प्रहलाद सबनानी वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों की सावरेन क्रेडिट रेटिंग पर कार्य कर रही संस्था स्टैंडर्ड एंड पूअर ने हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था का आंकलन करते हुए भारत के सम्बंध में अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक किया है एवं कहा है कि वह भारत की सावरेन क्रेडिट रेटिंग को अपग्रेड करने के उद्देश्य से […]
लेखक: प्रहलाद सबनानी
लेखक भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवर्त उप-महाप्रबंधक हैं।
यूरोप में हाल ही में सम्पन्न हुए चुनावों में दक्षिणपंथी कहे जाने वाले दलों की राजनैतिक ताकत बढ़ी है। हालांकि सत्ता अभी भी वामपंथी एवं मध्यमार्गीय नीतियों का पालन करने वाले दलों की ही बने रहने की सम्भावना है परंतु विशेष रूप से फ्रान्स एवं जर्मनी में इन दलों को भारी नुक्सान हुआ है। इटली […]
भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार 8वीं बार रेपो दर में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं करते हुए इसे 6.50 प्रतिशत पर ही जारी रखा है। हालांकि, हाल ही में, जून 2024 के प्रथम सप्ताह में सम्पन्न हुई मोनेटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक में दो सदस्यों ने रेपो दर को 25 आधार अंको से […]
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विदेशी बैंकों में रखे भारत के 100 टन सोने को ब्रिटेन से वापिस भारत में ले आया गया है। यह सोना भारत ने ब्रिटेन के बैंक में रिजर्व के तौर पर रखा था और इस पर भारत प्रतिवर्ष कुछ फीस भी ब्रिटेन के बैंक को अदा करता रहा […]
विश्व के समस्त नागरिकों एवं विभिन्न संस्थानों पर लगभग 320 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का ऋण है। कुल ऋण की उक्त राशि में विभिन्न देशों की सरकारों के ऋण एवं नागरिकों के व्यक्तिगत ऋण भी शामिल है। कई देशों को मुद्रा स्फीति पर नियंत्रण पाने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। साथ […]
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं इतिहासकार श्री एंग्स मेडिसिन के अनुसार वर्ष 1820 तक भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, 1820 आते आते चीन भारत से आगे निकल गया था। 1820 से 1870 के बीच चीन एवं भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में पूरे विश्व में सबसे आगे थे। वर्ष 1870 से 1900 के बीच […]
हाल ही में वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में हुए विकास से सम्बंधित आंकड़े जारी किये गए है। इसके अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत की रही थी। […]
अरब देशों से भारत आए आक्रांता शुरू में तो केवल भारत में लूट खसोट करने के उद्देश्य से ही आए थे, क्योंकि उन्होंने सुन रखा था कि भारत सोने की चिड़िया है एवं यहां के नागरिकों के पास स्वर्ण के अपार भंडार मौजूद हैं। परंतु, यहां आकर छोटे छोटे राज्यों में आपसी तालमेल एवं संगठन […]
इतिहास के किसी भी खंडकाल में भारतीय सनातन संस्कृति का अनुपालन करते हुए किए गए समस्त प्रकार के कार्यों में सफलता निश्चित मिलती आई है। ध्यान में आता है कि भारतीय आर्थिक दर्शन भी सनातन संस्कृति के अनुरूप ही रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज भी हमारे वेदों एवं पुराणों में वर्णित नियमों के अनुसार ही […]
वैश्विक स्तर पर आर्थिक क्षेत्र का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। अभी तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकसित देशों का दबदबा बना रहता आया है। परंतु, अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2024 में भारत सहित एशियाई देशों के वैश्विक अर्थव्यवस्था में 60 प्रतिशत का योगदान होने की प्रबल सम्भावना है। […]