम्मानित […]

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इंडीजेनस डे का खंडन करता है हमारे बिरसा मुंडा का उलगुलान 

मूलनिवासी दिवस या इंडिजिनस पीपल डे एक भारत मे एक नया षड्यंत्र है। सबसे बड़ी बात यह कि इस षड्यंत्र को जिस जनजातीय समाज के विरुद्ध किया जा रहा  है, उसी जनजातीय समाज के कांधो पर इसकी शोभायमान पालकी भी चतुराई पूर्वक निकाली जा रही है। वस्तुतः प्रतिवर्ष इस दिन यूरोपियन्स और पोप को आठ […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भीम मीम की राजनीति और आतंकी पीएफआई का मिशन 2047 

भीम मीम की राजनीति का षड़यंत्र भारत में शताधिक वर्षों से किया जा रहा है। जोगेंद्रनाथ मंडल, इस कुत्सित राजनीति का एक पठनीय व स्मरणीय अध्याय है, दलित बंधुओं को अवश्य पढ़ना चाहिए।                   आज भी दलितों पर सर्वाधिक अत्याचार मुस्लिमों द्वारा किए जाते हैं। ये अत्याचार केवल सामाजिक प्रकार के नहीं होते बल्कि वे आपराधिक […]

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आज का चिंतन

“केवल सांस लेने का नाम जीवन जीना नहीं है।”

लोग संसार में कहने को तो अपना अपना जीवन जी रहे हैं, परंतु वास्तव में उन्हें जीवन जीना आता नहीं है। “केवल सांस लेने का नाम जीवन जीना नहीं है।” तो फिर? जीवन जीने का अर्थ है, “आप स्वयं भी सुख से जिएं, और दूसरों को भी सुख से जीने दें।” यह एक बहुत बड़ी […]

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आज का चिंतन

श्रेष्ठ व योग्य शिष्य की खोज में रहते हैं श्रेष्ठ गुरु  

“वासुदेव सुतं देवम कंस चाणूर मर्दनम्,  देवकी परमानन्दं कृष्णम वन्दे जगतगुरु”  श्रीकृष्ण को विश्व का श्रेष्ठतम गुरु क्यों कहा जाता है?  शिष्य अर्जुन की खोज के कारण?  अर्जुन को कुरुक्षेत्र में ईश्वर का विराट रूप दिखा देने के कारण?  महाभारत के रणक्षेत्र में श्रीमद्भागवद्गीता रच देने के कारण?  या कथनी और करनी में भेद न […]

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मुद्दा

राजनैतिक दल स्पष्ट करें डिलिस्टिंग के पक्ष में हैं या विरोध में ?

जनजातीय मुद्दों पर प्रतिदिन अपने स्वार्थ की रोटियां सेंकने वाले विभिन्न संगठन व राजनैतिक दल डिलिस्टिंग जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चुप क्यों हैं? स्पष्ट है कि वे कथित धर्मान्तरित होकर जनजातीय समाज के साथ छलावा और धोखा देनें वाले लोगों के साथ खड़े हैं. ये कथित दल, संगठन और एनजीओ भोले भाले वनवासी जनजातीय समाज […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

छत्रपति शिवाजी के शिल्पी समर्थ रामदास 

समर्थ रामदास जयंती रामनवमी पर विशेष –                                                                       हमारे सनातनी संत केवल संत होकर तपस्या, धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ व मोक्षप्राप्ति के हेतु ही कार्य ही नहीं करते हैं अपितु समय समय पर देश समाज की राजनीति को राजदरबार (संसद) से लेकर, समाज के चौक चौबारों तक व युद्ध की भूमि में जाकर रणभेरी बजाने […]

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महत्वपूर्ण लेख

क्या है ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ?

प्रवीण गुगनानी डॉ. हेडगेवार जी की जयंती पर विशेष आ सिंधु-सिंधु पर्यन्ता, यस्य भारत भूमिका l पितृभू-पुण्यभू भुश्चेव सा वै हिंदू रीति स्मृता ll इस श्लोक के अनुसार “भारत के वह सभी लोग हिंदू हैं जो इस देश को पितृभूमि-पुण्यभूमि मानते हैं” वीर दामोदर सावरकर के इस दर्शन को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मूलाधार […]

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संत रविदास: भारत में धर्मांतरण के प्रारंभिक विरोधी

— भारतीय समाज में आजकल धर्मांतरण और हिन्दू धर्म में घर वापसी एक बड़ा विषय चर्चित और उल्लेखनीय हो चला है. यह विषय राजनैतिक कारणों से चर्चित भले ही अब हो रहा हो, किन्तु सामाजिक स्तर पर धर्मांतरण हिन्दुस्थान में सदियों से एक चिंतनीय विषय रहा है. इस देश में धर्मांतरण की चर्चा और चिंता […]

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कृषि जगत

मोदीजी ला रहे प्राकृतिक कृषि का गुजरात माडल 

प्रवीण गुगनानी उत्तम खेती मध्यम बान, निकृष्ट चाकरी, भीख निदान, वाली कहावत वाले हमारे देश में कृषि और कृषक दोनों ही पिछले ७  दशकों से अपनाई जा रही गलत नीतियों का शिकार हो चुकें हैं। ऋषि पराशर व अन्य कई प्राचीन कृषि वैज्ञानिकों वाले हमारे देश में, घाघ व भड्डरी की विज्ञानसम्मत कृषि कहावतों व […]

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