हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव श्री एंटोनियो गुटेरेस ने कोरोना वायरस और पर्यटन की नीति पर बोलते हुए कहा है कि कोरोना महामारी से वैश्विक स्तर पर पर्यटन उद्योग को वित्तीय वर्ष 2020 के पहले पांच महीनों में 32,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर के निर्यात का नुकसान हुआ है। पूरे विश्व के पर्यटन […]
लेखक: प्रहलाद सबनानी
लेखक भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवर्त उप-महाप्रबंधक हैं।
देश में संस्कृति की अर्थव्यवस्था पर आज तक ग़ौर नहीं किया गया है और इस तरह के मुद्दे पर देश में शायद सारगर्भित चर्चा भी नहीं की गई हैं। वैसे तो भारत की संस्कृति हज़ारों सालों से सम्पन्न रही है। लेकिन, हाल ही के इतिहास में ऐसा लगता है कि जैसे भारतीय संस्कृति का दायरा […]
अभी हाल ही में जनसंख्या एवं विकास पर भारतीय सांसदों की एक समिति (Indian Association of Parliamentarians on Population and Development – IAPPD) ने देश में बुज़ुर्गों की स्थिति पर एक विस्तृत प्रतिवेदन तैयार किया है। इस प्रतिवेदन के अनुसार, इस समय भारत में 10.5 करोड़ बुजुर्ग व्यक्ति हैं और वर्ष 2050 तक इनकी संख्या […]
प्रह्लाद सबनानी भारत में कुल आबादी का लगभग 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ग्रामीण इलाक़ों में रहता है एवं अपने रोज़गार के लिए मुख्यतः कृषि क्षेत्र पर ही निर्भर हैं। इस प्रकार भारत में कृषि का क्षेत्र एक सिल्वर लाइनिंग के तौर पर देखा जाता है। सामान्य तौर पर वित्तीय समावेशन की सफलता का आकलन […]
कोरोना वायरस महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वरूप कुछ बदलने की राह पर जाता दिखाई दे रहा है। अभी तक भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान काफ़ी कम रहता है एवं सेवा क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक रहता है। परंतु बदली हुई परिस्थितियों में कृषि का योगदान कुछ बढ़ता नज़र आ रहा है एवं […]
सामान्य तौर पर वित्तीय समावेशन की सफलता का आँकलन इस बात से हो सकता है कि सरकार द्वारा इस सम्बंध में बनायी जा रही नीतियों का फ़ायदा समाज के हर तबके, मुख्य रूप से अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक, पहुँच रहा है। भारत में वर्ष 1947 में 70 प्रतिशत लोग ग़रीबी की रेखा से […]
प्रह्लाद सबनानी अब यदि भारत को आत्म निर्भर बनाने की स्थिति में लाना है तो हमें अपने मौलिक चिंतन में भी परिवर्तन करना होगा। आज यदि हम वैश्विक बाज़ारीकरण की मान्यताओं पर विश्वास करते हैं तो इस पर देश को पुनर्विचार करने की सख़्त ज़रूरत है। वर्ष 1991 में भारत में आर्थिक सुधार कार्यक्रम लागू […]
वर्ष 1991 में भारत में आर्थिक सुधार कार्यक्रम लागू होने के बाद से उत्पादों के आयात के मामले में हम पूरे तौर पर चीन की ओर झुक गए हैं इसका हमें आभास हुआ कोरोना वायरस की महामारी के दौरान जब यह सोचा जाने लगा कि यदि कोरोना महामारी का प्रभाव चीन में लम्बे समय तक […]
प्रह्लाद सबनानी अभी हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस ने सुरक्षा प्राधिकृत अधिनियम पारित किया है इसमें चीन द्वारा हाल ही में भारत के विरूद्ध की जा रही गतिविधियों की आलोचना की गई है एवं भारत के साथ खड़े होने का संकल्प दोहराया गया है। अभी हाल ही में भारत अमेरिका व्यापार परिषद की स्थापना के […]
अभी हाल ही में भारत अमेरिका व्यापार परिषद की स्थापना के 45 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी ने भारत विचार शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमेरिका सहित विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रण दिया। प्रधानमंत्री ने, स्वास्थ्य, रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा, बीमा समेत […]