प्रह्लाद सबनानी ईस्ट इंडिया कम्पनी के भारत में आगमन के पूर्व विश्व के विनिर्माण उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी वर्ष 1750 में 24.5 प्रतिशत थी, जो वर्ष 1800 में घटकर 19.7 प्रतिशत हो गई और 1830 में 17.8 प्रतिशत हो गई। आगे वर्ष 1880 में केवल 2.8 प्रतिशत रह गई। अभी हाल ही में ग्वालियर […]
लेखक: प्रहलाद सबनानी
लेखक भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवर्त उप-महाप्रबंधक हैं।
कोरोना महामारी के दूसरे दौर के बीच, वित्तीय वर्ष 2021-22 की द्वितीय तिमाही के दौरान, भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी का दौर जारी रहा है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद में जुलाई-सितम्बर 2021 तिमाही में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में सबसे अधिक है। हालांकि […]
भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में सबसे महान एवं विश्व की सभ्यताओं में सबसे पुरानी संस्कृति मानी जाती है। भारतीय संस्कारों की वैज्ञानिकता पर तो आज अमेरिका सहित अन्य कई विकसित देशों को आश्चर्य हो रहा है कि किस प्रकार आज से कई हजारों साल पहिले भारत में सभ्यता इतनी विकसित अवस्था में रही थी। भारतीय […]
इतिहास गवाह है – भारत में दूध की नदियां बहती थीं, भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था, भारत का आध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से पूरे विश्व में बोलबाला था, भारतीय सनातन धर्म का पालन करने वाले लोग सुदूर इंडोनेशिया तक फैले हुए थे। भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग […]
अभी हाल ही में अखिल भारतीय ऋण एवं निवेश सर्वे का प्रतिवेदन वर्ष 2018 के लिए जारी किया गया है। इस प्रतिवेदन के अनुसार वर्ष 2012 एवं 2018 के बीच ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में औसत ऋण की राशि में काफी सुधार देखने में आया है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण की राशि में 84 प्रतिशत […]
प्रह्लाद सबनानी राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण रखने के कारण मुद्रास्फीति पर भी अंकुश पाया जा सकता है। जोकि अगस्त 2021 माह में खुदरा मुद्रास्फीति की दर में दर्ज की गई कमी के रूप में दृष्टिगोचर हुआ है। अगस्त 2021 माह में खुदरा मुद्रास्फीति की दर घटकर 5.3 प्रतिशत तक नीचे आ गई है। वर्ष 2014 […]
कोरोना महामारी के दौर में भारत ही नहीं बल्कि विश्व के लगभग सभी देशों में बेरोजगारी की दर में बेतहाशा वृद्धि दृष्टिगोचर हुई थी। परंतु, भारत ने कोरोना महामारी के द्वितीय दौर के बाद जिस तेजी से अपनी अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी की दर को कम करने में सफलता पाई है, वह निश्चित ही तारीफ के […]
मार्च 2020 के बाद कोरोना महामारी के प्रथम दौर के दौरान पूरे देश में लगाए गए लॉकडाउन के कारण भारत में आर्थिक गतिविधियां, कृषि क्षेत्र को छोड़कर, लगभग ठप्प सी पड़ गई थीं। इसके कारण अप्रेल-जून 2020 में आर्थिक विकास दर ऋणात्मक 25 प्रतिशत रही थी। देश की 60 प्रतिशत से अधिक अर्थव्यवस्था पर विपरीत […]
प्रह्लाद सबनानी भारत से निर्यात किए जा रहे उत्पादों की टोकरी में शामिल विभिन्न उत्पादों का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि देश से रोजगारोन्मुखी उद्योगों के उत्पाद तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। यह देश के लिए हर्ष का विषय होना चाहिए। कोरोना महामारी की प्रथम एवं द्वितीय लहर के दौरान पूरे […]
प्रह्लाद सबनानी उद्योग क्षेत्र ने कमाल कर दिया है एवं इस क्षेत्र ने अप्रैल-जून 2021 तिमाही के दौरान 46.6 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है। विनिर्माण क्षेत्र ने 49.6 प्रतिशत एवं निर्माण क्षेत्र ने 68.3 प्रतिशत की वृद्धि दर अर्जित की है। इसी प्रकार सेवा क्षेत्र ने भी 11.4 प्रतिशत की विकास दर हासिल […]