प्रह्लाद सबनानी भारत और कई दूसरे देशों में ऐसे अनेक धार्मिक एवं आध्यात्मिक संगठन है जहां इन संगठनों के संस्थापकों को गुरु मानकर उनका पूजन करने की परम्परा है। इस प्रचिलित परिपाटी से हटकर संघ में डॉक्टर हेडगेवार की जगह भगवा ध्वज को गुरु मानने का विचार विश्व में समकालीन इतिहास की अनूठी पहल है। […]
लेखक: प्रहलाद सबनानी
लेखक भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवर्त उप-महाप्रबंधक हैं।
प्रह्लाद सबनानी तेल का उत्पादन करने वाली कम्पनियां जो कच्चे तेल को परिष्कृत कर पेट्रोल एवं डीजल के रूप में इसका निर्यात के व्यवसाय से जुड़ी हुई हैं, उनके उत्पादों पर निर्यात कर लागू कर देने से इन कम्पनियों के निर्यात की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। 1 जुलाई 2022 से केंद्र सरकार ने भारत से […]
यदि भारत के गौरवशाली इतिहास पर नजर दौड़ाते हैं तो ध्यान में आता है कि हिंदू सनातन संस्कृति के अंतर्गत कई महानुभावों को गुरु के आशीर्वाद एवं सानिध्य से ही देवत्व की प्राप्ति हुई है। दूसरे शब्दों में, देवत्व प्राप्त करने के लिए इन महानुभावों को गुरु के श्रीचरणों में जाना पड़ा है। इस प्रकार […]
अभी हाल ही में सम्पन्न हुई विश्व व्यापार संगठन की बैठक में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जो विशेष रूप से, भारत की अगुवाई में, विकासशील देशों की जीत के रूप में देखे जा रहे हैं। दिनांक 17 जून 2022 का दिन विश्व व्यापार संगठन के इतिहास में स्वर्णअक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि […]
अभी हाल ही में अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने भारतीय अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण (आउटलुक) में सुधार (अपग्रेड) किया है। फिच रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन रेटिंग के आउटलुक को “नकारात्मक” श्रेणी से अपग्रेड कर “स्थिर” श्रेणी में ला दिया है। भारत की सावरन रेटिंग में यह सुधार देश में तेजी से हो रहे आर्थिक सुधारों […]
सनातन हिंदू संस्कृति में किसी भी जीव की हत्या निषेध है और ऐसा माना जाता है कि अपने लिए पूर्व निर्धारित भूमिका को निभाने के उद्देश्य से ही विभिन्न जीव इस धरा पर जन्म लेते हैं एवं सभी जीवों में आत्मा का वास होता है। इसलिए हिंदू धर्मावलम्बियों द्वारा पशु, पक्षियों, पेड़, पौधों, नदियों, पर्वतों, […]
कोरोना महामारी के बाद पूरे विश्व में, विशेष रूप से विकसित देशों में, लगातार तेजी से बढ़ रही मुद्रा स्फीति (महंगाई) को नियंत्रित करने के उद्देश्य से ब्याज दरों में की जा रही वृद्धि के चलते अब इन देशों में आर्थिक मंदी आने की सम्भावना व्यक्त की जाने लगी है। आर्थिक मंदी से तात्पर्य वस्तुओं […]
भारत की 50 प्रतिशत आबादी मातृशक्ति के रूप में विद्यमान है। देश के आर्थिक विकास को यदि पंख लगाने हैं तो इस आधी आबादी को सशक्त कर उन्हें उत्पादक कार्यों में लगाना अनिवार्य है। विशेष रूप से वर्ष 2014 में केंद्र में श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के आने के बाद से भारत में मातृशक्ति […]
अभी हाल ही में, 15 जून 2022 को, स्विटजरलैंड स्थित प्रबंधन विकास संस्थान (इन्स्टिटयूट फोर मेनेजमेंट डेवलपमेंट) द्वारा विश्व प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक जारी किया गया है। इस सूचकांक में भारत ने, एशिया के सभी देशों के बीच, सबसे लम्बी छलांग लगाते हुए पिछले वर्ष के 43वें स्थान से इस वर्ष 37वां स्थान प्राप्त किया है। उक्त […]
कोरोना महामारी के खंडकाल में चूंकि आर्थिक गतिविधियां पूरे विश्व में ही विपरीत रूप से प्रभावित हुई थीं और इससे न केवल कई गरीब परिवारों ने अपना रोजगार खोया था बल्कि मध्यमवर्गीय परिवारों की आय में भी खासी कमी हुई थी। अतः ऐसा आभास होता रहा था कि भारत में इस खंडकाल में आय की […]